Chenab Rail Bridge : ये है दुनिया का सबसे ऊँचा रेल ब्रिज, ब्लास्ट प्रूफ, भूकंपरोधी जैसे कई खासियत, तेज हवा भी नहीं कर पाएगी बाल बांका...

Chenab Rail Bridge: This is the world's highest rail bridge, it has many features like blast proof, earthquake resistant, even strong wind will not be able to destroy it... Chenab Rail Bridge : ये है दुनिया का सबसे ऊँचा रेल ब्रिज, ब्लास्ट प्रूफ, भूकंपरोधी जैसे कई खासियत, तेज हवा भी नहीं कर पाएगी बाल बांका...

Chenab Rail Bridge : ये है दुनिया का सबसे ऊँचा रेल ब्रिज, ब्लास्ट प्रूफ, भूकंपरोधी जैसे कई खासियत, तेज हवा भी नहीं कर पाएगी बाल बांका...
Chenab Rail Bridge : ये है दुनिया का सबसे ऊँचा रेल ब्रिज, ब्लास्ट प्रूफ, भूकंपरोधी जैसे कई खासियत, तेज हवा भी नहीं कर पाएगी बाल बांका...

Chenab Rail Bridge :

 

नया भारत डेस्क : भारत के एक रेलवे पुल ने पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन की नींदें उड़ा दी हैं. यह पुल है केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में. ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना के तहत चिनाब नदी पर बना यह पुल अपनी घोषणा के साथ ही इन दोनों देशों की आंखों की किरकिरी बन गया था, क्योंकि इससे आम आवाजाही तो आसान होगी ही, भारतीय सेना को भी आसानी से आने-जाने का रास्ता मिल जाएगा. (Chenab Rail Bridge)

ब्लास्ट प्रूफ और घाटी में हाई स्पीड ट्रेनों के दौड़ने की राह प्रशस्त करने वाले इस स्टील आर्च ब्रिज को दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल बताया जा रहा है. पाकिस्तान सीमा से इसकी एरियल डिस्टेंस सिर्फ 65 किलोमीटर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतरराष्ट्रीय महत्व के इस पुल को आज राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इसी बहाने आइए जान लेते हैं इसकी खासियतें और पुल से पाकिस्तान-चीन की क्यों उड़ी हुई नीेंद. (Chenab Rail Bridge)

120 सालों तक सेवा देने के लिए डिजाइन किया गया

चिनाब रेलवे ब्रिज की ऊंचाई नदी के तल से 359 मीटर है और इसकी कुल लम्बाई 1315 मीटर है. यह ब्रिज 530 मीटर जमीन के ऊपर और बाकी का 785 मीटर हिस्सा चिनाब वैली के ऊपर बना है. यह पेरिस के एफिल टावर से भी 35 मीटर ऊंचा है. वैसे तो चीन के शुईपई नदी पर बना पुल 275 मीटर ऊंचा है, लेकिन चिनाब रेल ब्रिज की नदी तल से ऊंचाई 359 मीटर है. इस ब्रिज को इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिससे यह 120 सालों तक सेवा देता रहेगा. इससे भारतीय रेलवे की जम्मू से कश्मीर घाटी तक पहुंच आसान होगी. (Chenab Rail Bridge)

भूकंप ज़ोन पांच के लिहाज से किया गया तैयार

इस ब्रिज पर ट्रेनें 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा तक की रफ्तार के साथ दौड़े सकेंगी, जिसका मेन आर्च स्पान 467 मीटर का है, जिसे भारतीय रेलवे का सबसे लम्बा स्पान वाला आर्च ब्रिज बताया जा रहा है. वैसे तो इस ब्रिज का क्षेत्र भूकंप के जोन चार में आता है, लेकिन इसे भूकंप क्षेत्र पांच के लिए डिजाइन किया गया है यानी यह भूकंप के लिहाज से काफी सुरक्षित है और रिक्टर स्केल पर आठ की तीव्रता वाले भूकंप को भी आसानी से झेल लेगा. (Chenab Rail Bridge)

तेज हवा भी नहीं कर पाएगी बाल बांका

इस ब्रिज के निर्माण में इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि कश्मीर घाटी में तेज हवाएं चलती हैं. इसलिए इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिससे यह 266 किलोमीटर प्रति घंटा तक की रफ्तार वाली हवा को आसानी से सह सकता है. चिनाब रेलवे ब्रिज पर दो ट्रैक बिछाए गए हैं, जिससे ट्रेनों को क्रॉसिंग के लिए कहीं रोकना नहीं पड़ेगा. इसको इंक्रीमेंटल लॉन्चिंग या पुश-पुल तकनीक से तैयार किया गया है. एक कर्व के रूप में यह ब्रिज उच्च स्तरीय इंजीनियरिंग का नमूना है. (Chenab Rail Bridge)

 

 

विश्वस्तर की वेल्डिंग का इस्तेमाल किया

चिनाब रेलवे ब्रिज को तैयार करने में कुल 18 खंभे बनाए गए हैं. इसका सबसे ऊंचा कंक्रीट का बना खंभा 49.343 मीटर का है और इसका सबसे ऊंचा स्टील का खंभा करीब 130 मीटर ऊंचाई वाला है. इसे बनाने के लिए 27 हजार टन से भी ज्यादा स्टील का इस्तेमाल किया गया है. खास बात यह है कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की सहायता से इस ब्रिज को ब्लास्ट लोड के लिए भी डिजाइन किया गया है यानी एक तरह से इस ब्रिज पर ब्लास्ट का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. इसे जोड़ने के लिए विश्वस्तर की वेल्डिंग का इस्तेमाल किया गया है. (Chenab Rail Bridge)

इसलिए टेंशन में हैं चीन-पाकिस्तान

लंबे इंतजार के बाद तैयार चिनाब ब्रिज से पाकिस्तान और चीन में इसलिए हड़कंप मचा हुआ है, क्योंकि इसके जरिए कश्मीर घाटी सीधे भारत के दूसरे हिस्सों से जुड़ जाएगी. सुदूर सीमा पर पहुंचने में भारतीय सेना को भी आसानी होगी. सड़क मार्ग पर आने वाली दिक्कतों से बचते हुए सेना और रसद सीधे दुश्मन का मुकाबला करने के लिए आसानी से पहुंच जाया करेंगी. देश भर से घाटी का व्यापार भी बढ़ेगी और आम पर्यटक आसानी से धरती के स्वर्ग के दीदार करने पहुंच पाएंगे. (Chenab Rail Bridge)

वास्तव में जम्मू-कश्मीर को जोड़ने वाले इस ब्रिज का एक हिस्सा रेयासी और दूसरा हिस्सा बक्कल (उधमपुर) में है. करीब 28 हजार करोड़ रुपए की लागत वाले इस ब्रिज का निर्माण 2004 में शुरू हुआ था और इसे साल 2009 में ही पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. हालांकि, सुरक्षा सुरक्षा के मद्देनजर कई बार इसके प्रोजेक्ट साइट पर काम रोकना पड़ा था. (Chenab Rail Bridge)

कश्मीर घाटी में रेलवे का नया सफर

कश्मीर घाटी में फिलहाल उत्तर में बारामूला जिले से जम्मू क्षेत्र के रामबन जिले के बनिहाल तक रेलवे है. नया रेलवे ब्रिज घाटी को सीधे जम्मू के कटरा से जोड़ेगा. इससे कटरा से श्रीनगर तक का सफर पांच से छह घंटे कम में होगा. इससे सड़क मार्ग पर घाटी के लोगों की निर्भरता घटेगी. वैसे भी श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग सर्दी में भारी बर्फबारी, भूस्खलन और हिमस्खलन के कारण अक्सर बंद हो जाता है. इससे लोगों की आवाजाही और व्यापार में परेशानी होती है. (Chenab Rail Bridge)