मस्तूरी में मनरेगा के बड़े अधिकारी के इशारे पर फल फूल रहें राजेश साहू जैसे लोग जो आदेश को जेब में ले कर नियमों को कर रहें तार तार क्या इनको शासन प्रशासन से नहीं लगता डर इन उच्च अधिकारियों पर कार्यवाही कब पढ़े पूरी ख़बर




बिलासपुर//एक तरफ बिलासपुर जिला पंचायत में सामान्य सभा की बैठक के बाद मनरेगा के कार्यों में लापरवाही बरतने वाले 23 तकनीकी सहायकों को नोटिस जारी किया गया है पर मस्तूरी में बैठे इन बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई कब जो खुलेआम नियमों को ताक में रख कर कार्य कर रहें हैं क्या इनसे सवाल पूछने वाला कोई नहीं हैं ऐसे लोगों पर कार्यवाही होने से पूरे प्रदेश में उदाहरण पेश किया जा सकता हैं बीजेपी सुशासन की पार्टी कहीं जाती हैं तो क्या सुशासन राज में यही देखना बाकी था जहाँ एक अधिकारी अपने चहेतों को नियमों के खिलाफ जा कर बचा रहे हैं और उस पर कोई एक्शन नहीं हो रहा क्या ऐसे अधिकारी को बस्तर नहीं भेज देना चाहिए जो रोजगार सहायकों को अपना लाडला बनाकर रखे हुए हैं आदेश जारी होने के डेढ़ महीने बाद भी ज्वाइन नहीं करते किंतु उस पर कोई कार्यवाही नहीं होती उससे पूछा तक नहीं जाता की वो इतनी लापरवाही क्यों कर रहा हैं बल्कि उसको किसी तरह बचाने के लिए सारे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं ताज्जुब की बात है कि बिना पद में रहे राजेश साहू किसके सह पर मचहा में काम कर रहे हैं आखिर वह कौन अधिकारी है जिसने खुली छूट दे रखी है ऐसे अधिकारियों पर कारवाई कब होगी और ऐसी कौन सी मजबूरी है ईंन अधिकारियों की जिसके वजह से नियमों को तार तार किया जा रहा है एक ऐसे व्यक्ति के लिए जो फिल हाल किसी भी पद में नहीं है क्योंकि राजेश साहू को जहाँ भेजा गया है वहां उसने जॉइनिंग नहीं किया है और मचहा से उसे पहले ही हटा दिया गया हैं नियमों की माने तो रोजगार सहायक राजेश अभी किसी भी पद में नहीं है ना ही रोजगार सहायक है और ना ही रोजगार सहायक संघ का अध्यक्ष क्योंकि आदेश में साफ-साफ लिखा है कि उनको मचहा से पद छोड़ने के लिए आदेश डेढ़ महीने पहले ही जारी कर दिया गया है यही कारण है कि हम कह रहे हैं कि यह अभी किसी भी पद में नहीं है ऐसे में देखना होगा मस्तूरी ब्लाक के सारे रोजगार सहायक अब नए अध्यक्ष का चुनाव कब करते हैं वहीं मस्तूरी में मनरेगा के ऐसे बड़े और गैरजिम्मेदार अधिकारी जिनके इशारे पर पूरा विभाग चल रहा हैं ऐसे लोगों पर कब गाज गिरती है जो ऐसे लोगों पर नकेल कसने के बजाय उन पर मेहरबान है गलत करने वाले से सवाल पूछने के बजाय उनको बचाने में पूरी शक्ति लगा दे रहे हैं और पूरे विभाग की छवि को धूमिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं !