PM Kisan: पीएम किसान स्कीम ने लगाया किसानों का बेड़ा पार, अब तक 3 लाख करोड़ किए ट्रांसफर

PM Kisan Scheme Update: मोदी सरकार (Modi Government) की प्रमुख योजना 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' है, जिसका फायदा देश के करोड़ों किसान उठा रहे हैं.

PM Kisan: पीएम किसान स्कीम ने लगाया किसानों का बेड़ा पार, अब तक 3 लाख करोड़ किए ट्रांसफर
PM Kisan: पीएम किसान स्कीम ने लगाया किसानों का बेड़ा पार, अब तक 3 लाख करोड़ किए ट्रांसफर

PM Kisan Scheme Update: मोदी सरकार (Modi Government) की प्रमुख योजना 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' है, जिसका फायदा देश के करोड़ों किसान उठा रहे हैं. डीबीटी के माध्यम से देशभर के किसान परिवारों को फाइनेंशियल हेल्प दी जा रही है. सरकार इस स्कीम में नए मील के पत्थर हासिल कर रही है. पीएम मोदी ने बुधवार को जब पीएम किसान की 16वीं किस्त (PM Kisan Scheme) जारी की, तो किसान परिवारों को अब तक दी गई आर्थिक सहायता की राशि 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई. 

बता दें 11 करोड़ से ज्यादा पात्र किसान परिवारों को पीएम किसान योजना का लाभ मिला है. चौंका देने वाली राशि में से लगभग 1.75 लाख करोड़ रुपये अकेले कोविड अवधि के दौरान किसानों को हस्तांतरित किए गए.

कार्यक्रम की एक और बड़ी उपलब्धि पीएम किसान योजना से लगभग 90 लाख नए लाभार्थियों को जोड़ना है. यह मोदी सरकार की विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान हुआ जब यह स्थानीय लोगों को केंद्रीय कल्याण योजनाओं के बारे में प्रभावित करने के लिए 2.60 लाख ग्राम पंचायतों से होकर गुजरी.

2019 में शुरू हुई थी योजना

पीएम-किसान, किसानों की संपूर्ण वित्तीय सुरक्षा और कल्याण के लिए मोदी सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना 2 फरवरी 2019 को शुरू की गई थी. इस योजना के तहत पात्र किसान परिवारों को प्रति वर्ष 6000 रुपये की वित्तीय सहायता मिलती है, जो तीन बार प्रदान की जाती है. हर चार महीने में 2000 रुपये की किस्‍त किसानों को प्रदान की जाती है. आधुनिक डिजिटल तकनीक का उपयोग करके डीबीटी मोड के माध्यम से पात्र लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे लाभ हस्तांतरित किया जाता है.

5 सालों में योजना ने बनाए कई रिकॉर्ड विशेष रूप से अपने संचालन के पिछले पांच सालों में इस योजना ने कई मील के पत्थर हासिल किए हैं. उत्तर प्रदेश के किसानों पर अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान के एक हालिया अध्ययन में यह भी पाया गया कि इस योजना में कोई खामी या रिसाव नहीं है. इसमें पाया गया कि अधिकांश किसानों को हस्तांतरित लाभ पूर्ण रूप से प्राप्त हुआ