बिग CG न्यूज: बैंक से 3.60 करोड़ की धोखाधड़ी: पुलिस ने महाराष्ट्र से आरोपी को पकड़ा... कैनरा बैंक के बाद SBI और BOI को भी लगाने वाले थे चूना.....




रायपुर। कैनरा बैंक से 3.60 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में फरार आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में बैंक के सहायक महाप्रबंधक के भानु मूर्ति ने आमानाका थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस की टीम ने आरोपी को नागपुर से पकड़ा है। टाटीबंध स्थित केनरा बैंक में आरोपी सुहास हरिश्चंद्र काले संचालक मेसर्स विष्णु लक्ष्मी डेवलपर्स व बिल्डर्स के नाम से दिनांक 08.03.2021 को चालू खाता के 3306201004040 खोलवाकर बैंक का खाताधारी बना।
खाताधारी बनने के उपरांत आरोपी ने दिनांक 24.03.2021 से 01.05.2021 के मध्य 03 ट्रांजक्शन में केनरा बैंक पाटली पुत्र शाखा पटना के खाताधारी मेसर्स बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड पटना के खाता क. 2518101007307 के चेक क. "386780, 386645" दिनांक 24.03.2021 तथा चेक क "375877, 375871 दिनांक 31.03.2021 तथा खाता नं. 2518101005873 का चेक क. *"385826 384867" दिनांक 09.04.2021 जो खाताधारी द्वारा कैंसिल किया गया है का फर्जी चेक तैयार कर तथा केनरा बैंक पटना विधुत भवन ब्रांच के खाताधारी साउथ बिहार पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी लिमिटेड के खाता क. 8531101014756 का चेक क. "667729" को फर्जी तैयार कर अपने फर्म मेसर्स विष्णु लक्ष्मी डेवलपर्स व बिल्डर्स के नाम से जारी कर फर्जी तरीके से टाटीबंध शाखा के खाता में कुल 3,60,41,000 /- (तीन करोड साठ लाख इकतालिस हजार रूपये) बैंक से निकाल कर केनरा बैंक एवं खाता धारियों को धोखा घडी किया है कि प्रार्थी के लिखित रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना में लिया गया।
घटना के आरोपी सुहास काले को टीम द्वारा नागपुर से पकड़ने के उपरांत पूछताछ के आधार पर यह तथ्य सामने आये की शमीम एवं रमेश ठाकरे नामक नागपुर के रहने वाले दो व्यक्यिों द्वारा पैसे के जरूरतमंद व्यक्तियों को बुढ़कर उनके साथ मिलकर षडयंत्र रचा करते थे । घटना का मास्टर माइंड शमीम एवं रमेश ठाकरे द्वारा CLONED- CHEQUE बनाकर इन व्यक्तियों को दिया जाता था।
एजाज जो कि बैंको के माध्यम से गाड़ी फायनेंसिंग का कार्य करता था बैंको की कार्यप्रणाली का जानकार था । एजाज अलग अलग बैंको में जाकर बैंक मैनेजर को खाता खुलवाने के संबंध में निवेदन करता था। एजाज द्वारा घटना से पहले बैंको की रैकी की जाती थी। उक्त घटना में शमीम और रमेश द्वारा एजाज और काले की मदद से 07 अलग-अलग चेक के माध्यम से, 04 अलग- अलग तारीक को कुल मिलकार 3,60,41000/- रूपये निकाले गये।
सबसे पहले रायपुर में बैंक ऑफ बडौदा से बी०डी०ओ० रामनगर झारखण्ड के 70 लाख रूपये निकाले जिस पर रामनगर झारखण्ड में अपराध पंजीबद्ध है। जिसके बाद बैंक मैनेजर द्वारा एकाउंट फीज किया गया। इस पूरे घटना के लिये शमीम द्वारा सबके परसेंटेज बांधे गये थे। शमीम और रमेश का 75%, एजाज का 15 % सुहास काले का 10 % और सुहास काले के हिस्से से प्रति ट्रांजेक्शन बैंक मैनेजर को 2.5 लाख रूपये दिया करते थे, ऐसा करते हुये केनरा बैंक मैनेजर को कुल 10 लाख रूपये दिये गये। शमीम और बैंक मैनेजर की एक महिने में 84 बार फोन पर बातचीत हुई।
आरोपियों द्वारा 95 लाख और 35 लाख रूपये के 02 चेक केनरा बैंक में भुनाने की तैयारी हो चुकी थी उसी बीच प्रकरण पुलिस के संज्ञान में आ गया। केनरा बैंक के बाद एजाज द्वारा रायपुर के BANK OF INDIA STATE BANK OF INDIA को टारगेट करने का षडयंत्र था, जो कि पुलिस की कार्यवाही से विफल हो गया। शमीम एवं ठाकरे द्वारा भारत के अलग-अलग प्रांतों में इस प्रकार की धोखाधड़ी की गई मध्य प्रदेश के सिवनी, छिंदवाडा, कटनी, बलाघाट, इंदौर, भोपाल, झारखण्ड के रामगढ, पटना एवं अन्य राज्यों के बैंकों में CLONED CHEQUE के माध्यम से सरकारी कंपनियों के खातों में से कई करोड़ रुपये निकाले गये।