CG- मिड डे मिल में दूध BREAKING: सरकार का बड़ा फैसला... आंगनबाड़ियों और स्कूलों में मध्यान्ह भोजन में बच्चों को अब मिलेगा गरम दूध... गौठानों से होगा सप्लाई... आदेश जारी....
Chhattisgarh Government big decision, Children will now get hot milk in mid-day meals in Anganwadis and schools, supplied from Gauthans रायपुर 7 जुलाई 2022। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गांवों के गौठानों में पशुपालन और डेयरी व्यवसाय को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गौठानों में उत्पादित दूध की गांवों में खपत करने और पशुओं के चारे की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसान लाभान्वित हो रहे हैं, इसी तरह गौठानों में संचालित डेयरी से उत्पादित दूध की गांवों में खपत और पशुओं के चारे की व्यवस्था होने से पशुपालक लाभान्वित होंगे और पशुपालन के लिए प्रोत्साहित होंगे। उन्होंने कहा कि गांवों के आंगनबाड़ी केन्द्रों और स्कूलों में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के तहत जिला प्रशासन के सहयोग से बच्चों को उबालकर दूध उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। इससे पशुपालकों को दूध का वाजिब मूल्य मिलेगा। ग्रामीण दूधारु पशुपालन के लिए प्रोत्साहित होंगे। गौ-माता की सेवा होगी। ग्रामीण अंचल में दूध की उपलब्धता बढ़ने से पोषण स्तर बेहतर होगा। मुख्यमंत्री बघेल ने मुख्य सचिव को इसके लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए।




Chhattisgarh Government big decision, Children will now get hot milk in mid-day meals in Anganwadis and schools, supplied from Gauthans
रायपुर 7 जुलाई 2022। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गांवों के गौठानों में पशुपालन और डेयरी व्यवसाय को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गौठानों में उत्पादित दूध की गांवों में खपत करने और पशुओं के चारे की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसान लाभान्वित हो रहे हैं, इसी तरह गौठानों में संचालित डेयरी से उत्पादित दूध की गांवों में खपत और पशुओं के चारे की व्यवस्था होने से पशुपालक लाभान्वित होंगे और पशुपालन के लिए प्रोत्साहित होंगे। उन्होंने कहा कि गांवों के आंगनबाड़ी केन्द्रों और स्कूलों में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के तहत जिला प्रशासन के सहयोग से बच्चों को उबालकर दूध उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। इससे पशुपालकों को दूध का वाजिब मूल्य मिलेगा। ग्रामीण दूधारु पशुपालन के लिए प्रोत्साहित होंगे। गौ-माता की सेवा होगी। ग्रामीण अंचल में दूध की उपलब्धता बढ़ने से पोषण स्तर बेहतर होगा। मुख्यमंत्री बघेल ने मुख्य सचिव को इसके लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को राशि वितरण और राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत हितग्राहियों को अनुदान राशि वितरण के लिए आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए ये निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर बेचने वाले पशुपालकों, ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 10 करोड़ 84 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी की। इस राशि में से 15 जून से 30 जून तक राज्य के गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किए गए गोबर के एवज में 3.69 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया। गौठान समितियों को 4.31 करोड़ और महिला समूहों को 2.84 करोड़ रूपए की लाभांश राशि का भुगतान किया। इसी तरह उन्होंने राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत 25 हितग्राहियों को 13.63 लाख रूपए की अनुदान राशि का भुगतान हितग्राहियों के खाते में किया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कांकेर जिले के पोटगांव गौठान, कोण्डागांव के बोलबोला गौठान, बलौदाबाजार के पुरैना खपरी गौठान, दुर्ग के मोहलई गौठान एवं रायगढ़ के बनसियां गौठान में पशुपालन कर रहे हितग्रहियों से चर्चा कर उनसे राज्य शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई अनुदान राशि, दूध का गांवों में मिल रहे रेट की जानकारी भी ली।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि अलग-अलग गांवों में दूध का अलग-अलग रेट हितग्राहियों को मिल रहा है। आंगनबाड़ी और स्कूलों में दूध वितरण की व्यवस्था से दूध के रेट में एकरूपता आएगी। उन्होंने कहा कि गौठानों में डेयरी व्यवसाय कर रहे हितग्राहियों को छह माह बाद एक अतिरिक्त गाय अन्य योजना से दी जाएगी। मुख्यमंत्री बघेल ने भेंट-मुलाकात अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन के साथ चल रही अन्य गतिविधियों से गांवों में बदलाव नजर आ रहा है। लोगों की आय बढ़ी है और उनमें एक नया आत्मविश्वास जगा है। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना की सफलता से प्रदेश में गौठानों की संख्या में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सालभर में खरीदे गए गोबर की मात्रा और गोबर खरीदी की राशि में वृद्धि हुई है। योजना के तहत अब तक 75 लाख 38 हजार क्विंटल गोबर की खरीदी हुई है तथा गौठानों में गोबर बेचने वाले ग्रामीणों और पशुपालकों को अब तक गोबर के एवज में 150.75 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को अब तक 143.19 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। गोधन न्याय योजना से 2 लाख 11 हजार से अधिक ग्रामीण, पशुपालक किसान लाभान्वित हो रहे हैं। गोबर बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित करने वालों में 45.97 प्रतिशत संख्या महिलाओं की है। इस योजना से एक लाख 33 हजार से अधिक भूमिहीन परिवार लाभान्वित हो रहे हैं। गौठानों की आजीविका गतिविधियों के माध्यम से महिला स्व-सहायता समूहों ने अब तक 72 करोड़ 19 लाख रूपए की आय प्राप्त की है।
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि गौठानों एवं ग्रामीण औद्योगिक पार्क को विद्युत देयक में 50 प्रतिशत की रियायत देने और गौठानों में सम्बद्ध, स्व-सहायता समूहों और प्राथमिक सहकारी समितियों को कम्पोस्ट विक्रय पर प्रोत्साहन राशि और वार्षिक कम्पोस्ट विक्रय पर बोनस राशि देने के आज केबिनेट में लिए गए निर्णय से गौठानों में नई-नई औद्योगिक इकाईयां स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि गौठानों में अब तक 16 लाख 43 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया है, इसमें से 13 लाख 69 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का वितरण किसानों और विभिन्न विभागों को किया जा चुका है। गौठानों में 2.89 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट गौठानों में उपलब्ध है। गौठानों मे वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन रासायनिक खादों की कमी से निपटने में काफी हद तक मदद मिली है। लगभग 2 लाख 94 हजार किसानों ने वर्मी कम्पोस्ट लिया है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश के 3089 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं। कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने गोधन न्याय योजना की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने गौठानों में गौ-मूत्र, क्रय एवं उत्पादन की कार्य योजना के संबंध में प्रस्तुतीकरण भी दिया।
इस अवसर पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंह देव, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी गुरू रूद्र कुमार, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री अमरजीत सिंह भगत, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, मुख्यसचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव अंकित आनंद, मुख्यमंत्री की उप सचिव सौम्य चौरसिया, गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. अय्याज तंबोली, संचालक कृषि यशवंत कुमार, संचालक पशु चिकित्सा चंदन त्रिपाठी सहित अधिकारी गण उपस्थित थे।