दावा: गांजे को लेकर वैज्ञानिकों का नया दावा.... दिमाग की इन बीमारियों का होगा इलाज.... देखें डिटेल.....




डेस्क। एक नई स्टडी में यह बात सामने आई है कि गांजे के छोटे-छोटे कैप्सूल अगर डॉक्टर की निगरानी में दिए जाएं तो दिमाग संबंधी कई बीमारियां ठीक हो सकती है। गांजा हमेशा नशे के लिए उपयोग नहीं होता। इसके चिकित्सीय फायदे भी हैं। इसलिए कई देशों में इसका सेवन कानूनी तौर पर मान्य है। जेरिला थेराप्यूटिक्स नाम की दवा कंपनी ने गांजे के छोटे-छोटे कैप्सूल बनाए हैं। इन कैप्सूल में कैनाबिनॉयड्स होता है, जिसे आप खा सकते हैं। ये शरीर में तेजी से घुलते हैं और दिमाग को राहत पहुंचाते हैं।
इसका परीक्षण चूहों पर किया गया जो बेहद सफल रहा है। जबकि, इसका लिक्विड यानी तरल रूप उतना फायदेमंद नहीं है। कर्टिन यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर और कर्टिन हेल्थ इनोवेशन रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता रियू ताकेची ने बताया कि कैबनाबिडियॉल की मदद से दिमाग संबंधी बीमारियों को ठीक करने के लिए दुनियाभर में काम चल रहा है। लेकिन इसमें एक ही दिक्कत है। अगर इसे तरल रूप में शरीर में दिया जाए तो यह आसानी से शरीर में एब्जॉर्ब नहीं होता।
पेट में एसिडिटी पैदा करता है। इसलिए हमने नए तरीके से इसे शरीर में आसानी से काम करने लायक बनाया है। रियू ताकेची ने बताया कि हमने इसकी एब्जॉर्ब होने की क्षमता को बढ़ा दिया है। साथ ही दिमाग पर होने वाले इसके असर को और तेज किया है। हमने इसके बेहद छोटे-छोटे कैप्सूल बनाए हैं, जिनमें प्राकृतिक बाइल एसिड भी मिला है। यानी यह कैप्सूल शरीर में जाते ही तेजी से घुलती है। तत्काल दिमाग को आराम देना शुरु करती है। इसके अलावा इसे खाने से एसिडिटी की दिक्कत भी नहीं होती।
अब यह दवा 40 गुना ज्यादा तेज और प्रभावी है। चूहों पर इसका प्रयोग पूरी तरह सफल रहा है। अब रियू ताकेची इसका क्लीनिकल ट्रायल इंसानों पर करना चाहते हैं। ताकि इसके असर का पता चल सके। जेरिला थेराप्यूटिक्स दवा कंपनी के सीइओ डॉ। ओलूडेअर ओडूमोसू ने कहा कि रियू के साथ काम करके काफी अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। गांजे के कैप्सूल का फायदा तेजी से होता है। यह दिमागी बीमारियों को ठीक करने में मदद कर सकता है। गांजे में ऐसे मेडिसिनल रसायन होते हैं जो अल्जाइमर्स, मल्टीपल स्क्लेरॉसिस और ट्रॉमैटिक ब्रेन इंजरी जैसी दिक्कतों से जूझ रहे लोगों को फायदा पहुंचा सकता है।