मंत्री के रिश्तेदार को ईओडब्ल्यू ने किया गिरफ्तार: CEO सहित तीन की गिरफ्तारी.... EOW की कार्रवाई.... फर्जी शादियां कराने का आरोप.... ईओडब्ल्यू में फंसे CEO ने न्यायालय में लगाई याचिका.......




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डेस्क। जनपद के सीईओ रहे शोभित त्रिपाठी पर ईओडब्ल्यू का शिकंजा कसा हुआ है। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना घोटाले में फर्जी तरह से शादियां दिखाने वाले जनपद सीईओ सहित तीन लोगों की गिरफ्तारी हो गई है। इन लोगों ने पूर्व की शादियों और जिनकी शादी नहीं हुई, उनके नाम पर सरकारी योजनाओं का करोड़ों रुपए निकालकर सरकारी राशि को हजम कर लिया था। आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने इनकी गिरफ्तारी की। इन लोगों ने पूर्व की शादियों और जिनकी शादी नहीं हुई, उनके नाम पर सरकारी योजनाओं का करोड़ों रुपए निकालकर सरकारी राशि को हजम कर लिया था।
इस शिकायत के बाद त्रिपाठी को 4 जनवरी को सस्पेंड कर दिया गया था। आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने आज इनकी गिरफ्तारी की। शोभित त्रिपाठी राज्य सरकार के मंत्री गोपाल भार्गव के रिश्तेदार बताए जाते हैं। सिरोंज जनपद में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत आरोपियों की मिलीभगत से कई गलत शादियों की राशि निकाली गई। कई ऐसे लोगों के नाम इस योजना की राशि निकाली गई जिन्हें यह पता ही नहीं चला कि उनके नाम पर योजना लाभ लेकर सरकारी राशि निकाल ली गई। इन लोगों के खातों में राशि भेजे जाने की जगह आरोपियों ने दूसरे खातों में राशि जमा करा ली।
ऐसे लोगों के नाम को भी योजना मेंं भी शामिल किया जिनकी पूर्व में शादियां हो चुकी थीं। कोविड महामारी की पहली और दूसरी लहर में जब कम शादियां हुईं थीं तब इन लोगों ने छह हजार की संख्या में सरकारी योजना का लाभ देना बताकर उनके नाम की राशि निकाली। यह मामला सिरोंज के विधायक उमाकांत शर्मा के विधानसभा में उठाए जाने पर सामने आया था जिसमें विधानसभा अध्यक्ष गिरोश गौतम ने भी आर्श्चय व्यक्त किया था। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विभागों की समीक्षा के दौरान शोभित त्रिपाठी को निलंबित करने के आदेश दिए थे। EOW ने अपनी जांच में पाया कि ये घोटाल लॉकडाउन के दौरान किया गया।
कोविड महामारी के कारण जब पूरे प्रदेश में लॉकडाउन था और शादियों पर प्रतिबंध था तब उस दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिरोंज रहते हुए शोभित त्रिपाठी ने कथित रूप से 14 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 के बीच लगभग 3500 हितग्राहियों को विवाह सहायता योजना के नाम पर 18 करोड़ 52 लाख 32 हजार रुपए बांट दिये। भाजपा के विधायक उमाकांत शर्मा ने यह मामला विधानसभा में उठाया था और विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने ही इस मामले की जांच के आदेश दिए थे। ईओडब्ल्यू ने इस मामले की जांच की और शोभित को दोषी पाया।
त्रिपाठी की ओर से न्यायालय में बेल अपील लगाई गई थी। जिसकी सुनवाई के लिए दिन तय किया गया है। फिलहाल उन्हें जेल भेज दिया गया है। सिरोंज विधायक उमाकांत शर्मा द्वारा विधानसभा में सिरोंज जनपद सीईओ रहे शोभित त्रिपाठी पर कोरोनाकाल और लॉकडाउन के दौरान सैकड़ों शादियां कराकर करोड़ों रुपए की सरकारी राशि के दुरूपयोग की शिकायत की थी। मामले की जांच के बाद दोषी पाए जाने के बाद ईओडब्ल्यू ने भी उन पर शिकंजा कस दिया था। शोभित की गिरफ्तारी होने के बाद उनकी ओर से न्यायालय में बेल के लिए आवेदन लगाया गया है। इस याचिका को लेकर न्यायालय सुनवाई करेगा।