अफसर की 'बेशर्म हंसी' वायरल: रिश्वत लेते पकड़ी गई तो बोलीं- कोई मंदिर में प्रसाद चढ़ाने आया तो मना नहीं कर सकते.... दफ्तर को मंदिर और घूस को प्रसाद बताने वाली रिश्वतखोर डिप्टी कमिश्नर अपने चार सहकर्मियों के साथ गिरफ्तार.... तर्क सुन अधिकारियों के उड़े होश......
5 arrested including Deputy Commissioner for taking bribe Development Authority




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डेस्क। राजस्थान के जयपुर विकास प्राधिकरण के जोन-4 में पट्टे देने के बदले 9.5 लाख रुपए रिश्वत मामले में डिप्टी कमिश्नर ममता यादव सहित 5 को गिरफ्तार किया गया है। कार्रवाई के दौरान जब मीडियाकर्मी डिप्टी कमिश्नर की फोटो खींच रहे थे तो बोली- ‘मंदिर में कोई प्रसाद चढ़ाने आता है तो उसे मना नहीं कर सकते हैं।’ डिप्टी कमिश्नर अपनी कुर्सी पर बैठी-बैठी हंस रही थी। डिप्टी कमिश्नर ममता यादव का यह तर्क सुनकर एसीबी के अधिकारियों के होश उड़ गए। जयपुर विकास प्राधिकरण के जोन 4 की डिप्टी कमिश्नर ममता यादव को एंटी करप्शन ब्यूरो ने सोमवार को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
कार्रवाई के दौरान कई मीडियाकर्मी जेडीए दफ्तर पहुंचे तो ममता यादव एसीबी के अधिकारी से बोली- सर, मैं तो आपके सामने आराम से बैठी हूं, यह फोटो और वीडियोग्राफी क्यों करवा रहे हो। इस दौरान भी ममता यादव चेहरे पर बेशर्मी की हंसी थी। जेडीए की इस अफसर का यही 'बेशर्म हंसी' वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। राजधानी जयपुर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने सोमवार 7 फरवरी को बड़ी कार्रवाई की है। एसीबी ने जयपुर विकास प्राधिकरण जोन 4 में ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम देते हुए जोन आयुक्त ममता यादव (RAS) सहित 5 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में सहायक लेखाधिकारी रामतुफान मुण्डोतिया, जेईएन श्याम मालू, सहायक प्रशासनिक अधिकारी विजय मीणा और संविदा कर्मचारी कंप्यूटर ऑपरेटर अखिलेश कुमार शामिल है। आरोपियों के कब्जे से रिश्वत के रूप में प्राप्त की गई 1 लाख 10 हजार रुपए की राशि बरामद की गई। एसीबी के एडिशनल एसपी बजरंग सिंह शेखावत के नेतृत्व में ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया गया। शिकायत के मुताबिक जेडीए जोन-4 स्थित सिद्धार्थ नगर स्थित 400 वर्गगज भूमि का आवासीय पट्टा लेने के लिए जेडीए में आवेदन किया गया था।
साथ ही उसके पड़ोसी ने भी आवासीय पट्टे के लिए आवेदन किया। दोनों के पट्टे जारी करने की एवज में जोन उपायुक्त ममता यादव और उनके कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी प्रति पट्टा साढे तीन लाख रुपए की मांग कर रहे हैं। उपायुक्त ममता यादव रिश्वत लेने के लिए लगातार दबाव बना रही थी और बिना रिश्वत के पट्टे जारी करने से इनकार कर दिया था। बाद में कुछ राशि कम देना तय करके पट्टे जारी करने को राजी हो गए तो परिवादी ने एसीबी में शिकायत कर दी।