सास बनी मिसाल: शादी के छह माह बाद बेटे की मौत.... बेटे की मौत के बाद महिला शिक्षक ने बहू को पढ़ाकर बनाया लेक्चरर.... धूमधाम से करवाई दूसरी शादी.... पढ़िए इमोशनल कर देगी ये कहानी.......

सास बनी मिसाल: शादी के छह माह बाद बेटे की मौत.... बेटे की मौत के बाद महिला शिक्षक ने बहू को पढ़ाकर बनाया लेक्चरर.... धूमधाम से करवाई दूसरी शादी.... पढ़िए इमोशनल कर देगी ये कहानी.......

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डेस्क। राजस्थान के सीकर के फतेहपुर शेखावाटी के पास ढांढण गांव की एक टीचर कमला देवी ने अपने बेटे की मौत के बाद विधवा हुई, बहु सुनीता की फिर से शादी करा कर सास के रूप में मां की भूमिका निभाई और समाज को सकारात्मक बदलाव का संदेश दिया। महिला शिक्षक ने अपनी विधवा बहू को पहले तो पांच साल तक पढ़ाया और फिर उसकी दूसरी शादी कर बेटी की तरह विदा किया। टीचर कमला देवी के छोटे बेटे शुभम की शादी 25 मई 2016 में हुई थी। शादी के बाद शुभम MBBS की पढ़ाई करने के लिए किर्गीस्तान चला गया। वहां नवंबर 2016 में उसकी ब्रेन स्ट्रोक से मौत हो गई। इसके बाद सास ने बहू की हिम्मत बढ़ाई और उसे पढ़ाया-लिखाया। 

नतीजा ये रहा कि उनकी बहू ग्रेड-1 की लेक्चरर बन गई। अब 5 साल बाद सास ने अपनी बहू की बेटी की तरह धूमधाम से दूसरी शादी की। कमला देवी की बहू का नाम सुनीता है, जिसकी शादी मुकेश नामक युवक से करवाई गई है। सास कमला देवी ने बताया कि उनका बेटा शुभम और सुनीता किसी कार्यक्रम में एक-दूसरे से मिले थे। शुभम ने यह बात घर पर बताई तो उन्होंने शादी के लिए सुनीता के घर वालों से बात की। शादी के समय सुनीता के परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी। उन्होंने सुनीता को बिना दहेज अपने घर की बहू बनाया। लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। शुभम की शादी के महज कुछ महीने बाद ही मौत हो गई।

उन्होंने बताया, ''सुनीता ने पहले तो अपने माता-पिता के यहां जन्म लेकर उनके घर को खुशियों से भरा। शादी के बाद हमारे घर में एक बेटे की तरह रही। अब जब उसकी शादी मुकेश से हो गई है, तो वह उसके घर को भी खुशियों से भर देगी।'' कमला देवी के बड़े बेटे रजत बांगड़वा ने बताया कि छोटे भाई शुभम की मौत के बाद मां ने सुनीता को उनसे भी ज्यादा प्यार किया। बदले में सुनीता ने भी मां की हर बात मानी। शुभम की मौत होने के बाद भी मां ने सुनीता को एमए, बीएड करवाकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई। पिछले साल सुनीता का चयन हिस्ट्री के लेक्चरर पद पर हुआ। फिलहाल वह चूरू जिले के सरदार शहर इलाके के नैणासर सुमेरिया में शिक्षिका है। 

सुनीता ने हमारे घर का ध्यान रखने के साथ ही अपने माता-पिता का भी पूरा ध्यान रखा। सुनीता ने अपने छोटे भाई को भी पढ़ाया। सुनीता ने बताया कि पति की मौत के बाद सास ने उसे एक बेटी की तरह प्यार दिया। सास ने नई जिंदगी की शुरुआत करने के लिए मुकेश से उसकी शादी करवाई है। सास ने बेटी की तरह उसका कन्यादान किया है, जिससे वह काफी खुश है।