निजी यात्री बसों में माल ढुलाई को कानूनी रूप से वैध करने के आदेशों को हाई कोर्ट में चुनौती




जयपुर। राजस्थान सरकार के यातायात एवं सड़क सुरक्षा विभाग द्वारा दिनांक 27 जुलाई 2022 को नोटिफिकेशन के माध्यम से एक स्कीम निकाली, जिसके मुताबिक राजस्थान राज्य के अंतर्गत चलने वाले प्राइवेट बसें एक लाइसेंस निर्धारित शुल्क देकर के लिए सकते हैं, जिसके आधार पर वह अपने वाहन में लगेज का परिवहन कर सकते हैं, इस मामले पर कई समाचार पत्रों ने भी प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किए। जिसमें बताया कि इससे बस यात्रियों को खतरा होगा तथा राज्य सरकार ने अपने पैसे के लालच में लोगों की जान दांव पर लगा दी राजस्थान राज्य के अंतर्गत इस तरह के करीब 50000 बसें संचालित हो रही हैं। इस मामले पर राज्य सरकार की गैर जिम्मेदाराना कार्रवाई को चुनौती देते हुए अधिवक्ता मुस्कान खंडेलवाल की ओर से एक जनहित याचिका दायर की गई है। जिसमें बताया गया कि मोटर वाहन अधिनियम 1988 तथा संशोधन अधिनियम 2019 के विभिन्न प्रावधानों के मुताबिक वाहन को फिटनेस होनी जरूरी है तथा वाहन से संबंधित बॉडी संबंधी नियम आटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड के मुताबिक भी बॉडी की छत पर परिवहन करना कानूनन अपराध है, साथ ही यह भी बताया गया कि मई 2022 में राजसमंद के केलवा पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक बस में जोकि अहमदाबाद से जयपुर आ रही थी, आग लग गई। इसलिए राज्य सरकार तत्काल इस नोटिफिकेशन को वापस ले ले साथ ही यह भी बताया कि केंद्र सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग की है, जिम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करें कि कोई भी राज्य सरकार मनमानी ना करें, परंतु उन्होंने इस मामले में अपनी चुप्पी साध रखी है। इस जनहित याचिका पर 16 या 17 अगस्त को सुनवाई होने की संभावना है।