बीजेपी पूर्व डीप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या चुनाव हार जाने के कारण सरकारी आवास को खाली करने की तैयारी मे है।

BJP is preparing to vacate the official residence of former Deputy CM Keshav Prasad Maurya after losing the election.

बीजेपी पूर्व डीप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या  चुनाव हार जाने के कारण सरकारी आवास को खाली करने की तैयारी मे है।

NBL, 13/03/2022, Lokeshwer Prasad Verma,.. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Election Result 2022) में केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) सिराथू से चुनाव हार गए, पढ़े विस्तार से...। 

इसके बाद उन्होंने शनिवार को अपना सरकारी बंगला (Government Bungalow) खाली कर दिया. लखनऊ के मुख्यमंत्री आवास के पास 7 केडी बंगला केशव प्रसाद मौर्य का पता हुआ करता था. चुनाव के नतीजे आने के बाद अब बाकि हारे हुए नेता भी अपना अपना खाली करने की तैयारी कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार चुनावों से पहले बीजेपी का साथ छोड़कर सपा में शामिल होने वाली स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया है. वहीं दारा सिंह चौहान भी बंगाल खाली करने की तैयारी में हैं। 

उत्तर प्रदेश की हॉट सीटों में से एक सीट सिराथू विधानसभा में समाजवादी गठबंधन की उम्मीदवार पल्लवी पटेल ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को को करीब 7,337 वोटों से हराया है.इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी से मुंसिफ अली उस्मानी ने भी ताल ठोक रहे थे. जातीय समीकरण को देखते हुए इस सीट पर भाजपा बनाम सपा गठबंधन की लड़ाई बेहद दिलचस्प हो गई थी. इस दिलचस्प लड़ाई में सपा गठबंधन की पल्लवी पटेल ने केशव प्रसाद मौर्य को मात दे दी. इस सीट पर मौजूदा भाजपा विधायक शीतला प्रसाद का टिकट काट कर केशव को उम्मीदवार बनाया गया था। 

2012 में सिराथू से दर्ज की थी जीत... 

केशव प्रसाद मौर्य वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी से एमएलसी है. साल 2012 में केशव प्रसाद मौर्य सिराथू विधानसभा सीट से विधायक बनकर पहली बार विधानसभा में पहुंचे थे. साल 2014 में फूलपुर से भाजपा के सांसद बने. इसके बाद 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने उनकी अगुवाई में चुनाव जीता तो उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया. इसके बाद उन्होंने लोकसभा की सीट छोड़ी दी थी. केशव पूरे प्रदेश में ओबीसी धड़े के बड़े नेता माने जाते हैं। 

सिराथू में रहा है बीएसपी का कब्जा.. 

सिराथू विधानसभा सीट चुनाव से पहले अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी. यहां 1993 से 2007 तक बीएसपी ने लगातार चार बार जीत दर्ज की थी. 2008 के परिसीमन के बाद यह सीट सामान्य वर्ग के लिए हो गई. 2012 में केशव प्रसाद मौर्य यहां से विधायक बने. 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने यहां से शीतला प्रसाद को टिकट दिया उन्होंने जीत दर्ज की. इस बार मौजूदा विधायक का टिकट काटकर केशव प्रसाद मौर्य को मैदान में उतारा गया था।