अनुकम्पा नियुक्ति हेतु अनशन पर बैठी विधवाओंके समर्थन में आई दीपिका कहा महिलाओं का दर्द क्या जाने संवेदनहीन भूपेश सरकार

अनुकम्पा नियुक्ति हेतु अनशन पर बैठी विधवाओंके समर्थन में आई दीपिका कहा महिलाओं का दर्द क्या जाने संवेदनहीन भूपेश सरकार

 

 

रायपुर बूढ़ातालाब धरना स्थल पर पहुंच कर की विधवाओं से बात 

 

पिछले 57 दिन से अनशन कर रही विधवाओं ने प्रशासन के आश्वाशन पर खत्म की अपनी हड़ताल

 

संवेदनहीन भूपेश सरकार क्या जाने महिलाओं का दर्द-दीपिका

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के बूढ़ातालाब के पास पिछले सन्तावन दिनों से अनुकम्पा नियुक्ति को लेकर महिलाओं के द्वारा आंदोलन किया जा रहा है परन्तु सरकार की ओर से इस पर कोई ठोस प्रतिक्रिया अभी तक नहीं दी गई है इस मामले पर भाजपा नेत्री भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता दीपिकाशोरी ने रायपुर बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर पहुंच कर इन पीड़ित विधवाओं से बात की व उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भूपेश सरकार को संवेदनहीन सरकार की संज्ञा देते हुए उन्हें महिलाओं का दर्द क्या होता है कहा उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में 2004 से 2018 तक 1300 मामले पेंडिंग है जो कि कर्मियों के संविलियन से पहले के मामले हैं 

भपेश सरकार की हठधर्मिता से तंग आकर आंदोलन कारी एक महिला ने अग्नि संस्कार का किया प्रयास भी किया है

अनुकंपा नियुक्ति की माँग क़ो लेकर भूख हड़ताल पर बैठी विधवाओं की सारी मांगे जायज है 

अनुकंपा नियुक्ति को लेकर राजधानी मे आक्रोशित पीड़ित महिलाएं 56 दिन से आंदोलन पर थी परन्तु सरकार कोई ठोस चर्चा नही चाहती जिसकी वजह से लगातार राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर विधवाओं के द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा था. महिलाओ का कहना है की हमारे पति के मृत्यु हो जाने के बाद से जीवन यापन करना मुस्किल हो गया है इसलिए अनुकंपा नियुक्ति के तहत हमें नौकरी दिया जाए इनकी माँग है की इन्हे इनकी योग्यतानूरूप पदो पर नियुक्ति दी जाय मैं पूछना चाहती हूं भूपेश सरकार से महिलाओं की मांग अभी तक पूरी क्यों नहीं कि जा रही है इनमें कुछ महिलाओं के पति,कुछ के भाई तो कुछ महिलाओं के पिता असमय स्वर्गवासी हो गए हैं ऐसे में शासन की जिम्मेदारी होती है कि उन परिवारों का ख्याल रखे,क्योकि की जिस परिवार को मुखिया ही गुजर जाय उसकी हालत क्या होती है शायद यह उस परिवार की महिला से बेहतर कोई नहीं जान सकता। कोई ठोस निर्णय लिए बिना इन विधवाओं को सत्ता का धौंस दिखाकर शासन इनका आंदोलन समाप्त करने में सफल तो हो गई परन्तु मैं उन्हें चेताना चाहती हूं कि यदि जल्द ही इस दिशा में इन विधवाओं के हित मे सरकार कोई ठोस निर्णय नहीं लेती है तो युवामोर्चा इन विधवाओं के साथ सड़क से सदन तक कि लड़ाई लगेगी !!!