CG News छत्तीसगढ़ को एक और राष्ट्रीय पुरस्कार: ’मोर मयारू गुरूजी’ कार्यक्रम को मिला स्कॉच अवार्ड...छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को नई दिल्ली में किया जाएगा सम्मानित...

छत्तीसगढ़ ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि हासिल की है। छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा संचालित मोर मयारू गुरूजी कार्यक्रम का चयन बुधवार को स्कॉच अवार्ड (सिल्वर) के लिए किया गया है। Chhattisgarh gets another national award: 'Mor Mayaru Guruji' program gets Scotch Award

CG News छत्तीसगढ़ को एक और राष्ट्रीय पुरस्कार: ’मोर मयारू गुरूजी’ कार्यक्रम को मिला स्कॉच अवार्ड...छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को नई दिल्ली में किया जाएगा सम्मानित...
CG News छत्तीसगढ़ को एक और राष्ट्रीय पुरस्कार: ’मोर मयारू गुरूजी’ कार्यक्रम को मिला स्कॉच अवार्ड...छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को नई दिल्ली में किया जाएगा सम्मानित...

Chhattisgarh gets another national award: 'Mor Mayaru Guruji' program gets Scotch Award

रायपुर, 23 नवंबर 2022/छत्तीसगढ़ ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि हासिल की है। छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा संचालित मोर मयारू गुरूजी कार्यक्रम का चयन बुधवार को स्कॉच अवार्ड (सिल्वर) के लिए किया गया है। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को यह अवार्ड नई दिल्ली में प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ने पुरस्कार के लिए आयोग को बधाई दी है। उल्लेखनीय है कि स्कॉच संस्था द्वारा नामांकन से लेकर अंतिम चरण तक लगभग 7 स्तरों पर चरणबद्ध तरीके से मूल्यांकन के बाद यह सम्मान दिया जाता है। मोर मयारू गुरूजी कार्यक्रम के माध्यम से आयोग ने प्रदेश के लगभग 2 हजार शिक्षकों को प्रशिक्षित किया है। 

 

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को स्कॉच अवार्ड मिलने की घोषणा ऑनलाइन कार्यक्रम में की गई। इसमें देशभर से कई राज्य शामिल हुए। छत्तीसगढ़ से राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती तेजकुंवर नेताम, सदस्यगण श्रीमती पुष्पा पाटले, श्रीमती आशा संतोष यादव, श्रीमती संगीता गजभिये, श्री सोनल कुमार गुप्ता, श्री अगस्टीन बर्नाड और सचिव श्री प्रतीक खरे भी कार्यक्रम में शामिल हुए। सभी सदस्यों ने अध्यक्ष श्रीमती नेताम को बधाई दी। इस पर उन्होंने अवार्ड का श्रेय आयोग के सदस्यों के परिश्रम को दिया है। 

 

उल्लेखनीय है कि आयोग के ‘मोर मयारू गुरूजी‘ कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षकों को बाल अधिकारों की रक्षा के लिए खेल एवं अन्य गतिविधियों के माध्यम से रोचक तरीके से प्रशिक्षण दिया जाता है। इस कार्यक्रम को रोचक तरीके से डिजाईन किया गया है। इसकी अवधि मात्र 2 से 3 घण्टे ही रखी गई है, जिससे शिक्षक इसे आसानी से ग्रहण कर सकें। आयोग का यह मानना है कि एक शिक्षक और बच्चे का संबंध 5 वर्ष से 12 वर्ष तक रहता है और इस बीच शिक्षक के व्यक्तित्व का बच्चों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए बाल अधिकार सहित शिक्षकों द्वारा बच्चों से वार्तालाप करते समय और पढ़ाते समय किन बातों पर जोर देना है और किन कमियों को सुधारना है, इन सभी विषयों को मोर मयारू गुरूजी कार्यक्रम में शामिल किया गया है।