जनवरी में भी कीचड़ से सामना ... विकास का राह देख रहा जर्जर सड़क व ग्रामवासी ...
संदीप दुबे✍️✍️✍️




नयाभारत
संदीप दुबे✍️✍️✍️
भैयाथान - विकासखंड अंतर्गत कई ग्राम पंचायतों को मुख्य सड़क मार्ग से जोड़ने वाली सड़कें अत्यंत जर्जर हैं जो वहां के रहवासियों के लिए मुसीबत बनी हुई हैं कई जगह तो दो तीन फीट के गड्ढे हैं। वहीं थोड़ा भी पानी गिरने के बाद कीचड़ हो जाता है या कहें सूखे दिन में गड्ढे से सामना करना पड़ता है तथा बरसात हो जाने पर कीचड़ से सामना करना पड़ता है। ये मार्ग अपनी दास्तान स्वयं बयां करते है और ये सड़के आज भी अपने विकास के लिए मोहताज है अगर कोई बीमार हो जाए तो मुख्य मार्ग तक ले जाना दुभर हो जाता है जो परेशानी का सबब बना हुआ है जिससे लोगो मे आक्रोश पनप रहा है। जनप्रतिनिधियों के उदासीनता से यह क्षेत्र आज भी आवागमन के नाम पर पिछड़ा हुआ है।
मालूम हो कि विकासखंड भैयाथान अंतर्गत ग्राम पंचायत शिवप्रसादनगर के गढ़ीपारा के तीन मोहल्ले को जोड़ने वाली मुख्य मार्ग तक दूरी लगभग दो कि मी, ग्राम पंचायत कुरीडीह के घुई पारा से बड़सरा मुख्य मार्ग तक दूरी दो किमी तथा ग्राम पंचायत बसकर से कुधरी पारा पहुंच मार्ग तक दूरी लगभग तीन कि मी सड़क मुख्य मार्ग से ग्राम को जोड़ती हैं जो बहुपयोगी हैं। ये सड़के थोड़े से पानी गिरने के बाद राहगीरों सहित ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन जाती है। बसकर व गढीपारा मार्ग तो कुछ दूर तक डब्ल्यूबीएम है जो बीस वर्ष पूर्व बनाया गया था जिससे गिट्टी उखड़ जाने के कारण कई जगह बड़े-बड़े दो तीन फीट के गड्ढे हैं
जिसके कारण इस पर आवागमन करना काफी कष्टप्रद है और आवागमन को बाधित कर देते हैं। जैसे बसकर के बरगाहपारा,खड़िया पारा के समीप पूरी सड़क ही गड्ढे में तब्दील हो गई है।वहीं घुईपारा से बड़सरा पहुंच मार्ग कच्ची सड़क है जिस पर बरसात में चलना मुश्किल होता है बीते दिनों से क्षेत्र में मौसम ने करवट बदला और बरसात हो गई जिससे सड़क कीचड़ में तब्दील हो गई जिससे राहगीर सहित ग्रामीण आए दिन परेशान होते रहते हैं। उक्त तीनों ही सड़क लगभग 2 से 3 किलोमीटर की है जो ग्राम के मोहल्लों को जोड़ते हुए मुख्य मार्ग को जोड़ती हैं लेकिन इन पहुंच मार्ग की स्थिति काफी दयनीय है जिस पर राहगीर पैदल चले, मोटरसाइकिल से चले या कार से सभी साधनों में परेशानी का सामना करना ही पड़ता है। प्रशासनिक व जनप्रतिनिधियों की घोर उदासीनता से अब ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है।
पतेरापारा निवासी रामप्रकाश व रामप्रताप साहू बताते हैं कि अभी तो थोड़े से बारिश में चलना मुश्किल है।बरसात में तो आवागमन ही बंद हो जाता है। अब शासन प्रशासन जनप्रतिनिधि ऐसे सड़को के स्थिति को देखे और पक्की सड़क बनाने की दिशा में पहल करें।
गढ़ीपारा निवासी पंकज पाण्डेय बताते है कि इस सड़क को सुविधाजनक बनाए जाने हेतु जनप्रतिनिधि सहित अधिकारियों को कई बार आवेदन निवेदन किया गया है लेकिन स्थिति जस का तस है। अब तो सड़क का हाल बेहाल है जबकि इस सड़क से छात्र छात्राओं सहित ग्रामीणों को आवागमन रोजाना होता है अगर कीचड़ हो जाए तो चप्पल जूता उतार कर चलना पड़ता है।अब तो स्थिति बद से बदतर हो गई है।
जनप्रतिनिधि व विभागीय उदासीनता का खामियाजा भुगत रहे हैं ग्रामीण
जनपद सदस्य सुनील साहू बताते हैं कि बड़े जनप्रतिनिधि व विभागीय अधिकारियों ने ऐसे छोटे सड़कों को बनाने की दिशा में घोर उदासीनता बरती है जिसके कारण ऐसी सड़के नही बन पाई और ग्रामीण सहित राहगीरों के लिए मुसीबत बन गई हैं।
बरसात के दिनों में किसी का तबियत खराब हो जाये तो इलाज के लिए अस्पताल ले जाने से पहले मुख्य मार्ग तक पहुँचना बाधक है। ऐसे सभी सड़कों को बनाए जाने की मांग करता हूं।
इस संबंध में मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के कार्यपालन अभियंता अजय कुमार कामड़े ने बताया कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के अनुशंसा के बाद मुख्य कार्यालय को प्रस्ताव भेजा जाता है तब जाकर स्वीकृति मिल पाती है।