क्षेत्रीय सिनेमा किसी भी क्षेत्र विशेष की संस्कृति को जानने समझने का सबसे सरल एवं लोकप्रिय माध्यम है जिसमें मनोरंजन और उस संस्कृति से परिचय साथ साथ होता जाता है।

Regional cinema is the easiest and most popular medium to know and understand the culture of any particular region, in which entertainment and acquaintance with that culture go together.

क्षेत्रीय सिनेमा किसी भी क्षेत्र विशेष की संस्कृति को जानने समझने का सबसे सरल एवं लोकप्रिय माध्यम है जिसमें मनोरंजन और उस संस्कृति से परिचय साथ साथ होता जाता है।

 NBL,. 12/03/2022, Lokeshwer Prasad Verma,.. भारत जैसे विशाल देश में अनेक क्षेत्रीय भाषाओं में फ़िल्में बनती हैं. तेलुगु, तमिल, मलयालम, कन्नड़, मराठी, भोजपुरी, बंगाली, पंजाबी, गुजराती, असमिया आदि..पढ़े विस्तार से.। 

दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग दक्षिण भारत की चार फिल्म इंडस्ट्री संस्कृतियों को एक इकाई के रूप में परिभाषित करता है। ये कन्नड़ सिनेमा, मलयालम सिनेमा, तेलुगू सिनेमा और तमिल सिनेमा हैं। हालाँकि ये स्वतंत्र रूप से विकसित हुए हैं लेकिन इनमे फिल्म कलाकारों और तकनीशियनों के आदान-प्रदान और वैष्वीकरण ने इस नई पहचान के जन्म में मदद की।

भारत में क्षेत्रीय भाषाओं में भी बड़ी संख्या में फिल्म निर्माण होता है, जैसे... 

असमिया सिनेमा.... असमिया फिल्म उद्योग की उत्पत्ति क्रांतिकारी कल्पनाकर रुपकोंवर ज्योतिप्रसाद अग्रवाल के कार्यों में है, जो एक कवि, नाटक लेखक, संगीतकार और स्वतंत्रता सेनानी भी थे। उनका चित्रकला मूवीटोन के बैनर में 1935 में बनी पहली असमिया फिल्म जोयमती के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान था।

१९३५ मे बने पहली असमिया फिल्म जोयमती

बंगाली सिनेमा... 1950 के दशक में सामानांतर फिल्म आंदोलन बंगाली फिल्म उद्योग शुरू हुआ। तब से कई युगों का इतिहास लिखा जा चुका है जिसमे रे, घटक आदि फ़िल्मकार और उत्तम कुमार और सौमित्र चटर्जी आदि अभिनेताओं ने अपनी जगह बनायीं।मदन थिएटर की जमाई षष्ठी पहली बंगाली बोलती फिल्म थी, 1931 – दूसरी बंगाली बोलती फिल्म देना पौना थी जो बंगाल की पहली फिल्म के रूप में आई और बंगाली सिनेमा को आगे बढ़ाई। 

भोजपुरी सिनेमा... भोजपुरी भाषा के फिल्में मुख्यतः पश्चिमी बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के निवासियों का मंजोरंजन करती हैं। और पूरे विश्व में भोजपुरी फिल्म अपनी जगह बनाए रखने के लिए अहम भूमिका निभा रही है, क्योकी यूपी व बिहार के लोग भारत देश के अन्य राज्यो के साथ साथ विदेशों मे भी रहते है, इसलिए भोजपुरी सिनेमा का कद भी बहुत ऊँचा उठ के आगे बढ़ रही हैं। और भोजपुरी सिनेमा अपनी संस्कृती व सभ्यताओ को सहेज कर रखने के लिए प्रतिबद्ध है। 

छत्तीसगढ़ी सिनेमा. ..छ.ग क्षेत्रीय फिल्म भी अपने आप मे एक अनूठे पहचान बनाई है जो अपनी संस्कृती व अपनी सभ्यताओ को छ. ग सिनेमा देश के सामने व अपने प्रदेश में एक अच्छी छवि बनाई है, छ. ग. छॉलीवुड का जन्म 1965 में मनु नायक निर्मित और निर्देशित पहली छत्तीसगढ़ी फिल्म " कही देबे सन्देश " के प्रदर्शन के साथ हुआ, और कई अन्य अच्छी फिल्म छत्तीसगढ़ी सिनेमा दे रही है जो अपने देश व प्रदेश में एक बहुत बड़ी स्थान व मुकाम पर आगे बढ़ रही है। 

गुजराती सिनेमा... गुजरात के फिल्म उद्योग की शुरुआत 1932 में हुई . उस समय से गुजराती सिनेमा ने भारतीय सिनेमा में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।

हिंदी सिनेमा... बॉलीवुड के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय सिनेमा को नियंत्रित करती है और उनकी अपनी सबसे बड़ी और शक्तिशाली फिल्म इंस्टी. है। हिंदी सिनेमा ने अपने शुरुआती दौर में अछूत कन्या (1936) और सुजाता (1959) आदि फिल्मों के माध्यम से जाति और संस्कृति की समस्याओं का विशलेषण किया और देश मानव समाज मे फैल रही अंध कुरुतियो को मिटाने की भरपूर प्रयास किया और यही हिन्दी सिनेमा आज पूरे भारत देश के लोगों को नई दिशा दे रही है, और बड़ी तेजी से भारत देश व देशवासि विकास की ओर अग्रसर और आत्मनिर्भरता के साथ आगे बढ़ रही है और इसका श्रेय हिन्दी सिनेमा व देश के क्षेत्रीय सिनेमा को जाती है। 

दादा साहेब फाल्के भारतीय सिनेमा के जनक के रूप में जाने जाते हैं। दादा साहब फाल्के भारतीय सिनेमा में आजीवन योगदान के प्रतीक स्वरुप और 1969 में दादा साहब के जन्म शताब्दी वर्ष में भारत सरकार द्वारा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की स्थापना उनके सम्मान में की गयी। आज यह भारतीय सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित और वांछित पुरस्कार हो गया है, हिन्दी सिनेमा व क्षेत्रीय सिनेमा के लिए और कई पुरुस्कार दिए जाते हैं उनके सराहनिय व अच्छी कार्यो के लिए। 

ऐसे कई क्षेत्रीय सिनेमा व हिन्दी वालीवुड सिनेमा ने अपनी देश की संस्कृती व सभ्यताओ से अपनी क्षेत्र के साथ-साथ देश का मान बढ़ाया बल्कि देश की मानव समाज को अच्छी जीवन जीने की कला सिखाई व देश को विकास के लिए नई दिशा भी दी व दिखाई भारतीय क्षेत्रीय सिनेमा व राष्ट्रयीय हिन्दी भाषा के सिनेमा ने।