VIDEO धरने पर बैठे CM भूपेश BIG ब्रेकिंग: लखनऊ एयरपोर्ट पर CM भूपेश ने दिया धरना.... पुलिस ने एयरपोर्ट से बाहर जाने से रोका तो नाराज होकर फर्श पर बैठ गए.... भारी पुलिस बल तैनात.... देखें VIDEO.....




रायपुर 5 अक्टूबर 2021। लखनऊ एयरपोर्ट में धरने पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बैठ गए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बिना किसी आदेश के मुझे लखनऊ एयरपोर्ट से बाहर जाने से रोका जा रहा है। पुलिस वाले ने जब उन्हें लखीमपुर जाने से रोका तो जमीन पर बैठ गए। उनका वीडियो आया है, जिसमें वे जमीन पर बैठे दिख रहे हैं और पुलिस वाले चारों तरफ से घेरे हुए हैं। मुख्यमंत्री को कल लखीमपुर जाना था। लेकिन, उन्हें लखनउ एयरपोर्ट पर लैंड करने की अनुमति नहीं मिली थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लखीमपुर जाने से रोकने पर वे एयरपोर्ट पर धरना दे दिए हैं।
इससे पहले उन्होंने एक ट्वीट कर यूपी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, 'उत्तरप्रदेश की सरकार मुझे राज्य में न आने देने का फरमान जारी कर रही है। उन्होंने सवाल करते हुए आगे कहा कि क्या उत्तरप्रदेश में नागरिक अधिकार स्थगित कर दिए गए हैं। अगर धारा 144 लखीमपुर में है तो लखनऊ उतरने से क्यों रोक रही है सरकार।
इससे पहले कल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि विशेष पत्रकार वार्ता में मेरे साथ राष्ट्रीय प्रवक्ता, गौरव वल्लभ जी, प्रणव झा जी और संजीव जी उपस्थित हैं। मैं सभी पत्रकार साथियों का स्वागत करता हूं, अभिनंदन करता हूं। कल लखीमपुर की जो घटना है, उससे पूरा देश आंदोलित है। जो घटना घटी सबने मीडिया के माध्यम से देखा कि किस प्रकार से किसानों के साथ बर्बरता की गई, गोलियां चलाई गई, गाड़ियां जलाई गई और गाड़ी चढ़ा दी गई।
दरअसल ये भारतीय जनता पार्टी की सोच रही है। ये सही मायने में कहा जाए तो भारतीय जनता पार्टी अंग्रेजों से प्रेरित, उसकी प्रेरणा लेकर ही ये राजनीति कर रहे हैं। आपको स्मरण होगा कि 1917 में गांधी जी ठेका खेती का विरोध करने चंपारण गए थे। 1919 के जलियांवाला बाग को कोई भूला नहीं। 1921 में शांतिगंज में वहाँ भी अंग्रेजों ने गोलियां चलाई थी, जिसका विरोध नेहरु जी करने गए थे रायबरेली।
आदरणीय साथियों, ये जो आंदोलन है, वो 3 काले कानून, जो बनाए गए, उसके विरोध में पूरे पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान अन्य प्रदेशों में इसका विस्तार हुआ। ये तीन काले कानून के खिलाफ में विभिन्न राज्यों ने विधानसभा में भी प्रस्ताव पारित किया, जिसमें पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडू जैसे राज्यों में इसके खिलाफ में प्रस्ताव पारित किए गए। लेकिन इनकी हठधर्मिता, आपने देखा कि किस प्रकार से ये बात कर रहे हैं, खासकर खट्टर साहब की बात, उन्होंने कहा कि किसान आंदोलनाकारियों को लाठी भांजो, जेल जाओ, बड़े नेता बन जाओ। लखीमपुर में जो केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री हैं, उन्होंने कहा “सुधर जाओ नहीं, तो हम सुधार देंगे”। फिर भारतीय जनता पार्टी के जो ऑफिशियल सोशल मीडिया पोस्ट है, उसमें हमारे जो किसान नेता हैं, राकेश टिकैत जी, उनके लिए किस प्रकार से, किस प्रकार की भाषा का प्रयोग किया गया, सभी जानते हैं और लखीमपुर की घटना से ये बात तय हो गई है कि भारतीय जनता पार्टी को किसान बिल्कुल पसंद नहीं हैं। वो किसानों को दबा देना चाहते है, कुचल देना चाहते हैं, रौंद देना चाहते हैं, विरोध के स्वर को कतई पसंद नहीं करते। ये एक तानाशाही रवैया और इसके विरोध में कल जो घटना घटी, तो हमारे राष्ट्रीय महामंत्री और यूपी की प्रभारी, आदरणीय प्रियंका गांधी जी, वहाँ लखनऊ से सड़क मार्ग से जा रहीं थी। सीतापुर में उन्हें रोका गया, बिना वारंट के रोका गया और उन्हें वहाँ डिटेन किया गया और उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया गया। उसी प्रकार से जब ये घटना घटी तो मुझे भी क्योंकि अब जरूरत है, मुझे एआईसीसी से निर्देश हुआ कि मैं उत्तर प्रदेश जाऊं और वहाँ लखनऊ से मैंने जाने की व्यवस्था की और मुझे भी लखनऊ उतरने नहीं दिया गया। सारे विपक्षी नेताओं को या तो गिरफ्तार कर लिया गया है या घर में नजरबंद कर लिया गया। हर किसी को लखीमपुर जाने से रोका जा रहा है।