CG- बड़ी घोषणाएं: CM भूपेश ने मुरिया दरबार में की कई महत्वपूर्ण घोषणाएं... यहां की जाएगी भर्ती.... इंजीनियरिंग कॉलेज का नाम बदला.... वहीं राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरे क़िस्त का वितरण इस तारीख को.... पढ़िए घोषणाएं.....

CG- बड़ी घोषणाएं: CM भूपेश ने मुरिया दरबार में की कई महत्वपूर्ण घोषणाएं... यहां की जाएगी भर्ती.... इंजीनियरिंग कॉलेज का नाम बदला.... वहीं राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरे क़िस्त का वितरण इस तारीख को.... पढ़िए घोषणाएं.....

रायपुर 17 अक्टूबर 2021। मुरिया दरबार में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की है। मंदिर समिति में एक लिपिक और एक भृत्य की भर्ती की जाएगी। जगदलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज का नामकरण वीर झाड़ा सिरहा के नाम पर किया जाएगा। दंतेश्वरी मंदिर में आधुनिक ज्योति कक्ष का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरे क़िस्त का वितरण एक नवम्बर राज्य स्थापना दिवस को किया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने दो दिवसीय जगदलपुर प्रवास के दौरान आज ग्राम आसना स्थित बादल एकेडमी परिसर में आयोजित समारोह में 186 करोड़ 55 लाख रुपए से अधिक के 32 कार्यों का लोकार्पण और 45 करोड़ 82 लाख रुपए से अधिक के 15 कार्यों का भूमिपूजन किया। 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुरिया दरबार को विश्वसनीय दरबार बताते हुए कहा कि इस दरबार में की गई मांगे पूरी होती हैं। विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक बस्तर दशहरा के तहत सिरहासार में आज आयोजित मुरिया दरबार में मुख्यमंत्री ने यह बातें कहीं। इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों द्वारा की गई मांग को पूरा करते हुए मुख्यमंत्री ने टेम्पल कमेटी के लिए एक लिपिक और एक भृत्य की भर्ती की घोषणा करने के साथ ही यहां स्थित शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय का नामकरण वीर झाड़ा सिरहा के नाम पर करने की घोषणा की। उन्होंने दंतेश्वरी मंदिर में आधुनिक ज्योति कक्ष के निर्माण की घोषणा भी की।

आज मुरिया दरबार में शामिल होने के लिए सिरहासार पहुंचने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का स्वागत मांझी-चालकियों द्वारा पारंपरिक पगड़ी पहनाकर किया गया। इस अवसर पर उद्योग मंत्री एवं बस्तर जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा, सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष दीपक बैज, संसदीय सचिव रेखचंद जैन, हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष चंदन कश्यप, बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम मंडावी, कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम, चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम, दंतेवाड़ा विधायक देवती कर्मा, बस्तर के माटी पुजारी कमलचंद भंजदेव, क्रेडा अध्यक्ष मिथिलेश स्वर्णकार, मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष एमआर निषाद, महापौर सफीरा साहू, नगर निगम अध्यक्ष कविता साहू सहित जनप्रतिनिधिगण, वरिष्ठ अधिकारीगण, मांझी, चालकी, मेम्बर-मेम्बरिन, नाईक-पाईक, जोगी-पुजारी सहित बस्तर दशहरा समिति के सदस्य उपस्थित थे। 

मुख्यमंत्री बघेल ने इस अवसर पर विश्व में सबसे ज्यादा दिनों तक चलने वाले बस्तर के दशहरे का इस साल भी मिलकर किए गए संचालन को बहुत सुंदर बताते हुए इसके लिए बस्तर दशहरा समिति के सभी सदस्यों और प्रशासन को बधाई दी। उन्होंने कहा कि बस्तर दशहरे की कई विशेषताएं हैं,  जिसके कारण देश-विदेश के लोग हर साल इसमें शामिल होने के लिए बस्तर आते हैं। शासन-प्रशासन और पूरे बस्तर संभाग के लोग जिस तरह एकजुटता और आपसी सहयोग के साथ 75 दिनों तक चलने वाले इस आयोजन को सफल बनाते हैं, वह भी बस्तर दशहरे की विशेषता है। उन्होंने लोगों को एकजूट रखने के लिए इस संस्कृति और परंपराओं को आवश्यक बताते हुए इसे सबसे बड़ी ताकत बताया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के पीछे अपनी संस्कृति और परंपरा को बचाए रखने की चिंता भी एक बड़ा कारण थी। आज हम लोग इसी दिशा में प्राथमिकता के साथ काम कर रहे हैं। बस्तर के साथ-साथ पूरे छत्तीसगढ़ की संस्कृति को सहेजने के लिए बीते तीन वर्षों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। पहले तीजा-पोरा, कर्मा जयंती, विश्व आदिवासी दिवस, छठ पर्व जैसे लोक त्यौहारों में सरकारी छुट्टी नहीं मिलती थी। हमारी सरकार ने छुट्टियां शुरु की, ताकि छत्तीसगढ़ के लोग अपने त्यौहारों का ठीक तरह से आनंद ले सकें। इन्हीं त्यौहारों के माध्यम से हमारे संस्कार एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचते है। बस्तर में देवी-देवताओं को मानने की संस्कृति को विशिष्ट बताते हुए कहा कि बस्तर इकलौता स्थान है, जहां देवी-देवताओं की आराधना करने के साथ ही उनके साथ अपना संपूर्ण जीवन व्यतीत करते हैं। वे अपने देवताओं के साथ खाते हैं, गाते हैं, नाचते हैं और देवताओं से रुष्ट भी होते हैं। उन्होंने कहा कि बस्तर की इस संस्कृति के बारे में देश-दुनिया को जानने और समझने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अपनी संस्कृति को बचाए रखने के लिए ही बस्तर संभाग में देवगुड़ियों और गोटुलों का संरक्षण किया जा रहा है। देवगुड़ियों के विकास और सौंदर्यीकरण के काम में पैसों की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।  बस्तर और बस्तर की आदिम संस्कृति की चर्चा तो पूरी दुनिया में होती है, लेकिन लोग आज भी इसके बारे में अच्छी तरह नहीं जानते हैं। यहां की आदिवासी संस्कृति से पूरी दुनिया को परिचित कराने के लिए ही हम लोगों ने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन शुरु किया है। सन् 2019 में रायपुर में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया था। इसमें देश के 25 राज्यों के 2500 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। साथ ही साथ बांग्लादेश, श्रीलंकाए बेलारूस, मालदीव, थाईलैंड और युगांडा के कलाकारों ने भी अपनी कला का प्रदर्शन किया था। यह आयोजन तीन दिनों तक चला था। सन् 2020 में कोरोना.संकट के कारण यह आयोजन नहीं हो पाया था। लेकिन अब स्थिति बेहतर है, इसलिए इस साल भी राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के भव्य आयोजन की तैयारी है। हमारे जनप्रतिनिधि पूरे देश में यात्रा करके न्योता बांट रहे हैं। इस बार राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव 28 से 30 अक्टूबर को रायपुर में आयोजित होगा। देशभर के आदिवासी कलाकार इस बार भी अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने इस अवसर सभी को आदिवासी नृत्य महोत्सव में शामिल होने का न्यौता भी दिया। 

सीएम बघेल ने कहा कि मुरिया दरबार का अपना शानदार इतिहास रहा है। इसमें शामिल होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। यह मुरिया दरबार हमारी संस्कृति की लोकतांत्रिक परंपराओं का सुंदर उदाहरण है। इस मुरिया दरबार में राजाए प्रजाए अधिकारी-कर्मचारी सब मिल-बैठकर बात करते हैं। गांव-समाज की समस्याओं पर बात करते हैं। अब तक जो विकास हुआ है, उस पर बात करते हैं और भविष्य में किस तरह विकास करना है इसकी योजना भी बनाते हैं। आज मैं इस दरबार में आप लोगों को विश्वास दिलाता हूंए विकास, विश्वास और सुरक्षा की नीति पर चलते हुए हमने जिस सुंदर, सुखद और समृद्ध बस्तर के निर्माण का वादा आपसे किया हैं, उस दिशा में इसी तरह ईमानदारी से काम करते रहेंगे।

 इस अवसर पर उद्योग मंत्री एवं बस्तर जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने बस्तर की लोक संस्कृति को संरक्षित करने के लिए गांवों में देवगुड़ी निर्माण के लिए 5 लाख रुपए और गोटुल निर्माण के लिए 10 लाख रुपए प्रदान करने के आभार व्यक्त किया। उन्होंने बस्तर दशहरा को सफल बनाने के लिए के लिए कड़ी मेहनत करने वाले मांझी-चालकी, मेम्बरिन सहित अन्य सदस्यों के मानदेय बढ़ाने के लिए भी मुख्यमंत्री का धन्यवाद दिया। 

इस अवसर पर सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पहले  बस्तर दशहरा समिति से जुड़े सदस्यों के मानदेय नहीं मिलने या कम मिलने जैसी समस्याएं थीं, जिसे वर्तमान सरकार ने दूर किया है। इससे सदस्यों में खुशी है। उन्होंने कहा कि बस्तर दशहरा के लिए रथ निर्माण हेतु होने वाली पेड़ों की कटाई की भरपाई नए पौधे लगाने की परंपरा की शुरुआत हो गई है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष रथ निर्माण के लिए 53 वृक्ष काटे गए थे, जिसके एवज में साल के 500 पौधे लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि मांझी चालकी भवन के लिए भी 15 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। संसदीय सचिव रेखचंद जैन और कलेक्टर रजत बंसल ने इस अवसर पर संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मांझी-चालकी, कार्यकारिणी सदस्यों को मानदेय राशि का वितरण भी किया। 

 

राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरी किश्त की राशि मिलेगी राज्य स्थापना दिवस पर

 

मुख्यमंत्री ने मुरिया दरबार में बताया कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत तीसरी किश्त की राशि का भुगतान राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर एक नवंबर को किया जाएगा। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को राज्य स्थापना दिवस में आमंत्रित भी किया।

 

इसके तहत सीएम बघेल ने लगभग 6 करोड़ रूपए की लागत से बस्तर विश्व विद्यालय जगदलपुर में नव निर्मित एमबीए अध्ययन शाला भवन, 68 लाख रूपए की लागत से ग्राम कुरंदी में निर्मित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन, 95 लाख 35 हजार रूपए की लागत से जगदलपुर विकासखण्ड के पुसपाल में निर्मित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भवन, 23 करोड़ 17 लाख रूपए की लागत से जगदलपुर शहर में मां दन्तेश्वरी मंदिर से एनएमडीसी रेस्ट हाऊस तक 3.52 किलोमीटर लम्बी प्रगति पथ, 43 करोड़ 21 लाख रूपए की लागत की 25.50 किलोमीटर नानगूर-नेतानार-कोलेंग मार्ग, 14 करोड़ 4 लाख रूपए की लागत से ग्राम-परपा मंे निर्मित 112 नग जी टाईप पुलिस आवासगृह, 22 करोड़ 82 लाख रुपए की लागत से निर्मित 29 किलोमीटर लंबी दरभा से कटेकल्याण मार्ग, 35 करोड़ 90 लाख रुपए की लागत से निर्मित 45 किलोमीटर लंबी चित्रकोट बारसूर मार्ग, लगभग 2 करोड़ 57 लाख रुपए की लागत से निर्मित सात किलोमीटर लंबी एरमुर से कस्तुरपाल मार्ग, लगभग 2 करोड़ 72 लाख रुपए की लागत से निर्मित 5 किलोमीटर लंबी लामकेर-टिकनपाल-बालेंगा मार्ग, लगभग 1 करोड़ 68 लाख रुपए की लागत से निर्मित 3.20 किलोमीटर लंबी घाटपाली से महुपाल बरई मार्ग, लगभग 1 करोड़ 85 लाख रुपए की लागत से निर्मित 5.5 किलोमीटर लंबी केशरपाल-सोरगांव मार्ग, लगभग 2 करोड़ 66 लाख रुपए की लागत से निर्मित 7 किलोमीटर लंबी मुंडागांव से राजपुर मार्ग, 1 करोड़ 63 लाख रूपए की लागत से निर्मित 2.20 किलोमीटर लंबी दरभा से तीरथगढ़ मार्ग तथा 1 करोड़ 48 लाख रूपए की लागत से तीरथगढ़ कटेकल्याण मार्ग, 69 लाख 30 हजार रूपए की लागत से 3-3 केव्ही के 6 स्थानों पर स्थापित सोलर स्ट्रीट लाईट संयंत्र, 4 करोड़ 10 लाख रूपए की लागत से ग्राम चित्तालुर में 6 स्थानों में स्थापित 120 एचपी का सामुदायिक सौर सिंचाई योजना, लगभग 2 करोड़ 66 लाख रूपए की लागत से 18 स्थानों में जल जवीन मिशन अन्तर्गत स्थापित सोलर ड्यूल पम्प, लगभग 1 करोड़ 13 लाख रूपए की लागत से 20 स्थानों में पेजयल सोलर ड्यूल पम्प, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के अन्तर्गत लगभग 49 लाख रूपए की लागत से जिला पंचायत जगदलपुर के पास सीएससी भूतल एवं प्रथम तल, लगभग 19 लाख रूपए की लागत से शहीद पार्क जगदलपुर में गढ़कलेवा में निर्मित कार्य, लगभग 2 करोड़ 58 लाख रूपए की लागत से जगदलपुर में निर्मित कन्या क्रीड़ा परिसर भवन, लगभग 1 करोड़ 21 लाख रूपए की लागत से जिला पुरातत्व संग्रहालय भवन में निर्माण एवं अन्य मरम्मत कार्य, लगभग 1 करोड़ 92 लाख रूपए की लागत से दलपत सागर की उतरी छोर में बनाए गए पाथवे, पेंटिंग एवं विद्युतीकरण कार्य, लगभग 76 लाख रूपए की लागत से दलपत सागर के आईलैण्ड में सौन्दर्यीकरण के कार्य, लगभग 54 लाख रूपए की लागत से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तितिरगांव और कुम्हरावंड में निर्मित 2-2 एच टाईप स्टॉफ क्वार्टर, लगभग 16 लाख रूपए की लागत से हर्राकोडेर में निर्मित आयुर्वेदिक औषधालय भवन, 5 करोड़ 21 लाख रुपए की लागत से ग्राम आसना में निर्मित बस्तर एकेडमी ऑफ डांस, आर्ट एंड लैंग्वेज, 2 करोड़ 6 लाख रुपए की लागत से निर्मित बस्तर आर्ट गैलरी (कलागुड़ी), 87 लाख रुपए की लागत से लालबाग मैदान में स्थापित हाईमास्ट लाईट एवं 49 लाख रुपए की लागत से दलपत सागर में बाह्य विद्युतीकरण कार्य का लोकार्पण किया।

इसके साथ ही लगभग 9 करोड़ 16 लाख रूपए की लागत से जगदलपुर शहर के गोल बाजार के विकास कार्य एवं विद्युतीकरण कार्य,  50 लाख रूपए की लागत से माता रूकमणी सेवा संस्थान विनोबा ग्राम डिमरापाल जगदलपुर में मिनी फुटबाल ग्राउण्ड का निर्माण, 7 करोड़ 63 लाख रूपए की लागत से 150 स्थानों पर सोलर हाईमास्ट, 1 करोड़ 50 लाख रूपए की लागत से 15 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों प्री बर्थ वेटिंग कक्ष, 20 लाख रूपए की लागत से धुरवा समाज के लिए सामाजिक भवन, लगभग 50 लाख रूपए की लागत से ग्राम छिन्दावाड़ा में आश्रम भवन का नवीनीकरण एवं प्रथम तल में अतिरिक्त कक्ष निर्माण,  लगभग 1 करोड़ 89 लाख रूपए की लागत से ग्राम नगरनार के बाजार स्थल को विकसित करने का कार्य, लगभग 50 लाख रूपए की लागत से ग्राम बुरूंदवाड़ा सेमरा में अहाता निमार्ण कार्य, 2 करोड़ रूपए की लागत से मेडिकल कॉलेज डिमरापाल जगदलपुर परिसर में गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों के परिवारजनों एवं सुश्रुषा करने वालों के लिए ट्रांजिट हॉस्टल का निर्माण, 4 करोड़ 54 लाख रूपए की लागत से विभिन्न मार्गों 24 मार्ग पर नवीनीकरण एवं पेच रिपेयर कार्य, लगभग 4 करोड़ 93 लाख रूपए की लागत से विभिन्न मार्गों 25 मार्ग पर नवीनीकरण एवं पेच रिपेयर कार्य, 5 करोड़ 46 लाख रूपए की लागत से बस्तर विकासखण्ड अन्तर्गत विभिन्न मार्गों 12 मार्ग पर नवीनीकरण एवं पेच रिपेयर कार्य का भूमिपूजन करेंगे। 5 करोड़ 1 लाख रूपए की लागत लोहण्डीगुड़ा विकासखण्ड अन्तर्गत विभिन्न मार्गों 18 मार्ग पर नवीनीकरण एवं पेच रिपेयर कार्य, 1 करोड़ 85 लाख रूपए की लागत से लोहण्डीगुड़ा विकासखण्ड अन्तर्गत विभिन्न मार्गों 7 मार्ग पर नवीनीकरण एवं पेंच रिपेयर कार्य, 13 लाख 60 हजार रूपए की लागत से जगदलपुर विकासखण्ड अन्तर्गत दलपत सागर के उत्तरी छोर में दुकान निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया।