भगवान पर भरोसा रखें, भगवान सबकी सुनता है और सबकी मदद करता है: Always Believe In GOD

Trust in God, God listens to everyone and helps everyone

भगवान पर भरोसा रखें, भगवान सबकी सुनता है और सबकी मदद करता है: Always Believe In GOD

NBL,. 16/03/2022, Lokeshwer Prasad Verma,..Raipur cg. : आपने बहुत सी बार देखा होगा और महसूस भी किया होगा कि आप किसी मुश्किल या मुसीबत में फंसे हुए हैं और उस मुश्किल या मुसीबत से निकलने का कोई रास्ता नहीं दिखाई दे रहा है। उस वक्त आप हिम्मत हारने वाले होते हैं या लगभग हार चुके होते हैं और उस स्थिति में आपको सभी देवी, देवता, अल्लाह, भगवान, खुदा सब याद आ जाते हैं और जब आप बिलकुल टूट कर बिखरने वाले होते हैं तभी कोई व्यक्ति या कोई ना कोई आशा की किरण आपकी जिन्दगी में आती है और आपको उस मुश्किल, उस मुसीबत से निकाल देती है, पढ़े विस्तार से...। 

चलो एक उदाहरण से समझते है...  Suppose करो कि आप कहीं जा रहें हैं और किसी ऐसी जगह पर आपकी गाड़ी ख़राब हो जाये, जहाँ जंगल हो, सुनसान रास्ता हो और डरावनी रात का अँधेरा हो और आपके मोबाइल में नेटवर्क नहीं आ रहा हो या मोबाइल की बैट्री down हो या मोबाइल का balance ही ख़त्म हो जाये। मतलब आप किसी से contact नहीं कर पा रहे हो और उधर से कोई भी गुजर ना रहा हो या एक दो गुजरे भी, तो उन्होंने आपकी मदद नहीं की।

अब सोचो! उस स्थिति में आपकी क्या हालत होगी? एक तो रात, ऊपर से बदमाशों, डकेतों का डर और जंगली जानवरों का डर अलग से। अब जरा सी आहट ही आपकी जान निकालने के लिए काफी है। आपको साक्षात् यमराज सामने दिखाई देने लगेंगे।

अल्लाह, खुदा, भगवान, ईश्वर सभी एक साथ याद आने लगेंगे और जुबाँ पर सिर्फ एक ही बात होगी कि हे मेरे मालिक, हे मेरे भगवान, बस मुझे एक बार इस मुश्किल से निकाल कर सही सलामत घर पहुंचा दे (कुछ लोग तो मन्नत तक मांग लेते हैं) । आपका खून सूखने वाला ही होता है कि तभी कोई आपके पास आकर रुकता है और आपकी मदद करता है जिससे आप सही सलामत घर पहुँच जाते हैं और घर पहुंचकर आप उस व्यक्ति को बार बार धन्यवाद देते हैं। 

अब यहाँ पर एक बात सोचने वाली है ! क्या वह व्यक्ति अपनी मर्जी से आया था? क्या उसका आना एक इत्तेफाक था? या उसे उस रब ने, उस मालिक ने, उस भगवान्, उस खुदा ने आपके पास भेजा था।

जहाँ तक मेरा मानना है। उसे उस मालिक, उस भगवान ने आपके पास भेजा था। ताकि आप उस मुश्किल, उस मुसीबत से निकल सकें। क्योंकि ईश्वर सभी जगह नहीं आ सकते। वो आपकी मदद करने के लिए किसी न किसी को आपके पास भेज देते हैं।

ये तो मात्र एक उदाहरण था। इसी तरह की बहुत सी बातें हमारी जिन्दगी में होती हैं। आज मैं ऐसी ही एक कहानी आपके सामने पेश कर रहा हूँ जो आपको बताएगी कि भगवान सबकी सुनता है और सबकी मदद भी करता है। बस आपको धैर्य और खुद में तथा भगवान में विश्वास रखना है। ( सच्चा घटना पर आधारित इसे आप अवश्य पढ़े... . 

एक बहुत बड़े तथा मशहूर डॉक्टर थे। जिनका नाम मार्क था। वह एक कैंसर स्पैश्लिस्ट थे।  एक बार वे किसी सम्मेलन में भाग लेने लिए किसी दूर के शहर जा रहे थे। वहां उनको उनकी नई मैडिकल रिसर्च के महान कार्य के लिए पुरुस्कृत किया जाना था। वे बड़े उत्साहित थे तथा जल्दी से जल्दी वहाँ पहुँचकर पुरस्कार पाना चाहते थे। उन्होंने इस शोध के लिए बहुत मेहनत की थी।

उनके हवाई जहाज के उड़ने के कुछ समय बाद उनके प्लेन में तकनीकी खराबी आ गई, जिसके कारण प्लेन को आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। दूसरी फ्लाइट कई घंटे लेट थी। डा. मार्क को लगा कि वे अपने सम्मेलन में सही समय पर नहीं पहुंच पाएंगे।  इसलिए वह प्लेन से उतरे और उन्होंने स्थानीय लोगों से सम्मलेन तक का रास्ता पता किया और एक टैक्सी किराये पर ली।  पर उनको टैक्सी तो मिली लेकिन बिना ड्राइवर के। इसलिए उन्होंने खुद ही टैक्सी चलाने का निर्णय लिया।

जैसे ही उन्होंने यात्रा शुरु की। कुछ देर बाद बहुत तेज  आंधी-तूफान शुरु हो गया। रास्ता लगभग दिखना बंद सा हो गया। जिसकी वजह से वे गलत रास्ते की ओर मुड़ गए। लगभग दो घंटे भटकने के बाद उनको समझ आ गया कि वे रास्ता भटक गए हैं। थक तो वे गए ही थे, भूख भी उन्हें बहुत ज़ोर से लग गई थी। उस सुनसान सड़क पर भोजन की तलाश में वे गाड़ी इधर-उधर चलाने लगे। कुछ दूरी पर उनको एक पुराना सा मकान दिखा।

उन्होंने बिल्कुल मकान के नजदीक अपनी गाड़ी रोकी। परेशान से होकर गाड़ी से उतरे और उस छोटे से घर का दरवाज़ा खटखटाया। एक स्त्री ने दरवाज़ा खोला। डा. मार्क ने उन्हें अपनी स्थिति बताई और एक फोन करने की इजाजत मांगी। उस स्त्री ने बताया कि उसके यहां फोन नहीं है। फिर भी उसने उनसे कहा कि आप अंदर आइए और चाय पीजिए और थोडा आराम कीजिये। मौसम थोड़ा ठीक हो जाने पर आगे चले जाना।

भूखे और थके हुए डाक्टर ने तुरंत हामी भर दी। उस औरत ने उन्हें बिठाया और  बड़े सम्मान के साथ चाय दी व कुछ खाने को दिया। साथ ही उसने कहा,  “आइए, खाने से पहले भगवान से प्रार्थना करें और उनका धन्यवाद कर दें।

मार्क उस स्त्री की बात सुन कर मुस्कुरा दिेए और बोले, “मैं इन बातों पर विश्वास नहीं करता। मैं मेहनत पर विश्वास करता हूँ। आप अपनी प्रार्थना कर लें।

चाय पीते हुए डाक्टर मार्क उस स्त्री को देखने लगे, जो अपने छोटे से बच्चे के साथ प्रार्थना कर रही थी। उसने कई प्रकार की प्रार्थनाएं की। डाक्टर मार्क को लगा कि हो न हो, इस स्त्री को कुछ समस्या है। जैसे ही वह औरत अपने पूजा के स्थान से उठी, तो डाक्टर ने पूछा, “आपको भगवान से क्या चाहिेए?  क्या आपको लगता है कि भगवान आपकी प्रार्थनाएं सुनेंगे?. . 

उस औरत ने धीमे से उदासी भरी मुस्कुराहट के साथ कहा, “ये मेरा लड़का है और इसको कैंसर है जिसका इलाज मार्क नाम के एक डॉक्टर कर सकते हैं। लेकिन मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं कि मैं उनके पास  उनके शहर जा सकूँ। क्योंकि वे दूर किसी शहर में रहते हैं। यह सच है कि भगवान ने अभी तक मेरी किसी प्रार्थना का जवाब नहीं दिया। लेकिन मुझे विश्वास है कि भगवान एक ना एक दिन कोई रास्ता बना ही देंगे। वे मेरा विश्वास टूटने नहीं देंगे। वे अवश्य ही मेरे बच्चे का इलाज डा. मार्क से करवा कर इसे स्वस्थ कर देंगे।

डाक्टर मार्क यह सुनकर बिल्कुल अवाक् रह गए। कुछ पल के लिए वे खामोश से हो गये। उनकी आंखों से आंसू गिरने लगे। वे अपने मन में कहने लगे “भगवान बहुत महान हैं।”

(उन्हें सारा घटनाक्रम याद आने लगा। कैसे उन्हें सम्मेलन में जाना था। कैसे उनके जहाज को इस अंजान शहर में आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। कैसे टैक्सी के लिए ड्राइवर नहीं मिला और वे तूफान की वजह से रास्ता भटक गए और यहां आ गए।)

वे समझ गए कि यह सब इसलिए नहीं हुआ कि भगवान को केवल इस औरत की प्रार्थना का उत्तर देना था बल्कि भगवान उन्हें भी एक मौका देना चाहते थे कि वे भौतिक जीवन में धन कमाने, प्रतिष्ठा कमाने आदि से ऊपर उठें और असहाय लोगों की सहायता करें।

वे समझ गए कि भगवान चाहते हैं कि मैं उन लोगों का इलाज करूं , जिनके पास धन तो नहीं है लेकिन उन्हें  भगवान पर विश्वास है। उन्होंने उस स्त्री को सच्चाई बताई और उसके बच्चे का इलाज करके उसे बिलकुल स्वस्थ कर दिया और वे असहाय और गरीब लोगो का इलाज फ्री में करने लगे।

ये कहानी हमें दो सीख देती है एक तो ये कि हमें कभी भी भगवान् से भरोसा नहीं तोड़ना चाहिए और दूसरा  जितना हो सके हमें दूसरों की मदद करनी चाहिए।

तो दोस्तों ! आप चाहे किसी भी मुश्किल में हों, चाहे आप पर कितनी भी बड़ी मुसीबत आ जाये। आपको कभी भी भगवान् के ऊपर से भरोसा नहीं तोड़ना चाहिए। अगर आप हिम्मत और धैर्य के साथ मुश्किलों का सामना करते रहेंगे और आपको खुद पर तथा भगवान पर भरोसा है, अटूट विश्वास है तो भगवान आपकी जरुर सुनेंगे और आपके विश्वास को टूटने नहीं देंगे। चाहे थोड़ी देर हो जाये लेकिन वो आपके लिए कोई ना कोई रास्ता ऐसा बना देंगे, जिससे आप उस मुश्किल, उस मुसीबत से निकल जाओ।

अगर आप ध्यान से देखेंगे और महसूस करेंगे तो पायेंगें कि जिंदगी में सबके साथ ऐसी घटनायें होती हैं। जब आप बिलकुल उम्मीद खो देते है और हिम्मत हारने लगते हैं तब आपको कहीं से अचानक मदद मिल जाती है, आशा की किरण दिख जाती है। तो बस आप धैर्य के साथ भगवान् में विश्वास रखें। भगवान आपको हर मुश्किल, हर मुसीबत से निकाल देंगे।