कुष्ठ रोग से बचाव के लिए चलाया जा रहा अभियान

कुष्ठ रोग से बचाव के लिए चलाया जा रहा अभियान

अमगसी में स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा कुष्ठ रोग के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज के बारे में बताया गया

लखनपुर सितेश सिरदार:– कुष्ठ रोग के समूलनाश के लिए रविवार से स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत 2 मिनट का मोन धारण कर मनाया गया एवम स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा घर-घर सर्वे किया जा रहा है। कुष्ठ रोग से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग धरातल पर उतरने में तेजी से जुट गया है। सीएमओ ने सभी चिकित्साधीक्षकों को अभियान को सफल बनाने के निर्देश दिए हैं। लखनपुर बीएमओ पी एस मार्को के आदेशानुसार लखनपुर ग्रामीण शहरी क्षेत्रों सहित ग्राम अमगसी में आज 30 जनवरी दिन रविवार को अमगसी आरएचओ परितोष पैकरा सहित स्वस्थ कर्मियों के द्वारा घर घर जाकर कुष्ठ रोगी खोज एवं नियमित निगरानी के साथ ही समुदाय में जन जागरूकता के लिए सुझाव, लक्षण के बारे में बताया गया। कुष्ठ के पहचान व लक्ष्‌ण के लिए बताया गया, ताकि शरीर में किसी भी प्रकार के दाग धब्बों व चर्म रोगों की जांच व निदान के लिए नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र व मितानिनों से संपर्क कर सकें। अमगसी के विभिन्न वार्डों में सुबह से लेकर शाम तक बस्तियों में प्रचार-प्रसार किया गया। परिवारों के प्रत्येक घर की जांच करते हुए, अमगसी आरएचओ परितोष पैकरा, सेकंड एन एम सुनीता लकडा, सी एच ओ सुमन के द्वारा बताया गया की कुष्ठ रोग के संकेत व लक्षण त्वचा पर घाव होना कुष्ठ रोग के प्राथमिक संकेत हैं। यदि इसका उपचार न किया जाए तो कुष्ठरोग पूरे शरीर में फैल सकता है जिससे शरीर की त्वचा, नसों, हाथ-पैरों और आंखों सहित शरीर के कई भागों में स्थायी क्षति हो सकती है। इस रोग से त्वचा के रंग और स्वरूप में परिवर्तन दिखाई देने लगता है। कुष्ठ रोग में त्वचा पर रंगहीन दाग हो जाते हैं जिन पर किसी भी चुभन का रोगी को कोई असर नहीं होता। इस रोग के कारण शरीर के कई भाग सुन्न भी हो जाते हैं। कुष्ठ रोग के कारण प्रभावित अंगों में अक्षमता एवं विकृति आ जाती है, इसलिए छुपे हुए केस को जल्दी से जल्दी खोज कर एवं जांच उपचार कर कुष्ठ रोग का प्रसार रोका जा सकता है और सामाज को कुष्ठ मुक्त कर सकते हैं,।​​​​​​​इस अभियान में समुदाय में रोग के संक्रमण को रोकने एवं नए कुष्ठ प्रभावित व्यक्तियों की पहचान के लिए परिवार के मुखिया को अभियान से जोड़ा जा रहा है। कुष्ठ परिवार के मुखिया द्वारा ही प्रत्येक सदस्य के शरीर में दाग व धब्बों की पहचान कार्ड के माध्यम से की जा रही है। ऐसे इलाके जहां कुष्ठ प्रभावित रोगियों की पहचान हो सके इसके अलावा झुग्गी बस्ती व घनी आबादी में लोगों को कुष्ठ रोग के निदान व पहचान के लिए समुदाय को जागरूक भी की जा रही हैं।