Agneepath Scheme : बड़ी खुशखबरी! सेना ने बदल दी ये नीति, जाने पूरी डिटेल...
Agneepath Scheme: Great news! Army changed this policy, know the complete details... Agneepath Scheme : बड़ी खुशखबरी! सेना ने बदल दी ये नीति, जाने पूरी डिटेल...




Agneepath Scheme :
नया भारत डेस्क : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की अग्निपथ स्कीम को लेकर तीखा हमला बोला। उन्होंने शनिवार को अग्निवीरों और नियमित जवानों के परिवारों का जिक्र कर कहा, शहीदों के बलिदान में भेदभाव सैनिकों का अपमान है। राहल ने शहीद जवानों की शहादत के बाद मिलने वाले लाभ की शर्तों में अंतर का हवाला दिया। पहले साल से लेकर चौथे साल तक आकलन के बाद ही तय किया जाना है कि अग्निवीर में से कौन सेना में स्थायी यानी रेगुलर होगा। (Agneepath Scheme)
सेना ने अब पॉलिसी में बदलाव कर अग्निवीर और रेगुलर सैनिक की योग्यता का आकलन करने का क्राइटेरिया एकजैसा किया है। इस बारे में सेना की AG ब्रांच की तरफ से 31 अक्टूबर को नई पॉलिसी जारी की गई। हालांकि इस बीच अग्निवीर का पहला बैच ट्रेनिंग पूरी कर अपनी यूनिट्स में पहुंच गया है यानी उनके पहले साल की योग्यता का आकलन पुरानी पॉलिसी यानी टफ क्राइटेरिया के हिसाब से ही किया गया है। (Agneepath Scheme)
अग्निवीर का आकलन पहले साल ट्रेनिंग सेंटर में और फिर तीन साल यूनिट में होना है। इसमें BPET (बैटलफील्ड फिजिकल इफिशंसी टेस्ट), PPT (फिजिकल प्रोफिसिएंसी टेस्ट), फायरिंग और ड्रिल भी देखी जानी है। रेगुलर सैनिक की जब भर्ती होती थी, तब उनका भी इन सब के आधार पर मूल्याकंन किया जाता था और उसके मार्क्स मिलते थे। यूनिटों में भी रेगुलर सैनिकों को ये टेस्ट एक तय अवधि में देने होते हैं। (Agneepath Scheme)
अग्निवीर के लिए आकलन किस तरह रेगुलर सैनिक से कठिन था, इसे BPET के उदाहरण से समझते हैं। रेगुलर सैनिक के लिए 5000 फीट की ऊंचाई तक में 5 किलोमीटर की दौड़ (पूरे बैटल लोड के साथ) 25 मिनट में पूरी करने का मतलब एक्सिलेंट है, 26.30 मिनट में गुड और 28 मिनट में संतोषजनक है। (Agneepath Scheme)
अग्निवीर के क्राइटेरिया में इन तीन कैटिगरी के अलावा सुपर एक्सिलेंट भी जोड़ दिया गया था। यानी यह दौड़ 23 मिनट में पूरी करने पर वह सुपर एक्सिलेंट क्राइटेरिया में आएगा। वहीं, रेगुलर सैनिक के लिए कोई भी अगर 25 मिनट या उससे कम में दौड़ पूरी करता है तो वे सब एक्सिलेंट ही होंगे। (Agneepath Scheme)