राज्य शासन की घोषणा के अनुरूप मस्तूरी क्षेत्र के स्कूलों में पढ़ाई सोमवार से हुई शुरू बड़े उत्साह के साथ बच्चे 16 महीने बाद पढ़ने के लिए पहुंचे स्कूल पढ़े पूरी खबर




छ ग मस्तूरी,राज्य शासन की घोषणा के अनुरूप स्कूलों में पढ़ाई सोमवार से शुरू हो गई। बड़े उत्साह के साथ बच्चे 16 महीने बाद पढ़ने के लिए स्कूल
पहुंचे। स्कूल खुलने के पहले ही दिन आज शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ आलोक शुक्ला ने पलारी
विकासखण्ड के गिर्रा और कुसमी स्कूल का निरीक्षण किया। उन्होंने इस दौरान न केवल बच्चों की क्लास ली बल्कि उनके बीच आम बच्चों की तरह बैठकर अपने छात्र जीवन को महसूस किया। उन्होंने लम्बे समय बाद स्कूल पहुंचे बच्चों से स्नेह पूर्वक बात की और उनका मुँह मीठा कर स्वागत किया। कलेक्टर सुनील कुमार जैन, एनएचएम संचालक डॉ प्रियंका शुक्ला,डीईओ सीएस ध्रुव, राजीव गांधी शिक्षा मिशन के जिला
समन्वयक सोमेश्वर राव भी इस मौके पर उपस्थित थे। उन्होंने ग्राम गिर्रा के माध्यमिक स्कूल में कक्षा आठवीं के छत्राओं से क्लास में चल रहे आधुनिक यूरोप के उदय के संबंध में छात्रों से सवाल जवाब किए। स्कूल की प्रधान पाठिका उषा कोटरे ने डॉ शुक्ला को बताया कि अभी आठवीं की कक्षा संचालित हो रही है। हमनें सभी पालकों से उसके लिए लिखित अनुमति लिए है। कक्षा 8 वी में कुल 26 छात्र है जिसमें से आज पहले दिन 18 छात्र उपस्थित रहें।
इसी कड़ी में बिलासपुर जिले के मस्तूरी क्षेत्र के स्कूलो में रौनक देखने मिला जहाँ स्कूलों को फूलो बलूनो से सजाया गया था कही मीठा बाटी गई तो कही खीर पूरी बनाया गया और इस तरह से स्कूल के पहले दिन को बहुत ही उत्शाह के साथ लगभग सभी स्कूलों में यादगार बनाया गया परसोड़ी,गोपालपुर,जोंधरा, कुकुर्दीकला छोटे कुकुर्दीकला भिलौनी,सोनसरी,सोन
मस्तूरी,खुरुभाटा,बुढ़ीखार,केवटाडीह भुतहा,खपरी,गोड़ाडीह,गोबरी,
मानिकचौरी,जैतपुरी,जैतपुर,मनवा,
आदि स्कूलों में प्रवेश करतें ही प्रत्येक छात्रो का थर्मल स्क्रीनिंग के साथ सेनेटाइज किया गया इस अवसर पर सभी स्कूलों के सभी स्टाफ प्रधान पाठक व पंचायतो के सरपंच उपसरपंच व पंच गण उपस्थित रहे पर कुछ स्कूलों में प्रधान पाठको की
लापरवाही भी देखने को मिला उनमे से एक प्राथमिक शाला सोडाडीह है जहाँ प्रधान पाठक भगत सिदार ने न स्कूल की साफ सफाई कराई थी न पालको की मीटिंग ली थी न मास्क बाटे थे न ही सेनेटाइजर की कोई ब्यवस्था की थी और बच्चो को भी 12:30 छुट्टी दे दी गई थी अब जरा सोचिये क्या ऐसे शिक्षक के भरोशे स्कूल चल पायेगा ऐसे में बच्चो का क्या हाल होगा और पालक अपने बच्चो को किसके भरोशे स्कूल भेजेंगे सवाल बहुत है पर इन सभी सवालो का जवाब मस्तूरी शिक्षा विभाग को तलाशना होगा