CG - सीएसपीटीसीएल के अभियंता को 02 माह के अन्दर कार्यवाही पूर्ण करने का आयोग ने दिया निर्देश, जिला खेल परिसर में महिला खिलाड़ियों की सुविधा एवं सुरक्षा देने की आयोग ने निर्देश दिया, दोनो पक्षों में सहमति बनी अनावेदक जमीन का मूल दस्तावेज देगा, आवेदिका चार लाख रूपये वापस देगी...




सीएसपीटीसीएल के अभियंता को 02 माह के अन्दर कार्यवाही पूर्ण करने का आयोग ने दिया निर्देश ।
जिला खेल परिसर में महिला खिलाड़ियों की सुविधा एवं सुरक्षा देने की आयोग ने निर्देश दिया।
दोनो पक्षों में सहमति बनी अनावेदक जमीन का मूल दस्तावेज देगा, आवेदिका चार लाख रूपये वापस देगी।
बिलासपुर, 23 फरवरी 2024 : छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं डॉ. अर्चना उपध्याय सदस्य द्वारा आज "प्रार्थना भवन" जल संसाधन विभाग बिलासपुर में महिला उत्पीडन से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 239 वीं व जिला स्तर पर 15 वीं सुनवाई हुई। बिलासपुर में आयोजित जनसुनवाई में आज कुल 45 प्रकरण में सुनवाई की गई।
आज के सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि लगभग 10 महीने हो चुके है अबतक आंतरिक परिवाद समिति ने जांच प्रकिया पूर्ण नहीं की है जबकि 02 सुनवाई हो चुकी है फिर में आवेदिका को अपने साथ सहायक रखने की अनुमति थी परन्तु आंतरिक परिवाद समिति ने नहीं रखने दिया।
अभियंता पावर ट्रासंमिशन में अधीक्षक पदस्थ है, जो आंतरिक परिवाद समिति की अध्यक्ष है, उन्हें इस प्रकरण के संबंध में दो माह के अन्दर सुनवाई करते हुए अपने रिपोर्ट को प्रेषित करने के लिए निर्देश देते हुए उसमें यह भी निर्देशित किया है कि आवेदिका सुनवाई के दौरान सहायक के रूप में अपने पति को भी साथ रख सकती है ताकि आवेदिका निडर होकर अपनी बात रख सके। प्रकरण 02 माह बाद आंतरिक परिवाद समिति की रिपोर्ट आने से पुनः सुना जायेगा।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका सीआईएसएफ में आरक्षक है और पहले पति के मृत्यु के बाद उसने विभाग में पदस्थ आरक्षक से दूसरा विवाह किया है। अनावेदकगण पूर्व विवाह के रिश्ते से जेठ है, दोनो पक्षों को सुना गया पूर्व पति की सम्पति का हक दोनो पक्षों के बीच सहमति से आवेदिका के बच्चों को दे दिया गया है अब दोनो पक्षों के मध्य कोई विवाद नहीं है इसलिए आयोग ने प्रकरण नस्तीबद्ध किया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका महिला खिलाड़ी है। जिला खेल परिसर एसईसीएल दो बैडमिंटन कोर्ट है, लेकिन वहां महिलाओं के खेलने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है और वहां कोई टाईम निर्धारित नहीं किया गया है जिसमें आयोग द्वारा संबंधितअधिकारी को निर्देशित किया गया कि 15 दिवस के अन्दर सुविधा एवं सुरक्षा मुहैया करवाकर आयोग को सूचित किया जाये।
एक अन्य प्रकरण में अनावेदक ने जानकारी दिया है कि उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र का प्रकरण आवेदिका द्वारा न्यायालय में लगाया गया है जो कि लगभग डेढ साल से न्यायालय में लंबित है इस वजह से आयोग ने प्रकरण नस्तीबद्ध किया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने प्रकरण नस्तीबद्ध करने के लिए अपना आवेदन प्रस्तुत किया उसे अपना बकाया राशि प्राप्त हो गया है अतः आवेदिका के सहमति के आधार पर आयोग ने प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में अनावेदिकागण ने बताया कि आवेदिका कच्ची शराब बनाने का काम करती है और उसे शाराब बनाने से मना करने पर मार-पीट किया गया करके शिकायत करती है। आवेदिका को दोबारा शाराब न बनाने की समझाईस देते हुए आयोग ने प्रकरण नस्तीबद्ध किया।
एक अन्य प्रकरण में दोनो पक्षों को सुने जाने के पश्चात् आवेदिका ने स्वीकार किया गया कि प्रकरण तहसील में चल रहा है। सम्पति दस्तावेज में आवेदिका का नाम नहीं चढाया गया है, जिसकी उसने अपील नहीं की है। प्रकरण न्यायालय में चलने योग्य होने के कारण आयोग ने प्रकरण नस्तीबद्ध किया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका और अनावेदक के मध्य सहमति बनी की आवेदिका अनावेदक को 4 लाख देगी और अनावेदक जमीन के सारे मूल दस्तावेज रायपुर लेकर आयेगा। राज्य महिला आयोग में दोनो पक्ष निर्धारित तिथि में उपस्थित होगें और दोनों के बीच लेन-देन की प्रकिया पूर्ण की जावेगी।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका के पति ने बहुत सारे लोगो से पैसा लिया था और उसकी मृत्यु के पश्चात् आवेदिका के पास अपने जीवन यापन के लिए पैसा नहीं है, लेकिन अनावेदक पक्ष को सुनने बाद पता चला कि आवेदिका के पास 01 करोड़ का घर है, जिसमें वह रहती है, और अपने सास ससुर को घर से निकाल दिया है ऐसी स्थिति में उनको आर्थिक राशि प्रदान किया जाना संभव नहीं है इसलिए प्रकरण को आयोग ने नस्तीबद्ध किया।
एक अन्य प्रकरण में सभी अनावेदकगण जानबूझकर अनुपस्थित है। थाना नवागढ टीआई को पत्र प्रेषित किया गया था, इसके बावजूद अनावेदकण को उपस्थित नहीं कराया गया है, थाना प्रभारी को शो-कास्ट नोटिस दिया जाये और थाना प्रभारी को निर्देशित करें कि कि अनावेदकगण को अगली सुनवाई में उपस्थित किया जा सके।एक अन्य प्रकरण में आवेदक और अनावेदक कमांक 02 उपस्थित इस प्रकरण में आवेदक की बहन को लेकर और अनावेदक है।
06 माह पूर्व थाना फास्टरपुर में रिपार्ट दर्ज करवाने के बाद अनावेदक गायब है। के डाटा में कोई कार्यावाही नहीं की गई। इस प्रकरण में थाना प्रभारी फास्टरपुर को प्रकरण में अनावेदक के 03 के रूप में जोड़ा जाता है और आगामी सुनवाई तिथि 26.03.2024 को रायपुर रखा जावे। थाना प्रभारी को आवश्यक रूप से उपस्थित हेतु पत्र प्रेषित किया जावे तथा इस प्रकरण में अब तक की गई कार्यवाही की पुलिस रिपोर्ट के साथ अनावेदक क 01 को भी अनिवार्य रूप से आगामी सुनवाई में उपस्थित रखा जावे।
एक अन्य प्रकरण में उभयपक्ष उपस्थित अनावेदिका आयोग के सुनवाई में अब तक उपस्थित नहीं हुई थी पिछली सुनवाई में निवेदन किया था कि दोनो बच्चों से मिलने के लिए आयोग की टीम उनके निवास स्थान पर आये, जिस पर आयोग की टीम अनावेदिका के निवास पर पहुंचे थे जहां उनके द्वारा आयोग की टीम के साथ बुरा व्यवहार किया गया, जिसकी रिपोर्ट संलग्न है।
इसके पश्चात् 03 बजे अनावेदिका एवं अनावेदकगण आयोग के सुनवाई पर उपस्थित हुए जहां उनको विस्तार से सुना गया अनावेदक के 01 का पुत्र 08 वर्ष का है जो डाउन सिंड्रोम से पीड़ित है, बेटी 11 वी की पढाई कर रही है। अनावेदक क्र 01 का पति जगदलपुर में साइंटिस्ट के रूप में कार्यरत है। अपने दोनो बच्चो की अभिरक्षा चाहता है, बेटे का ईलाज चाहता है, जिस पर अनावेदिका क्रम 01 ने आयोग से अनुरोध किया है कि बेटी की परीक्षा के बाद मई में किसी प्रकार सुनवाई रखा जाये।
दोनो बच्चों के भविष्य को लेकर आयोग के समक्ष उपस्थित होकर एवं बेटी को आयोग की आगामी सुनवाई में उपस्थित रहेगी। इस बीच आवेदिका यदि उसके दोनो बच्चों से मिलना चाहे तो अनावेदिका के निवास पर आकर मिल सकते है तथा आठ वर्ष का पुत्र का ईलाज के लिए रायपुर ले जाना हो तो पिता उसे रायपुर ले जा सकते है, चूंकि बच्चा बिना मां के रह नहीं पायेगा इसलिए उनके लिए किराये का मकान व सारी व्यवस्था करने के लिए पिता तैयार है. परन्तु बेटी की परीक्षा के कारण अनावेदिका क्र 01 द्वारा मई तक समय चाहती है। मार्च में अनावेदिका के बेटी की परीक्षा के बाद आवेदिका के घर बच्चों के दादी-दादा से मिलवाने ले जायेगी, उसका आने जाने का खर्च और पूरी व्यवस्था अनावेदक के पति के द्वारा किया जायेगा।