बसंत पंचमी आज: बन रहे 3 शुभ संयोग.... इस तरह करें मां सरस्वती की पूजा.... मिलेगा बुद्धि और ज्ञान का वरदान.... यहां जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और योग.......

Basant Panchami 2022 Maa Saraswati Puja Shubh Muhurat Puja Vidhi

बसंत पंचमी आज: बन रहे 3 शुभ संयोग.... इस तरह करें मां सरस्वती की पूजा.... मिलेगा बुद्धि और ज्ञान का वरदान.... यहां जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और योग.......

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डेस्क। आज 5 फरवरी को सरस्वती पूजा है. Basant Panchami के दिन मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करने से बुद्धि और ज्ञान का वरदान मिलता है. माता सरस्वती को ज्ञान, संगीत, कला, विज्ञान और शिल्प-कला की देवी माना जाता है. लोग ज्ञान प्राप्ति और सुस्ती, आलस्य एवं अज्ञानता से छुटकारा पाने के लिए, बंसत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की उपासना करते हैं. इस दिन शिक्षा आरम्भ का भी विधान है. मान्यता है कि Basant Panchami के दिन ही ज्ञान, कला, विद्या और वाणी प्रदान करने वाली मां सरस्वती का जन्म हुआ था. Basant Panchami तिथि को अबूझ मुहूर्त माना गया है यानी इस तिथि पर बिना मुहूर्त के कोई भी शुभ कार्य संपन्न किया जा सकता है. शास्त्रों में Basant Panchami को बहुत ही शुभ दिन और दोषमुक्त तिथि माना गया है. 

मां सरस्वती की पूजा विधि 

- इस दिन पीले, बसंती या सफेद वस्त्र धारण करें.  पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा की शुरुआत करें.   

- मां सरस्वती को पीला वस्त्र बिछाकर उस पर स्थापित करें और रोली मौली, केसर, हल्दी, चावल, पीले फूल, पीली मिठाई, मिश्री, दही, हलवा आदि प्रसाद के रूप में उनके पास रखें.

- मां सरस्वती को श्वेत चंदन और पीले तथा सफ़ेद पुष्प दाएं हाथ से अर्पण करें.

- केसर मिश्रित खीर अर्पित करना काफी अच्छा माना जाता है. 

- मां सरस्वती के मूल मंत्र ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः का जाप हल्दी की माला से करना सर्वोत्तम होगा. 

- काले, नीले कपड़ों का प्रयोग पूजन में भूलकर भी ना करें. शिक्षा की बाधा का योग है तो इस दिन विशेष पूजा करके उसको ठीक किया जा सकता है. 

बसंत पंचमी पर बन रहा है त्रिवेणी योग 

बसंत पंचमी से ही बसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है. ये पर्व पंचमी तिथि के दिन सूर्योदय और दोपहर के बीच में मनाया जाता है. इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना गया है. इस बार बसंत पंचमी पर त्रिवेणी योग बन रहा है.   4 फरवरी को सुबह 7 बजकर 10 मिनट से  5 फरवरी को शाम 5 बजकर 40 मिनट तक सिद्धयोग रहेगा.  वहीं 5 फरवरी को शाम 5 बजकर 41 मिनट से अगले दिन 6 फरवरी को शाम 4 बजकर 52 मिनट तक साध्य योग रहेगा.  इसके अलावा इस दिन दिन रवि योग का शुभ संयोग होने से त्रिवेणी योग बन रहा है. 

सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त

बसंत पंचमी शनिवार, फरवरी 5, 2022 को
बसंत पंचमी सरस्वती पूजा मुहूर्त - 07:07 ए एम से 12:35 पी एम
बसंत पंचमी मध्याह्न का क्षण - 12:35 पी एम
पंचमी तिथि प्रारम्भ - फरवरी 05, 2022 को 03:47 ए एम बजे
पंचमी तिथि समाप्त - फरवरी 06, 2022 को 03:46 ए एम बजे

इस मंत्र का करें जाप

हल्दी की माला से मां सरस्वती के मूल मंत्र ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः का जाप करें. शिक्षा की बाधा का योग है तो इस दिन विशेष पूजा करके उसको ठीक किया जा सकता है.

बसंत पंचमी का महत्व

ये पर्व बसंत मौसम की शुरुआत का सूचक है, पूरे दिन अबूझ मुहूर्त रहेगा. इसका अर्थ है कि बसंत पंचमी का दिन बेहद शुभ होता है और इस दिन किसी भी नए कार्य की शुरुआत की जा सकती है. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस दिन लोग बगैर पंचांग देखे दिन भर में कभी भी अपने कार्य को पूरा कर सकते हैं. वहीं, कई लोग इस दिन परिवार में छोटे बच्चों को पहली बार किताब और कलम पकड़ाने का भी विधान है.

सरस्वती वंदना

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना। या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌। हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌ वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌॥२॥