जब अपनो के द्वारा अपने ही लोगों को अनदेखा कर देता है तो, यहाँ पर उनके ही लोग विद्रोह मे उतर जाता है, वही हाल आज महाराष्ट्र में शिवसेना के प्रमुख व सीएम उद्धव ठाकरे व एकनाथ शिंदे में देखा जा रहा है.
When he ignores his own people by his own people,




NBL, 24/06/2022, Lokeshwer Prasad Verma,. When he ignores his own people by his own people, then his own people get into rebellion here, the same situation is being seen in Maharashtra today in Shiv Sena chief and CM Uddhav Thackeray and Eknath Shinde.
लोग कहते हैं स्त्री को समझना और राजनीति को समझना बहुत बड़ा ही मुस्किल है, और इसका मतलब है, सीएम व शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का चुप रहना भी लोगों के समझ से परे है, उद्धव ठाकरे के राजनीतिक बोल या आरोप प्रत्यारोप किसी अन्य विरोधियो के ऊपर अपने पार्टी के नेता का हरकत का लांछन अन्य दलों के ऊपर ना लगाना, उद्धव ठाकरे का चुप रहना कोई रहस्य से कम नहीं है, राजनितीक सलाहकार व जानकार लोगों के लिए, पढ़े विस्तार से.. अब रह गई सवाल संजय राउत शिवसेना प्रवक्तता नेता मंत्री के बढ़बोले पन को देखकर यह लगता है, मानो शिवसेना व उद्धव ठाकरे के चुप रहने का रहस्य से अनजान है, या तो इस संजय राउत को बोलने का बीमारी है, जो बिना सोचे समझे टीवी प्रेस वालों के सामने कुछ भी बोल देता है, और जबान मे लगाम लगा नहीं पाते और जो शिवसेना के नेता जो गोहाहटि में बैठे है, वह सभी विधायक नेता संजय राउत के रुखा पन व कर्कश बोली से नाराज रहते है, और इनके बोली से उन नेताओ को असर व फर्क नहीं होता है, ऐसा लगता है।
अब शिवसेना बागी नेता एकनाथ शिंदे अपना शिवसेना प्रमुख व सीएम उद्धव ठाकरे को ये बोल रहे है, जो हम लोग आपसे दूर है, उसके मुख्य कारण आप हो जो हमारे प्रमुख व सीएम होते हुए भी हम लोगों से सीधी बात व अपने क्षेत्र के विकास के लिए जो निधि आता है उनको भी आप नहीं दे व देख रहे थे जो अपना क्षेत्र का विकास हम करते और शिवसेना के कार्यकाल का ऊँचा नाम होता लेकिन आप तो शिवसेना का क्रेज गिरा रहे थे, महाराष्ट्र के लोगों के दिलों से, जो बाला साहब ठाकरे जी का मुख्य उद्देश्य था महाराष्ट्र का विकास और हिन्दू धर्म की रक्षा व हिंदुत्व मे अटल रहना। लेकिन सीएम उद्धव ठाकरे हिन्दू धर्म व हिंदुत्व को भी कलंकित कर दिया महाराष्ट्र में जो शिवसेना का मुख्य मुद्दा है।
शिवसेना बागी नेताओ के दिलों मे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के लिए उतना ही सम्मान है, जितना पहले था, केवल बागी नेताओ का एक ही कहना है, जो वर्तमान में NCP और कांग्रेस के साथ किया गया गठबंधन हमारे शिवसेना पार्टि के लिए सही नहीं है, ये दोनों पार्टि शिवसेना के नियम व नीति के लिए उपयुक्त नहीं है। इसलिए बीजेपी के साथ सरकार बनाना हम शिवसेना पार्टी के लिए उचित है। यह बोल शिवसेना बागी व उनके अन्य सहयोगी नेता बोल रहे है।
अब शिवसेना बागी नेता एकनाथ शिंदे को बीजेपी आफर दे दिया है आपको हम डिप्टी सीएम और बाकी अन्य आपके 12 नेताओ को भी मंत्रीमण्डल में स्थान देंगे, अब ये सत्ता का लोभ एकनाथ शिंदे व उनके साथ के विधायको के ऊपर क्या असर पड़ता है, ये वक्त पर निर्भर करती है। और शिवसेना व उनके प्रमुख उद्धव ठाकरे के प्रति क्या सम्मान है या अपमान है, ये मसला राजनीतिक मुद्दा है, क्योकी जिसके पास संख्या बल है, उन्हीं का बोलबाला है, अब एकनाथ शिंदे का परीक्षा का घड़ी सामने है, वह खुद शिवसेना का मुखिया बनना चाहता है या अलग से पार्टि दल बनाना चाहते हैं या उद्धव ठाकरे के शिवसेना मे रहकर मान बढ़ाना चाहते हैं या काम करना चाहते हैं। अब महाराष्ट्र व देश के लोगों को भी ये शिवसेना का खेल समझ आ जायेगी।