लॉकडाउन ब्रेकिंग : स्कूल और कॉलेज आगामी आदेश तक के लिए अनिश्चितकाल के लिए किया गया बंद, दफ्तरों में भी वर्क फ्राम होम, निर्माण कार्य और ट्रकों की इंट्री भी बंद....बढ़ते प्रदूषण के चलते लिया गया फैसला……

लॉकडाउन ब्रेकिंग : स्कूल और कॉलेज आगामी आदेश तक के लिए अनिश्चितकाल के लिए किया गया बंद, दफ्तरों में भी वर्क फ्राम होम, निर्माण कार्य और ट्रकों की इंट्री भी बंद....बढ़ते प्रदूषण के चलते लिया गया फैसला……

डेस्क : देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के चलते आगामी आदेश तक स्कूल और कॉलेजों को बंद किया गया है । लगातार बढ़ते प्रदूषण के चलते सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई थी । इसके चलते यह फैसला लिया गया है । दरअसल, दिल्ली और एनसीआर (NCR) में प्रदूषण की वजह से हालात बेहद चिंताजनक है। इसी के चलते कमीशन फॉर एयर क्‍वालिटी मॉनिटरिंग (Commission for Air Quality Management) ने मंगलवार को कई बड़े निर्देश दिए है। इनमें दिल्ली के 300 किमी के दायरे में 30 नवंबर तक पांच थर्मल पावर प्लांट को छोड़कर सभी को बंद किया जाएगा। इसके साथ ही अगले आदेश तक एनसीआर के सभी स्कूल और कॉलेजों को बंद करने के लिए निर्देश दिए हैं।

दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, यूपी, उत्तराखंड, राजस्थान के साथ CAQM  ने बैठक की थी, जिसमें इस बात का निर्णय लिया गया है कि 21 नवंबर तक दिल्ली-NCR में 50 फीसदी स्टाफ के साथ दफ्तरों में काम किया जायेगा, बाकी स्टाफ वर्क फ्राम होम करेंगे। ये नियम सरकारी और प्राइवेट दोनों दफ्तरों केलिए लागू होगा।

डीजल जेनरेटरों यानी डि‍जी सेट्स के इस्‍तेमाल पर भी रोक लगा दी गई है. सथ ही इलाके के 11 थर्मल पावर प्‍लांट यानी कोयले से बिजली उत्‍पादन करने वाले कारखानों में से केवल 5 को चलाने की इजाजत दी गई है. आयोग ने कहा कि एनसीआर में गैस क्षमता वाले सभी उद्योग इसी पर अपना परिचालन करें, ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए. किसी भी उद्योग को अस्वीकृत ईंधन का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं होगी. अगर कोई उद्योग ऐसा करता पाया गया तो उसे तुरंत बंद करा दिया जाएगा. दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में स्थित 11 थर्मल पावर प्लांट में से पांच का ही संचालन किया जाएगा. एनटीपीसी, झज्जर, महात्मा गांधी टीपीएस  जैसे पांच कोयला बिजली संयंत्रों के परिचालन की इजाजत दी गई है.

आयोग के समक्ष भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने कहा है कि आने वाले दिनों में एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बेहद खराब स्थिति में ही रहने का अनुमान है. आने वाले दिनों में भी इसमें सुधार की कोई संभावना नहीं दिख रही है.

कमीशन फॉर एयर क्‍वालिटी मॉनिटरिंग ने ये भी निर्देश दिए कि आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वालों को छोड़कर दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगाई जाए।

-एनसीआर में क्रमशः 10 और 15 साल से अधिक पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों को सड़क से दूर रखा जाएगा।

-कुछ सरकारी और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को छोड़कर 21 नवंबर तक एनसीआर में निर्माण और तोड़-फोड़ की गतिविधियों में रोक लगाई गई है।

एनसीआर में कम से कम 50% सरकारी कर्मचारी घर से काम करेंगे और निजी संस्थानों को 21 नवंबर तक ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

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21 नवंबर तक ट्रकों की एंट्री पर पाबंदी

 

कमिशन ने ये भी कहा कि, 21 नवंबर तक दिल्ली में ट्रकों की एंट्री पर पाबंदी लगा दी गई है । केवल जरूरी सामानों की एंट्री पर पाबंदी नहीं रहेगी। वहीं, इसके अलावा रेलवे, मेट्रो, एयरपोर्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा/डिफेंस को छोड़ कर सभी कंस्ट्रक्शन पर 21 नवंबर तक पाबंदी रहेगी। गौरतलब है कि बीते दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में आ बनी जिसके बाद दिल्ली सरकार ने उत्तरी राज्यों के साथ बैठक कर प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली-एनसीआर में वर्क फ्रॉम होम नीति लागू करने के सुझाव दिए. इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण मामले पर सुनवाई करते हुए लॉकडाउन लगाने का भी सुझाव दिया था ।