CG News : छत्तीसगढ़ के भेजे चावल से लगेगा राम लला को पहला भोग, अयोध्या में ननिहाल का है विशेष योगदान, अब तक भेजा जा चूका है 3000 हजार क्विंटल चावल और 100 टन सब्जी....

अयोध्या में प्रभु श्री राम के नए मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारी जोरों-शोरों पर है। यहां 70 एकड़ में मंदिर का निर्माण कार्य अंतिम दौर में चल रहा है।  22 जनवरी 2024 को अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में भगवान श्री राम की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। 22 जनवरी का पूरे देश को इंतजार है। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अपनी सेवाएं देने के लिए प्रभु श्रीराम का ननिहाल भी उत्साहित है।

CG News : छत्तीसगढ़ के भेजे चावल से लगेगा राम लला को पहला भोग, अयोध्या में ननिहाल का है विशेष योगदान, अब तक भेजा जा चूका है 3000 हजार क्विंटल चावल और 100 टन सब्जी....
CG News : छत्तीसगढ़ के भेजे चावल से लगेगा राम लला को पहला भोग, अयोध्या में ननिहाल का है विशेष योगदान, अब तक भेजा जा चूका है 3000 हजार क्विंटल चावल और 100 टन सब्जी....

रायपुर। अयोध्या में प्रभु श्री राम के नए मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारी जोरों-शोरों पर है। यहां 70 एकड़ में मंदिर का निर्माण कार्य अंतिम दौर में चल रहा है।  22 जनवरी 2024 को अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में भगवान श्री राम की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। 22 जनवरी का पूरे देश को इंतजार है। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अपनी सेवाएं देने के लिए प्रभु श्रीराम का ननिहाल भी उत्साहित है। छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए राम उनके भांचा हैं। इसीलिए अपने भांचा राम के लिए छत्तीसगढ़ का प्यार इस खास मौके पर उमड़-घुमड़ रहा है। इसी कड़ी में भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ से अयोध्या के लिए 3000 हजार क्विंटल चावल भेजा गया है। कहा जा रहा है कि राम लला को पहला भोग इसी चावल से लगेगा।

चावल के बाद अब 100 टन सब्जी भी रवाना की गई है। छत्तीसगढ़ की राजधानी नवा रायपुर स्थित सत्य सांई हॉस्पिटल के 50 डॉक्टरों की टीम भी अयोध्या के लिए रवाना हुई। 50 लोगों की चिकित्सा टीम अपनी सेवाएं देने अयोध्या पहुंच रही है। इस टीम में 20 डॉक्टर और 30 नर्सिंग स्टाफ है। वहां ये टीम राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में करीब 45 दिन अयोध्या में रहकर अपनी सेवाएं देगी। छत्तीसगढ़ के पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने राम मंदिर से डॉक्टरों की टीम को विधिवत पूजा पाठ के बाद अयोध्या के लिए रवाना किया। सत्य सांई हॉस्पिटल के डॉक्टरों का कहना है कि ये उनके लिए सौभाग्य की बात है कि अयोध्या जाकर वहां आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा का मौका मिल रहा है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा, कि यह हमारे लिए गौरव का पल है कि पहले राम जी के ननिहाल छत्तीसगढ़ से अयोध्या के लिए चावल गया और अब छत्तीसगढ़ के डॉक्टर वहां जाकर अपनी सेवाएं देंगे।

राकेश तिवारी कृत लोक नृत्य नाटिका "छत्तीसगढ़ में राम" विशेष मनभावन मंचन रायपुर स्थित मौलश्री विहार में किया गया। इसके बाद ये टीम अयोध्या में प्रभु श्रीराम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के पावन अवसर पर 14 से 17 जनवरी तक ये मंचन करेगी। छत्तीसगढ़ वासियों के लिए गौरव की बात है कि यहां के हमारे कलाकार प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।

दुर्ग जिले के कुम्हारी में 12 और 13 जनवरी को दो दिनी किसान मेला का आयोजन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ युवा प्रगतिशील किसान संघ की ओर से आयोजित इस मेले में पूरे छत्तीसगढ़ से करीब 100 टन सब्जी इकट्ठा किया जाएगा। फिर यही सब्जी अयोध्या भेजी जाएगी। राज्य अतिथि गृह पहुना में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात कर छत्तीसगढ़ युवा प्रगतिशील किसान संघ के प्रतिनिधियों ने उन्हें इस बात की जानकारी दी।

अब तक 11 ट्रकों के माध्यम से कुल तीन हजार क्विंटल चावल अयोध्या भेजा जा चुका है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हरी झंडी दिखाकर इन ट्रकों को रवाना किया। छत्तीसगढ़ से भेजे गए इस सुगंधित चावल का इस्तेमाल भगवान श्रीराम के महाभंडारे में होगा। सभी 33 जिलों से चावल एकत्र करने के बाद राज्य के राइसमिलर्स एसोसिएशन की तरफ से यह चावल भेजा गया है। आपको बता दें कि अयोध्या राम मंदिर समिति के पदाधिकारी चंपत राय ने छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स को पत्र लिखकर चावल भेजने का अनुरोध किया था।

पुराणों के मुताबिक भगवान राम की माता कौशल्या का जन्म स्थान छत्तीसगढ़ है। यह उनका मायका है। यानी भगवान राम का ननिहाल है। चंदखुरी में बने भव्य मंदिर में माता कौशल्या की गोद में भगवान राम बैठे हुए दिखाई देते हैं। इसी जगह को भगवान राम का ननिहाल कहते हैं। भूपेश सरकार में राम वनगमन पथ के तहत इस मंदिर का भव्य निर्माण किया गया है। अभी भी पथ का निर्माण कार्य चल रहा है। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम जब वनवास पर निकले थे तो यही से उन्होंने दक्षिण भारत की यात्रा की शुरुआत की थी।