पचपेड़ी क्षेत्र के कोकड़ी डीपरापारा में पिछले एक हफ्ते से बिजली केबल जलने से बिजली आपूर्ति हैं बाधित ग्रामीण शिकायत ले कर पहुचें मस्तूरी क्यों बार बार क्षेत्र से आ रही बिजली की शिकायत कहां हैं क्षेत्र का जिम्मेदार क्या कहते हैं उपभोक्ता जानें पढ़े पूरी खबर

पचपेड़ी क्षेत्र के कोकड़ी डीपरापारा में पिछले एक हफ्ते से बिजली केबल जलने से बिजली आपूर्ति हैं बाधित ग्रामीण शिकायत ले कर पहुचें मस्तूरी क्यों बार बार क्षेत्र से आ रही बिजली की शिकायत कहां हैं क्षेत्र का जिम्मेदार क्या कहते हैं उपभोक्ता जानें पढ़े पूरी खबर
पचपेड़ी क्षेत्र के कोकड़ी डीपरापारा में पिछले एक हफ्ते से बिजली केबल जलने से बिजली आपूर्ति हैं बाधित ग्रामीण शिकायत ले कर पहुचें मस्तूरी क्यों बार बार क्षेत्र से आ रही बिजली की शिकायत कहां हैं क्षेत्र का जिम्मेदार क्या कहते हैं उपभोक्ता जानें पढ़े पूरी खबर

बिलासपुर//आज भले ही हम 21वी सदी में पहुंच गए हो देश ने कितनी भी तरक्की कर ली हो पर आज भी कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां सुविधाएं तो हैं पर अधिकारियों की ढुल मूल रवैया के कारण ग्रामीणों को अपनी अधिकारों के लिए जुझना पड रहा है ऑफिस के चक्कर काटने पड़ रहें हैं आज हम आपको पचपेड़ी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत कोकड़ी के लोगों की समस्याओं से रूबरू कराते हैं दरअसल कोकड़ी के डिपरापारा में पिछले एक हफ्ते से बिजली नहीं है कारण इतना ही है कि केबल जल गया है जिसके वजह से बिजली की आपूर्ति ठप हो गई है विद्युत कर्मी पहुंचते हैं और रिपेयरिंग का काम भी करते हैं पर रिपेयरिंग करने के बाद एक दिन चल गया तो बहुत बड़ी बात होती हैं इसी समस्या को लेकर ग्रामीण जब पचपेड़ी सब स्टेशन जे ई गंगा सागर ध्रुव से फोन पर बात करते हैं तो वह बोलते हैं कि वह कुछ नहीं कर सकते उनके पास नए केबल नहीं है इसलिए वह उनकी समस्याओं को दूर नहीं कर सकते वह आगे कहते हैं कि उनको ऊपर जाना होगा बड़े अधिकारियों के पास जाकर गांव वालों को अपनी समस्या बतानी होगी तभी यह समस्या हल हो सकती है पर सवाल यह है कि पचपेड़ी में बैठ के साहब क्या यह काम खुद नहीं कर सकते थे क्या वह लोगों की समस्याओं को अपने बड़े अधिकारियों को बता कर बिजली की समस्या पैदा कर रही केबल को चेंज नहीं करवा सकते ग्रामीण भी उनकी कार्यशैली से काफी आक्रोशित नजर आ रहे हैं ग्रामीण मुकेश यादव बताते हैं कि जब भी समस्या लेकर जाओगे वह ऊपर जाने की बात कहते हैं ग्रामीणों का आरोप है कि वह गरीब तपके के लोग हैं रोज-रोज अपना काम धंधा छोड़कर बिजली ऑफिस के चक्कर काटते रहेंगे तो उनके बच्चे भूखे मर जाएंगे इसलिए हम मस्तूरी नहीं आ पा रहे थे पर आज किसी तरह मस्तूरी पहुंचे हैं और आज किसी भी कीमत पर समस्या का समाधान करा कर ही वापस लौटने की बात ग्रामीणों द्वारा कही गई