सुकमा जिले के अंदरुनी क्षेत्रों में नदी-नालों को पारकर घर-घर पहुंच रही मलेरिया जांच दल...अब तक 90 हजार से अधिक मलेरिया जाँच, केवल 592 पाॅजिटिव

सुकमा जिले के अंदरुनी क्षेत्रों में नदी-नालों को पारकर घर-घर पहुंच रही मलेरिया जांच दल...अब तक 90 हजार से अधिक मलेरिया जाँच, केवल 592 पाॅजिटिव

*सुकमा 25 जून 2021/* जब हौसले बुलंद हों तो बड़ी से बड़ी बाधा भी रास्ता नहीं रोक सकती। सुकमा को मलेरियामुक्त बनाने का यही हौसला सीने में लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम के हौसले का इम्तिहान खुद कुदरत ने लिया, मगर चट्टानों से मजबूत इरादों को देख कुदरत भी हार मान गया। 

 मलेरियामुक्त अभियान के तहत मरईगुड़ा, गोलापल्ली, किस्टारम, बंडा, मेहता, गोण्डेरास जैसे दुर्गम और पहुँचविहीन गांवों में पहुंचकर लोगों के स्वास्थ्य की जांच व उपचार कर रहे है। पोटकपल्ली, टेटेमड़गू, कोसमपाड़, पल्लोड़ी, कासाराम, करीगुंडम, नागाराम, उर्सांगल, कोण्डासांवली जैसे अंदरुनी क्षेत्रों में आने वाली तमाम बाधाओं को पारकर स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर पहुंच रही है और लोगों का रक्त परीक्षण कर रही हैै। यहाँ तक स्वास्थ्य विभाग ने ग्राम पंचायत सिलगेर पहुँचकर भी मलेरिया जाँच की। जिसमें लगभग 1500 व्यक्तियों का जाँच किया गया।

*अब तक 90 हजार से अधिक मलेरिया जाँच, केवल 592 पाॅजिटिव*

   मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मलेरियामुक्त छत्तीसगढ़ के सपने को साकार करने के लिए स्वास्थ्य विभाग हर प्रकार की कठिनाइयों को पूरी हिम्मत से पार कर लोगों तक स्वास्थ्य सुविधा पहुँचा रही है। जिले में अब तक मलेरिया जाँच टीम द्वारा 22 हजार 895 घरों में निवासरत 90 हजार 703 जनसंख्या का जाँच किया जा चुका है। जिसमें से केवल 592 व्यक्ति पाॅजिटिव पाए गए हैं। जिन्हें तत्काल दवा उपलब्ध कराई गई। 

 जाँच दल के सदस्य बताते हैं कि मलेरिया जांच के इस अभियान के दौरान दल को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। नदी-नाले भरे रास्तों में सफर कर गांवों तक पहुंचना, बारिश के साथ ही घने हो चुके जंगलों में मिलने वाली एक से अधिक पगडंडी में रास्ता भटककर दूसरे रास्ते में आगे बढ़ने की घटनाएं होती रहती हैं। इन मुश्किल हालातों के कारण ये सफर बहुत ही थकाऊ हो जाता है, मगर यह थकान तब पूरी तरह दूर हो जाती थी, जब गांव में पहुंचने पर ग्रामीणों ने उत्साह के साथ अपना रक्त परीक्षण और उपचार कराते हैं। ग्रामीणों से मिलने वाले इस स्नेह ने जांच दल का उत्साह और चुनौतियों से निबटने का हौसला बढ़ाया है। 

 उल्लेखनीय है कि जिले में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के चतुर्थ चरण का प्रारम्भ 15 जून 2021 से किया गया है। 700 सर्वे दल के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के 2 लाख 57 हजार 467 व्यक्तियों का मलेरिया जाँच करने का लक्ष्य निर्धारित है।