युद्ध की मुख्य जड़ है देश की आंन्तरिक मामले की कमजोर होना, चाहे वह राजनीतिक व समाजिक व आर्थिक व धर्म समुदाय के द्वारा हो। इसलिए सब मिलकर भारत को सबल बनाए।

युद्ध की मुख्य जड़ है देश की आंन्तरिक मामले की कमजोर होना, चाहे वह राजनीतिक व समाजिक व आर्थिक व धर्म  समुदाय के द्वारा हो। इसलिए सब मिलकर भारत को सबल बनाए।

NBL,. 27/02/2022, Lokeshwer Prasad Verma,.. आज देश दुनिया के लिए यूक्रेन व रूस की असामाजिक युद्ध एक सबक है, की बेवजह देश मे रहने वाले लोग आपस मे लड़ना व देश की लोकतंन्त्र को कमजोर बनाना और दुश्मन देश के लिए रास्ता दिखाना और अपने ही देश को नुकशान पहुचाना और इस युद्ध के लिए आग लगाकर स्वयम जल जाना और अपने ही देश को मिटा देना, और खुद मिट जाना, ये कौन सा राजनीती है, और कौन सा आपके धर्म है,पढ़े विस्तार से...। 

आज भारत देश मजबुती से खड़ा है, इसका श्रेय देश की लोकतंत्र को जाती है, जो पूर्ण बहुमत से देश मे सरकार बनाया गया है। और इस लोकतंत्र को चलाने वाले राजनीतिक नेताओ की ईमानदार होना ही देश को सबल बनाना है। 

आज देश में कई प्रकार के राजनीतिक दलों की निर्माण होना भी देश को कमजोर बनाती है, क्योकी इन अनेक दलों से देश के लोगों मे विभाजन की स्थित पैदा हो रही है, कूछ जाति के नाम पर तो कुछ धर्म के नाम पर तो कुछ रीति रिवाज व वेष भूषा के नाम पर जबकी देश के लोगों मे राष्ट्र प्रिय व राष्ट्रवादी होना अतिआवश्यक है, सर्व धर्म समुदाओ के लोगों मे अपने धर्म से पहले राष्ट्र धर्म होना ही राष्ट्र को सबल बनाती है।

अनेकता मे एकता भारत देश की विशेषता यही एक मेव राष्ट्र प्रिय होने से ही सर्व धर्म लोगों मे प्रेम व एकता दिखाई देती है, जो 1947 के पहले हर धर्म के लोगों के दिलों मे था और यही राष्ट्र प्रेम ही अनेक प्रकार की गुलामियो से छुटकारा दिलाई जो आज हम आजाद है। और इसका श्रेय सर्व धर्म के लोगों की राष्ट्र प्रेम को जाती है। 

जब भारत देश का विभाजन हुआ तो जो भारत के सच्चे राष्ट्र भक्त थे वह भारत मे ही रूक गए वह सभी प्रकार के धर्म के लोग थे, जो आज भारत देश मे निवासरत है। आज इनकी राष्ट्र भक्त को तोड़ने मे लगा है और भारत देश को खण्ड- खण्ड करना चाहते है, कोई जाति के नाम पर कोई धर्म के नाम पर कोई रीति रिवाजों के नाम पर जबकी इनकी पूर्वज अपने जान देकर राष्ट्र को बचाया, ताकि जो दुःख हमने देखा व सहा वह दुःख मेरे परिवार व समाज न सहे करके राष्ट्र के नाम पर अपनी आहुति दे दी। 

आज भी दुश्मन व गद्दार व राष्ट्रद्रोही इस भारत देश में छुपा है, जो इनकी पूर्वज के राष्ट्र प्रेम करने वाले बलिदानी को मिटाने व अलगाव पन मे लगा है अपने निजी स्वार्थ के लिए। जो सर्व धर्म के लोगों को समझना बहुत जरूरी है। अब इस देश मे सविधान है अपने आप मे खुली वातावरन मे जीने की अधिकार है, हम अच्छी शिक्षा के साथ अपने आप को सबल बना सकते हैं। और जाति धर्म से उपर उठकर राष्ट्र निर्माण की सहभागी बन सकते हैं हमारे राष्ट्र वाद व राष्ट्र धर्म पूर्वज की तरह। हमे तोड़ने के लिए दुश्मन देश व देश मे छुपे राष्ट्र द्रोही को सौ बार सोचना पड़े एसा ही राष्ट्र प्रेम जगाने की जरूरत है देश के सभी धर्म के लोगों को और देश के विकास मे सहभागीदारी बने तब देश सबल होगे।