CG द बर्निंग कार केस अप्डेट : रहस्यमय तरीके से दुर्घटना में लापता हुआ परिवार छिपा था अपने ही फॉर्महाउस में,वजह जान हो जाएँगे हैरान…
रहस्यमय तरीके से दुर्घटना में लापता हुआ परिवार छिपा था अपने ही फॉर्महाउस में




कांकेर : छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के चारामा के ग्राम चावड़ी में कार में लगी आग के बाद से रहस्यमय तरीके से लापता परिवार 13 दिनों बाद घर लौट आया है। पुलिस ने बताया कि लापता कारोबारी कर्ज से परेशान होने के बाद परिवार की मौत की झूठी कहानी रची थी।
13 दिन की लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार चारामा की बर्निंग कार के रहस्य का खुलासा हो ही गया। लापता चल रहे समीरण ने बीमा राशि नही मिलने पर पुलिस को फोन कर आत्मसमर्पण किया है। हासिल जानकारी के मुताबिक लापता युवक समीरन सिकदार पर 35 लाख कर्ज था। इससे बचने के लिए उसने खुद की हत्या की साजिश रची। साथ ही वह इस फिराक में था कि उसे 72 लाख का बीमा भी मिल जाए। इसके चलते कार को आग लगाकर यह दिखाने का प्रयास किया कि उसकी हत्या हो गई है। इस तरह उसे बीमा की राशि भी मिल जाएगी। इस मंशा को साधने के लिए वह 13 दिनों तक पुलिस के साथ आंख मिचौली का खेल खेलता रहा । पुलिस से पूछताछ में समीरन ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है।
बता दें कि इस पहेली को बूझने क लिए पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान पुलिस ने 1000 सीसी टीवी फुटेज को खंगाला। इतना ही नहीं पुलिस ने 45 हजार मोबाइल नम्बर की भी तस्दीक की। अंतत: लापता युवक ने बीमा राशि नही मिलने पर स्वत: ही पुलिस को फोन कर आत्मसमर्पण कर दिया है।
मामले का पूरा विवरण
समीरन ने बीमा की राशि प्राप्त करने स्वयं रचि थी साजिश स्वयं को कार में परिवार सहित जलकर मरना साबित कर बीमा की 72 लाख रुपया राशि प्राप्त करने की साजिश हुई विफल समीरन ने परिवार को धमतरी आशियाना लॉज में छोड़कर, कार लेकर योजनाबद्ध तरीके से ग्राम चावड़ी पहुंचकर कार को आग लगाया था पेट्रोल पंप से पेट्रोल खरीद कर पूर्व निर्धारित सुनसान स्थान ग्राम चावड़ी में पेट्रोल छिड़ककर कार को आग लगाया था सिमरन सीकदार ने #कार में आगजनी कर जंगल के रास्ते से चारामा रात में ही पैदल पहुंचा सिमरन सीकदार चारामा से बस में सवार होकर धमतरी पहुंचा था समीरन सिकदार
आशियाना लॉज से परिवार को लेकर बस से रायपुर पहुंचा रायपुर से इलाहाबाद ,इलाहाबाद से पटना ,पटना से गुवाहाटी ,गुवाहाटी से रांची और संबलपुर घूमता रहा*
नया मोबाइल एवं दूसरे के नाम का सिम बिहार पटना से खरीद कर दैनिक ऐप मोबाइल पर डाउनलोड कर कांकेर की खबरों से अपडेट होता रहा था परिवार धमतरी लॉज एवं रायपुर फोटो स्टूडियो में देखे जाने की बात न्यूज़ ऐप पर देखकर बीमा की राशि हड़प करने की योजना विफल हो जाना जान गया था सिमरन सीकदार जिला कांकेर पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा पता तलाश अभियान का स्वयं नेतृत्व किया था ,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अविनाश ठाकुर अनुविभागीय अधिकारी पुलिस मोहसिन खान के पर्यवेक्षण में 05 पुलिस टीमें घटना दिवस से लगातार तलाशी अभियान में लगी रही तब हुआ खुलासा
सजा के भय से गांव वापस आया और फार्म हाउस के वर्कर के पुलिस से संपर्क किया सिमरन सीकदार ने* प्रकरण में जांच के दौरान कांकेर पुलिस द्वारा 900000 से अधिक मोबाइल नंबरों का विश्लेषण किया गया। पतासाजी में पुलिस द्वारा 9 लाख से अधिक मोबाइल नंबरों का साइबर सेल द्वारा विश्लेषण कर 45000 मोबाइल नंबरों को शॉर्टलिस्ट कर तस्दीक किया जा रहा था पुलिस द्वारा जांच के दौरान पखांजूर से रायपुर के मध्य लगभग 1000 सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले गए 300 से अधिक होटलों लाज ,रैन बसेरा ,धर्मशाला की चेकिंग की गई रेलवे स्टेशन बस स्टैंड, ऑटो स्टैंड, एयरपोर्ट की जांच की गई जांच के परिजनों सहित गुमशुदा के व्यवसाय से जुड़े 100 अधिक व्यक्तियों से पूछताछ की गई जिला कांकेर पुलिस की सक्रियता अपने को घिरता हुआ देखकर,सजा के भय अपने घर वापस लौट आया समीरन सीकदार और पुलिस से संपर्क कर आत्मसमर्पण कर दिया। यूपीरूट,महाराष्ट्र रूट,उड़ीसा रूट के टोल नाका का बारीकी से किया गया विश्लेषण ।समिरन सीकदार के कब्जे से ₹504000 नकदी व मोबाइल फोन,टेबलेट, यात्रा टिकट, होटल बिल, भी बरामद पतासाजी में कांकेर पुलिस ने सीमावर्ती जिला धमतरी,बालोद,रायपुर, जिला की पुलिस की भी सहायता लिया
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