CG EXCLUSIVE VIDEO : शहीद पिता का जांबाज बेटा अवीर के बोल-.…जिंदगी तो अपने दम पर जी जाती है, दूसरों के दम पर तो सिर्फ जनाजे उठा करते हैं, कह गया शहीद कर्नल विप्लव का मासूम अबीर…..शहीद कर्नल के बेटे का ये वीडियो देख आप भी हो जाएँगे भावुक.....देखे विडियो……..

CG EXCLUSIVE VIDEO : शहीद पिता का जांबाज बेटा अवीर के बोल-.…जिंदगी तो अपने दम पर जी जाती है, दूसरों के दम पर तो सिर्फ जनाजे उठा करते हैं, कह गया शहीद कर्नल विप्लव का मासूम अबीर…..शहीद कर्नल के बेटे का ये वीडियो देख आप भी हो जाएँगे भावुक.....देखे विडियो……..

डेस्क : छोटी सी उम्र में अवीर का आत्म विश्वास से भरा यह संवाद उनके हौंसले को भी दिखाता है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में देश के प्रति अवीर के जज्बे को दिखाता है। कमांडेंट विप्लव त्रिपाठी जब परिवार के साथ लौट रहे थे, तभी 13 नवंबर को घात लगाए उग्रवादियों ने IED ब्लास्ट कर उनकी गाड़ी को उड़ा दिया था। कमांडेंट विप्लव त्रिपाठी के छोटे भाई अनय त्रिपाठी असम राइफल्स में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं।


जिंदगी तो बस अपने दम पर जी जाती है, दूसरों के कंधों पर जनाजे उठा करते हैं..., यह लाइनें मणिपुर में हुए उग्रवादी हमले में शहीद कमांडेंट विप्लव त्रिपाठी के 6 साल के बेटे अवीर की हैं। अवीर ने स्कूल में इसी साल हुए गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में इन पंक्तियों को मंच से गर्व के साथ कहा था। जो जज्बा शहीद कमांडेंट विप्लव त्रिपाठी में था, वही उनके बेटे के अंदर भी था। या यूं कहे कि परिवार की विरासत को वह इसके जरिए आगे बढ़ा रहे थे।

उग्रवादी हमले में कमांडेंट की शहादत के साथ ही उनकी पत्नी अनुजा शुक्ला (37) और 6 साल के बेटे अवीर त्रिपाठी की भी मौत हो गई है। तीनों को आज रायगढ़ में अंतिम विदाई दी जाएगी। इससे पहले अवीर का एक वीडियो वायरल है। यह वीडियो 26 जनवरी को स्कूल में हुई फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का है। भगत सिंह के किरदार में अवीर मंच से कहते हैं कि 'जिंदगी तो बस अपने दम पर जी जाती है, दूसरों के कंधों पर तो जनाजे उठते हैं...इंकलाब जिंदाबाद'।

 

मणिपुर में शनिवार को हुए चरमपंथियों के हमले में असम राइफल्स के पांच जवान शहीद हो गए. मारे जाने वाले में छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के लाल कर्नल विप्लव त्रिपाठी भी शामिल थे. इनके साथ दो और जिंदगियां खत्म हो गई. एक उनकी पत्नी अनुजा त्रिपाठी और दूसरा उनका 8 साल का बेटा अबीर. जिसने अभी जिंदगी देखनी शुरू की थी, जिसे अभी आसमान को छूना था. लेकिन एक बच्चे को मारने में चरमपंथियों का दिल नहीं पसीजा। शनिवार का मनहूस दिन सुबह के 11.30 बजे  46 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी के काफिले पर हमला किया गया. जिस समय ये हमला हुआ, उस वक्त कर्नल त्रिपाठी अपने परिवार के साथ लौट रहे थे. इस हमले के बाद कर्नल त्रिपाठी का परिवार शोक में डूबा है. उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा है कि एक पूरा का पूरा परिवार देश सेवा के लिए बलिदान हो गया. कर्नल त्रिपाठी को देश सेवा की प्रेरणा अपने दादा से मिली।

8 के अबीर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि 8 साल के बच्चे के भीतर देश सेवा का जज्बा किस कदर हैं. इतने कठिन स्टंट करने में बड़ों के पसीनें से छूट जाते हैं, लेकिन नन्हा सा अबीर इसे आसानी से कर रहा है. अबीर की मौत के बाद से उसके स्कूल में भी शोक का माहौल है. स्कूल प्रबंधन ने 15 नवंबर को स्कूल में छुट्टी घोषित की है. 

सेना में जाने का ऐसा जज्बा की जिद करके सैनिक स्कूल में लिया था एडमिशन

 शहीद कर्नल विप्लव का जन्म 1980 में हुआ था. उनकी शुरुआती पढ़ाई रायगढ़ में ही हुई. उनके एक दोस्त के मुताबिक रायगढ़ शहर में फ़ौज़ में जाने वाले लोगों की संख्या गिनी-चुनी थी. उस समय विप्लव ने सैनिक स्कूल में प्रवेश के लिए ज़िद की और फिर वे उसी रास्ते पर आगे बढ़ते चले गए. साल 2001 में उन्होंने सेना जॉइन किया था. नौकरी के साथ उन्होंने डिफेंस स्टीडज में एमएससी किया. इसके बाद उन्हें प्रमोशन दिया गया और उनकी तैनाती असम राइफल्स में की गई. करीब डेढ़ साल पहले मणिपुर में पोस्टिंग

करीब डेढ़ साल पहले विप्लव की पोस्टिंग मणिपुर में हुई थी। उससे पहले वह मेरठ कैंट में थे. करीब एक साल पहले वे अंतिम बार रायगढ़ आए थे. मामा ने बताया कि विप्लव बेहद ही शांत और नम्र स्वभाव के थे. कभी-कभी तो लोगों को आश्चर्य होता था कि वे सेना में कैसे चले गए।

संविधान निर्माता समिति के सदस्य रह चुके हैं दादा

कर्नल विप्लव के दादा किशोरी मोहन त्रिपाठी के बेहद करीब थे. उनके दादा जोकि संविधान निर्माता समिति के सदस्य थे.  वे रायगढ़ के प्रथम मनोनीत सांसद भी नियुक्त हुए थे. शहीद के पिता सुभाष त्रिपाठी एक अखबार के संपादक और रायगढ़ प्रेस क्लब के अध्यक्ष हैं. इनकी मां पेशे से डॉक्टर हैं और अनाथालय में मुफ्त सेवाएं देती हैं.  विप्लव के छोटे भाई अनय त्रिपाठी भी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं.

आर्मी के किसी लिंक से, अनय के पास मैसेज आया

शनिवार को हुए चरमपंथियों के हमले को लेकर विप्लव के मामा बताते हैं कि एक दिन पहले ही विप्लव का छोटा भाई अनय, शिलॉन्ग से सड़क मार्ग से रायगढ़ पहुंचा था.

“सुबह मैंने और अनय ने साथ नाश्ता किया और घर के लिए निकले ही थे कि उतने में आर्मी के किसी लिंक से, अनय के पास मैसेज आया. अनय ने तुरंत विप्लव की यूनिट में फोन लगाया और पूछा कि क्या स्थिति है? बताया गया कि सात लोग मारे गए हैं.”

बेटे के साथ दिवाली मनाकर लौटे थे माता-पिता

कर्नल विप्लव के पिता और मां छह दिन पहले ही रायगढ़ वापस लौटे हैं. इससे पहले तीन महीने तक वे मणिपुर में अपने बेटे-बहू के साथ थे. सबने साथ दिवाली मनाई. इसके बाद माता-पिता रायगढ़ लौट कर आए थे। शहीद कर्नल के छोटे भाई अनय त्रिपाठी फिलहाल रायगढ़ में थे. इस खबर के बाद से मात-पिता के आंसू नहीं रुक रहे. उनका परिवार शहर के प्रतिष्ठित परिवारों में शमिल है. जिसे पता चला, वह यह खबर सुनकर स्तब्ध रह गया. शनिवार दिन भर शोक जताने आने वालों का घर में तांता लगा रहा, लेकिन मां-बाप उनसे बात करने की हालत में भी नहीं थे.

ओडिशा की थीं पत्नी

शहीद विप्लव की 37 वर्षीय पत्नी अनुजा ओडिशा की रहने वाली थी. हमले के समय उनके साथ थीं. उग्रवादियों ने उनके काफिले पर तब घात लगाकर हमला किया, जब कर्नल रोजाना की तरह चेक पोस्ट का निरीक्षण करने निकले हुए थे. यह उनके रूटीन क हिस्सा था, लेकिन शनिवार को पत्नी और बेटा भी उनके साथ थे.

बेटे ने इलाज के दौरान तोड़ा दम

सबसे पहले कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव की गाड़ियों के काफिले में आगे चल रही गाड़ी में ब्लास्ट हुआ. बीच वाली गाड़ी में वह खुद अपने परिवार के साथ बैठे हुए थे. ब्लास्ट के बाद दोनों बची हुई गाड़ियों पर उग्रवादियों ने गोलियों की बौछार कर दी. कर्नल विप्लव और उनकी पत्नी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. बेटा गंभीर रूप से घायल था, लेकिन इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई,