CG बड़ी खबर:बेमेतरा जिले के सहसपुर पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों को कीट मिश्रित आहार खिलाने का ....कीटो के सवंर्धन व प्रजनन के लिए बनाई गई लैब के वैध दस्तावेज को दिखाने में प्रबंधन नाकाम,...वेटनरी की चार सदस्यी टीम ने दी दबिश....जांच टीम ने मुर्गियों के फीड, अंडा, लीड, कीट समेत 06 सैम्पल लिए, जांच के लिए भेजेंगे लैब....सामान्य कुक्कुट आहार के स्थान पर मुर्गियों को खिला रहे कीट मिश्रित आहार




संजू जैन:7000885784
बेमेतरा: सहसपुर पोल्ट्री फार्म में कुक्कुट आहार के लिए विशेष प्रजाति के कीटो के प्रजनन और सवंर्धन को जिला प्रशासन ने गम्भीरता से लिया है । कलेक्टर भोसकर विलास सनदीपान के निर्देश पर पशु चिकित्सा विभाग की चार सदस्यी टीम जांच के लिए पोल्ट्री फार्म पहुची थी । जांच टीम में डॉ नरेंद्र ठाकुर साजा, डॉ हेमंत कुमार बेमेतरा, डॉ आकाश चंद्राकर बेरला और डॉ अभिषेक शामिल थे । यहां जांच टीम ने कीटो के प्रजनन और सवंर्धन के लिए बनाई गई लैब की वैधता और पड़ने वाले प्रभाव की जांच की । इस दौरान जांच टीम ने पूरी यूनिट और लैब का निरीक्षण करने के साथ मुर्गियों के फीड, अंडा, मुर्गी की लीड, कीट समेत 06 सैम्पल लिए ।
कलेक्टर ने सीलबंद लिफाफा में मांगी जांच रिपोर्ट
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कलेक्टर ने सीलबंद लिफाफे में जांच रिपोर्ट मांगी है, इसलिए जांच से सम्बंधित कोई भी जानकारी देने से इंकार कर दिया गया । उल्लेखनीय है कि इस सम्बंध में हरि भूमि में प्रमुखता से खबर प्रकाशित की गई थी । इसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया । नियमो के उल्लंघन और अन्य मामलों की जांच के लिए पर्यावरण, श्रम व पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी जांच के लिए पहुचे है । कर चोरी के मामले की जांच को लेकर आईटी विभाग की टीम भी कम्पनी के सहसपुर और मुलमुला दोनों संस्थान में एक साथ छापा मारा था ।
प्रबंधन लैब की अनुज्ञप्ति से सम्बंधित दस्तावेज दिखाने में नाकाम
लैब की वैधता को लेकर की गई जांच में कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रबंधन, जांच अधिकारियों को लैब की अनुज्ञप्ति से सम्बंधित कोई भी दस्तावेज दिखाने में नाकाम रहा । दस्तावेज के सम्बंध में जिम्मेदार गोलमोल जवाब देने लगे । दस्तावेज कम्पनी के मुख्य कार्यालय हैदराबाद में होने की बात कहने लगे, इस पर अधिकारियों ने दस्तावेज मेल में मंगाने की बात कही लेकिन मौजूद कर्मियों ने संतोषजनक जवाब नही दिया ।
लैब इंचार्ज की योग्यता पर उठे सवाल, नही दिखा पाए दस्तावेज
एक ओर जहां लैब के वैध दस्तावेज दिखाने में प्रबंधन नाकाम रहा, वही लैब इंचार्ज की योग्यता को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे है । जांच अधिकारियों द्वारा लैब इंचार्ज से योग्यता के सम्बंध में पूछने पर, जुलाजी में बीएससी होने की बात कही । इस सम्बंध में दस्तावेज मांगने पर इंचार्ज देने में नाकाम रहा । कार्यस्थल पर वैध दस्तावेज नही होने से लैब की वैधता और इंचार्ज की योग्यता पर सवाल खड़े हो रहे थे ।
आहार, अंडा, लीड और कीट समेत 06 सैम्पल लिए, लैब टेस्ट के लिए भेजा जाएगा
जांच टीम प्रमुख डॉ नरेंद्र ठाकुर ने बताया कि जांच प्रतिवेदन तैयार कर आगे की कार्रवाई के लिए कलेक्टर को दिया जाएगा । जांच के लिए गए सैम्पल को कलेक्टर के निर्देशानुसार अंजोरा या भोपाल वायरोलॉजी विभाग में लैब टेस्ट के लिए भेजा जाएगा । यहां कीटो के आहार से पड़ने वाले प्रभाव की जांच की जाएगी । इसलिए मुर्गियों के आहार, अंडा, लीड और कीट समेत 06 सैम्पल लिए गए हैं ।
मुर्गियों को दिया जाने वाला आहार आपत्तिजनक, लैब इंचार्ज कीटो के सम्बंध में नही दे पाया जवाब
मामला गम्भीर होने की वजह से जांच अधिकारी खुलकर कुछ भी बताने को तैयार नही है । जांच अधिकारियों को मुर्गियों को दिया जाने वाला आहार आपत्तिजनक लगा । जिम्मेदार विशेष प्रजाति के कीटो के सम्बंध में कोई भी जानकारी देने की स्थिति में नही थे । लैब इंचार्ज भी विशेष प्रजाति के कीट कहां से लाए गए हैं, कहां कल्चर किया गया से सम्बंधित जानकारी नही दे पाए । जो गम्भीर बात है ।
शिकायतकर्ता ने मामले की जांच कर, की कड़ी कार्रवाई की मांग
शिकायतकर्ता ओमकार वर्मा के अनुसार परिसर में प्रबंधन की ओर से एक लैब की स्थापना की गई है, जिसकी वैधता पर प्रश्न चिन्ह है । वही मुर्गियों को सामान्य कुक्कुट आहार के स्थान पर कीट खिलाए जाने पर पड़ने वाले प्रभाव, के जांच की मांग की गई है । लैब में कीटो के प्रजनन और आहार के रूप उपयोग करने की प्रक्रिया करीब 12 दिनों की होती है । जिसमे कीटो के अंडे देने और अंडे से कीट निकलने और सवंर्धन के बाद मुर्गियों को आहार में दिया जाता है ।