दो महीने धान की फसल के लिए शानदार रहेगा मानसून, मौसम विभाग ने दी जानकारी मानसून सीजन के बाकी दो महीनों अगस्त और सितंबर के दौरान सामान्य से अधिक होगी बारिश पढ़े पूरी खबर




छ ग,मानसून सीजन के बाकी दो महीनों अगस्त और सितंबर के दौरान सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक अगस्त में सामान्य बरसात होगी। पश्चिमी मध्य प्रदेश, उससे जुड़े राजस्थान के इलाकों, महाराष्ट्र के अंदरूनी हिस्सों, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पंजाब के कुछ हिस्सों और हिमाचल प्रदेश में अगस्त में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। जबकि पूर्वोत्तर और पूर्वी राज्यों के साथ दक्षिणी राज्यों में इस महीने सामान्य से अधिक बरसात हो सकती है।
मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने सोमवार को अपनी वर्चुअल प्रेसवार्ता के दौरान अगस्त व सितंबर माह में मानसून की बारिश के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अगस्त व सितंबर के दौरान पूरे देश में वर्षा सामान्य 95 फीसद से 105 फीसद से अधिक होने की संभावना है। मौसम विभाग ने हर साल की तरह इस बार भी दक्षिण-पश्चिम मानसून के अगस्त-सितंबर महीनों के लिए पूर्वानुमान जारी किया है।
मानसून के अंतिम चरण में अधिक सक्रिय रहने और ज्यादा बारिश होने से खरीफ फसलों पर इसका विपरीत असर भी पड़ सकता है। धान को छोड़कर बाकी फसलों के लिए अधिक बारिश नुकसानदेय साबित हो सकती है। इस सवाल के जवाब में महापात्र ने बताया कि कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक सितंबर में मानसून की अच्छी बारिश से उत्पादकता बढ़ जाएगी। सितंबर के दौरान वाली मानसून की चाल के बारे में अगस्त के आखरी सप्ताह में अलग से पूर्वानुमान जारी किया जाएगा।
मौसम के स्थानीय प्रभावों के चलते मध्य भारत के कई क्षेत्रों और उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से नीचे से लेकर सामान्य बरसात हो सकती है। दक्षिणी राज्यों के साथ पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश भागों में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना है।
महापात्र ने एक सवाल के जवाब में बताया कि वर्तमान में समुद्री सतह का तापमान और भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर की हवाओं की स्थितियां अल नीनो स्थितियों का संकेत दे रही हैं। हालांकि मानसून के आखिरी चरण अथवा उसके बाद ला नीना की स्थिति फिर से उभरने की संभावना है। अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में ला नीना की स्थिति बनने से बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बन सकते हैं।
दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल के तट पर तीन जून को पहुंच गया था जो बड़ी तेजी से पूरे पूर्वी और पश्चिमी तटीय क्षेत्रों के साथ दक्षिण और उत्तरी राज्यों में पहुंच गया था लेकिन दूसरे चरण में मानसून अपने निर्धारित समय से लगभग 15 दिन विलंब से दिल्ली पहुंचा। इस बार राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में जुलाई में सामान्य से अधिक बरसात हुई। देशभर में इस बार जुलाई के दौरान सामान्य से सात फीसद कम बरसात हुई है। जबकि पूर्वोत्तर के राज्यों, पूर्वी राज्यों में 25 फीसद की कमी दर्ज की गई है। इसी तरह दक्षिणी राज्यों में भी जुलाई में 27 फीसद की कमी रही है।