CG- 2 आरक्षक समेत 4 के खिलाफ FIR: 2 आरक्षक समेत चार के विरुध्द पुलिस द्रोह उद्दीपन एक्ट, विद्रोह और षड्यंत्र रचने और शामिल होने का अपराध दर्ज.... जानिए गंभीर मामला........

CG- 2 आरक्षक समेत 4 के खिलाफ FIR: 2 आरक्षक समेत चार के विरुध्द पुलिस द्रोह उद्दीपन एक्ट, विद्रोह और षड्यंत्र रचने और शामिल होने का अपराध दर्ज.... जानिए गंभीर मामला........

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रायपुर। आरक्षक उज्ज्वल दीवान, नवीन राव, आरक्षक संजीव मिश्रा और पूर्व आरक्षक एस संतोष के विरुद्ध अपराध दर्ज किया गया है। आरोप है की ये चारों अनुशासित पुलिस विभाग के सदस्यों में विद्वेश, विद्रोह फैलाने का प्रयास कर रहे थे। राजधानी के टिकरापारा थाने में पुलिस द्रोह उद्दीपन अधिनियम की धारा 3,109,505(1),और 120(b) की धाराओं में अपराध दर्ज किया गया है। पुलिस की तरफ से जारी बयान के मुताबिक आरक्षक उज्ज्वल दीवान द्वारा अपने साथियों नवीन राव, संजीव मिश्रा व एस संतोष के साथ मिलकर पिछले कुछ महीने से लगातार पुलिस बल के सदस्यों जिनमे सहायक आरक्षक भी सम्मिलित है। 

इनको लगातार अनुशासन भंग करने तथा पुलिस रेगुलेशन व पुलिस एक्ट के विपरीत आंदोलन करने के लिए उकसाया जा रहा था। पिछले महीने भी इनके द्वारा नया रायपुर तथा अभनपुर में बिना अनुमति आंदोलन कर चक्का जाम कराया गया था तथा लगातार बस्तर रेंज सहित छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में भ्रमण कर पुलिस के सदस्यो व उनके परिवार के सदस्यों को उग्र  आंदोलन करने के लिए उकसाया जा रहा था। कोविड संक्रमण को देखते हुए कलेक्टर के द्वारा धरना प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाये जाने के बाद भी रावनभाठा मैदान रायपुर में 10 जनवरी को पुलिस परिवार के सभी लोगो को सम्मेलन के नाम पर आंदोलन  के लिए आमंत्रित किया गया और घूम घूम कर उग्र आंदोलन करने के लिए शामिल होने उकसा रहा था।

यहां तक कि  सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल आडियो , वीडियो में यह भी सुना जा सकता है कि आंदोलन के लिए आ रहे पुलिस परिवार को रोकने पर एसडीओपी को गोली से लात घुसो से मार दो। इस प्रकार उक्त कृत्यों से उज्ज्वल दीवान और उसके साथी अनुशासित पुलिस विभाग के सदस्यों में विद्वेश, विद्रोह फैलाने का प्रयास कर रहे थे। जो कि अपराध की श्रेणी का होने से थाना टिकरापारा में 1 उज्ज्वल दीवान (आरक्षक)  2 नवीन राव 3 संजीव मिश्रा (आरक्षक) 4 एस संतोष (पूर्व आरक्षक)के विरुद्ध अपराध क्रमांक 34 /2022 धारा 3 पुलिस द्रोह उद्दीपन अधिनियम व 109, 505(1), 120 (b) भा द वि पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।