नहीं रहे कथक के सरताज: प्रसिद्ध कथक नर्तक पद्म विभूषण बिरजू महाराज का 83 साल की उम्र में हार्ट अटैक से निधन.... बिरजू महाराज ने अंताक्षरी खेलते-खेलते ली अंतिम सांस......

नहीं रहे कथक के सरताज: प्रसिद्ध कथक नर्तक पद्म विभूषण बिरजू महाराज का 83 साल की उम्र में हार्ट अटैक से निधन.... बिरजू महाराज ने अंताक्षरी खेलते-खेलते ली अंतिम सांस......

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नई दिल्ली। दुनियाभर में अपने कथक नृत्य के लिए मशहूर रहे बिरजू महाराज का रविवार देर रात निधन हो गया। बिरजू महाराज अगले महीने 84 साल के होने वाले थे। उन्हें 1983 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। इसके साथ ही इन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और कालिदास सम्मान भी मिला है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और खैरागढ़ विश्वविद्यालय ने बिरजू महाराज को डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी दी थी। महान कथक नृतक बिरजू महाराज के निधन पर उनकी पोती रागिनी महाराज ने बताया, पिछले एक महीने से उनका इलाज चल रहा था। बीती रात उन्होंने मेरे हाथों से खाना खाया, मैंने कॉफी भी पिलाई। वे रात के भोजन के बाद अंताक्षरी खेल रहे थे, जब अचानक सांस लेने में तक़लीफ होने लगी। हम उन्हें अस्पताल ले गए लेकिन उन्हें बचाया न जा सका।

पिता अच्छन महाराज को अपनी गोद में महज तीन साल की उम्र में ही बिरजू की प्रतिभा दिखने लगी थी। इसी को देखते हुए पिता ने बचपन से ही अपने यशस्वी पुत्र को कला दीक्षा देनी शुरू कर दी। कथक सम्राट बिरजू महाराज का निधन संगीत जगत के लिए बड़ी क्षति है। कथक के पर्याय रहे बिरजू महाराज देश के प्रसिद्ध शास्त्रीय नर्तक थे। वे भारतीय नृत्य की कथक शैली के आचार्य और लखनऊ के 'कालका-बिंदादीन' घराने के प्रमुख थे। उनके जन्म से लेकर मृत्यु तक की कहानी काफी रोचक है। बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1938 को लखनऊ के 'कालका-बिन्दादीन घराने' में हुआ था। बिरजू महाराज का नाम पहले दुखहरण रखा गया था। यह बाद में बदल कर 'बृजमोहन नाथ मिश्रा' हुआ। 

इनके पिता का नाम जगन्नाथ महाराज था, जो 'लखनऊ घराने' से थे और वे अच्छन महाराज के नाम से जाने जाते थे। बिरजू महाराज जिस अस्पताल में पैदा हुए, उस दिन वहां उनके अलावा बाकी सब लड़कियों का जन्म हुआ था, इसी वजह से उनका नाम बृजमोहन रख दिया गया। जो आगे चलकर 'बिरजू' और फिर 'बिरजू महाराज' हो गया। प्रसिद्ध कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज का हार्ट अटैक से निधन हो गया है। पद्म विभूषण से सम्मानित 83 साल के बिरजू महाराज ने रविवार और सोमवार की दरमियानी रात दिल्ली के साकेत हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गायक मालिनी अवस्थी और अदनान सामी ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि दी है। ​​​​​​

बिरजू महाराज की पोती रागिनी ने बताया कि महाराज का एक महीने से इलाज चल रहा था। बीती रात करीब 12.15-12.30 बजे उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई; जिसके बाद उन्हें अस्पताल में एडमिट किया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। पंडित बिरजू महाराज ने हिंदी सिनेमा में अहम योगदान दिया है। उनके डांस टैलेंट की बदौलत हमें कई फिल्मों में नृत्य के बेहतरीन उदाहरण देखने को मिले हैं। आलिया भट्ट, माधुरी दीक्षित, दीपिका पादुकोण जैसी अदाकाराएं बिरजू महाराज से प्रशिक्षण ले चुकी हैं। आलिया भट्ट ने फिल्म कलंक के लिए पंडित बिरजू महाराज से दो महीने का नृत्य प्रशिक्षण लिया था। 

PM मोदी बोले- कला जगत की हुई अपूरणीय क्षति कथक सम्राट के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने बिरजू महाराज के साथ अपनी एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 'भारतीय नृत्य कला को विश्वभर में विशिष्ट पहचान दिलाने वाले पंडित बिरजू महाराज जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना संपूर्ण कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!''