Contract Rules And Regulations : बड़ी खबर! अब ब्रोकर को आसान भाषा में कॉन्ट्रैक्ट के नियम और शर्तों की देनी होगी जानकारी, SEBI ने दिए निर्देश...
Contract Rules And Regulations: Big news! Now the broker will have to give information about the terms and conditions of the contract in simple language, SEBI has given instructions... Contract Rules And Regulations : बड़ी खबर! अब ब्रोकर को आसान भाषा में कॉन्ट्रैक्ट के नियम और शर्तों की देनी होगी जानकारी, SEBI ने दिए निर्देश...




Contract Rules And Regulations :
नया भारत डेस्क : शेयरों में निवेश करने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है। अब स्टॉक ब्रोकर्स (Brokerage Firms) को अपनी सेवा से जुड़े नियम और शर्तों के बारे में निवेशकों को आसान भाषा में बताना होगा। साथ ही उन्हें क्लाइंट से इसका अकनॉलेजमेंट (acknowledgement) भी लेना होगा। SEBI के नए सर्कुलर में यह कहा गया है। मार्केट रेगुलेटर का यह कदम निवेशकों के हित में है। सेबी का यह मानना है कि निवेशक को ब्रोकर की तरफ से दी जाने वाली सेवाओं की मुख्य बातों की जानकारी होनी चाहिए। (Contract Rules And Regulations)
कई बार टेक्निकल प्रॉब्लम की वजह से इनवेस्टर्स को लॉस हो जाता है। जब इनवेस्टर्स इसकी शिकायत ब्रोकरेज फर्म से करते हैं तो वे उन्हें कॉन्ट्रैक्ट की शर्तें पढ़ने को कहती हैं। दरअसल, कॉन्ट्रैक्ट में कई नियम और शर्तों होती हैं। इनमें एक शर्त यह भी होती है कि किसी टेक्निकल प्रॉब्लम से होने वाले लॉस के लिए ब्रोकरेज फर्म जिम्मेदार नहीं होगी। (Contract Rules And Regulations)
कब से लागू होगी नई व्यवस्था?
ब्रोकर्स को सेबी के इस निर्देश का पालन नए निवेशकों के मामले में 1 अप्रैल, 2014 से करना होगा। मौजूदा निवेशकों के लिए यह व्यवस्था 1 जून, 204 से लागू होगी। मार्केट रेगुलेटर ने इस बारे में 13 नवंबर को एक सर्कुलर जारी किया है। यह स्टॉक्स बोकर्स के मास्टर सर्कुलर (MCSB) से अलग है। क्लाइंट्स और ब्रोकरेज फर्म के बीच के संबंध को औपचारिक रूप देने के लिए कुछ डॉक्युमेंट्स को जरूरी बनाया गया है। इनमें अकाउंट ओपनिंग फॉर्म, अधिकार एवं कर्तव्य, रिस्क डिसक्लोजर डॉक्युमेंट्स, गाइंडेंस नोट, पॉलिसीज एंड प्रोसिजर और टैरिफ शीट शामिल होंगी। इन सभी की एक कॉपी ब्रोकरेज फर्म को फ्री में क्लाइंट को उपलब्ध कराना होगा। (Contract Rules And Regulations)
Sebi ने यह निर्देश क्यों दिया?
SEBI के सर्कुलर में कहा गया है कि आम तौर पर ऐसे डॉक्युमेंट्स की संख्या बहुत ज्यादा होती है। इस वजह से क्लाइंट्स ब्रोकरेज फर्म के साथ रिलेशनशिप की मुख्य बातों पर फोकस नहीं कर पाते हैं। इस बात को ध्यान में रख यह फैसला लिया गया है कि ब्रोकर को क्लाइंट को स्टैंडर्ड मोस्ट इंपॉर्टेंट टर्म्स एंड कंडिशंस (MITC) के बारे में बताना होगा। क्लाइंट इस पर अपना अकनॉलेजमेंट देगा। इसके लिए मास्टर सर्कुलर में एक अतिरिक्त क्लॉज जोड़ा जाएगा। (Contract Rules And Regulations)
स्टैंडर्ड MITC कब तक आएगा?
मोस्ट इंपॉर्टेंट टर्म्स एंड कंडिशंस (MITC) के स्टैंडर्ड के स्वरूप आदि को 1 जनवरी, 2024 तक प्रकाशित करना होगा। ब्रोकर्स इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स फोरम (ISF) इसे प्रकाशित करेगा। इस बारे में वह सेबी की राय लेगा। मार्केट रेगुलेटर के सर्कुलर में कहा गया है कि अगर आईएसएफ इसे प्रकाशित नहीं कर पाता है तो सेबी खुद इसे प्रकाशित करेगा। (Contract Rules And Regulations)
इनवेस्टर्स को क्या होगा फायदा?
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि सेबी का यह कदम स्वागतयोग्य है, क्योंकि पिछले 2-3 साल से शेयरों में निवेश करने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है। नए निवेशकों को ब्रोकरेज फर्मों के साथ कॉन्ट्रैक्ट में शामिल नियम एवं शर्तों की जानकारी नहीं होती है। कॉन्ट्रैक्ट की भाषा जटिल होती है। इसमें कई तकनकी शब्दों का इस्तेमाल होता है। इसलिए भी निवेशक के लिए इन्हें समझना जरूरी होता है। (Contract Rules And Regulations)