कर्मचारियों - मज़दूरों के प्रति अपनी जिम्मेदारी नही निभा रहे हैं श्रम अधिकारी - आम आदमी पार्टी

कर्मचारियों - मज़दूरों के प्रति अपनी जिम्मेदारी नही निभा रहे हैं श्रम अधिकारी - आम आदमी पार्टी

● श्रम निरीक्षकों का मोबाईल नम्बर देने से जिला श्रम अधिकारी को परेशनी : विभाग का लैंडलाईन नम्बर भी है बंद


● व्यवसायियों व ठेकेदारों के हित में काम कर रहे हैं श्रम पदाधिकारी! - तरुणा

जगदलपुर / छत्तीसगढ़ । आम आदमी पार्टी बस्तर की जिला अध्यक्ष तरुणा साबे बेदरकर ने बस्तर के श्रमिकों और निजी संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों को छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा समय समय पर लागू न्यूनतम वेतन मान जमीनी स्तर पर लागू हुई है या नही जानकारी हेतु श्रम अधिकारी डीएस बरिहा से पोलखोल अभियान के तहत प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात किया।


गौरतलब होकि आम आदमी पार्टी बस्तर की जिलाध्यक्ष तरुणा साबे बेदरकर पार्टी के राष्ट्रीय परिषद की भी सदस्य हैं। दिल्ली के श्रम मंत्री गोपाल राय जी ही उनके पार्टी के छत्तीसगढ़ राज्य प्रभारी भी हैं। जिनके निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ राज्य में प्रत्येक श्रमिकों को न्यूनतम वेतन मिलता है या नही ऐसा सर्वे किया जा रहा है।


जैसा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली के अर्न्तगत न्यूनतम वेतनमान सभी निजी संस्थानों और सभी जगह लागू किया है चाहे वो निजी पैथोलॉजी हो, होटल हो, स्कूल हो, मॉल या को कपड़े की दुकान असंगठित क्षेत्र चाहे वह खुदरा व्यवसाय हो, किराना दुकान या फिर सोना चांदी, कपड़े की या नगर में कई कम्पनियों के शोरूम हैं। वहां काम करने वाले स्थानीय कर्मचारियों को शोषण मुक्त वातावरण देने के लिए दिल्ली के श्रम मंत्री और छत्तीसगढ़ के प्रदेश मंत्री गोपाल राय के मंत्रालय से लागू किया है। अगर दिल्ली सरकार की श्रम विभाग की नीतियों को किसी निजी संस्थानों द्वारा अवहेलना करने पर तुरन्त कार्यवाही करते हुए उस संस्थान या दुकान का रजिस्ट्रेशन रद्द कर देने है कड़े निर्देशो को लागू किया गया है। इसी तरह बस्तर में न्यूनतम वेतनमान लागू करवाने हेतु श्रम अधिकारी से मुलाकात की गई।

गौरतलब हो कि बातचीत के दौरान बस्तर जिले के श्रम अधिकारी डीएस बरिहा का जो रवैया और उदासीनता दिखाई दिया उससे प्रतीत होता है कि श्रम अधिकारी यहा के निजी संस्थानों, ठेकेदारों के साथ मिली भगत में शामिल होकर यंहा के स्थानीय लोगों के अधिकारों का हनन कर रहे हैं।


श्रम अधिकारी को नही ही बस्तर में नियोक्ताओं की जानकारी - आम आदमी पार्टी


आगे तरुणा ने कहा कि श्रम अधिकारी को पूंछे जाने पर गैर जिमेदाराना जवाब दिया गया कि यह मेरे कार्यक्षेत्र के अंतर्गत नही आता कि बिना शिक़ायत के जांच करने का अधिकार नही है और ऐसा  उन्हें उच्च अधिकारियों ने कहा है, किसी तरह की शिकायत प्राय होने पर ही वे न्यूनतम वेतन लागू करने हेतु प्रयास करेंगे। श्रम अधिकारी के रूप में जी एस बरैय्या 2018 से पदस्थ हैं तथा उनके अनुसार ही अब तक वे बस्तर ज़िले के कुल 9 संस्थाओं में जांच किये हैं और दस्तावेज़ के अनुसार उन्होंने सभी संस्थानों में श्रम नियमों के अंतर्गत उन्हें सही बताया है। परंतु बातों से यही लगा कि केवल दस्तावेज़ों पर ही श्रम नियम लागू थे व वे सत्य जानकर भी चुप रहे, ऐसा उनका कहना है क्योंकि उच्च उन्हें ऐसा ही निर्देश था।

श्रम अधिकारी के रूप में पदस्थ जीएस बरिहा जी से आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल द्वारा जब सवाल किया गया कि बस्तर जिले मुख्यालय में कुल कितनी संस्थाएं सनचकित हैं जहां श्रम विभाग के अनुसार न्यूनतम वेतन दिया जा रहा है और वहां के कर्मचारियों को सभी सुविधाएं नियमानुसार मिलती हैं। तब वे इसकी जानकारी देने में अक्षम रहें और तिलमिलाते हुए श्रम आयुक्त तथा ज़िला प्रशासन से जानकारी मांगिए ऐसा उन्होंने जवाब दिया।


श्रम अधिकारी को बस्तर जिले में पदस्थ कुल श्रम निरीक्षकों के नाम व संपर्क सूत्र मांगे जाने पर उन्होंने कहा कि किसी कर्मचारी का नम्बर देने का प्रावधान नह है। और वे किसी भी आम नागरिक को अधिकारियों कर्मचारियों को संपर्क सूत्र व नाम नही बता सकते। यदि जानकारी चाहते हैं तब आरटीआई लगाना होगा ऐसा उनका जवाब था। इससे यही साफ होता हैकि जब किसी राजनैतिक दल के प्रतिनिधिमंडल से अधीनस्थ कर्मचारियों के नाम नम्बर पता करने पर दुर्व्यवहार करते हैं तब बस्तर के भोले भाले मज़दूर जब अपनी शिकायत लेकर यहां आते होंगे तब कैसा व्यवहार किया जाता होगा यह आंकलन स्वयं करें।


टोलफ्री नम्बर हैं बंद :-

आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधि मंडल द्वारा पूंछने पर की कर्मचारियों - अधिकारियों के नाम व नम्बर यदि नही बता सकते तब कोई सार्वजनिक सनलर्क सूत्र बताये जिसपर आम नागरिक संपर्क करके शिकायत कर सकते हैं तब उनके द्वारा अपने कार्यालय के बाहर चस्पा किये गए लेंड लाइन जोकि 07782 - 225005 व 07782 - 224656 पर संपर्क करें यह बताया, लेकिन आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष तरुणा साबे बेदरकर ने जब वही से इन नम्बरो पर फोन मिलाया तो दोनों नम्बर स्थाई रूप से बंद मिले। इससे यही साबित होगा है कि बस्तर के मज़दूरों व कर्मचारियों की पहुंच श्रम अधिकारी तक नही है व वे केवल ठेकेदारों और कम्पनियों के हित में काम कर रहे हैं।

 

आम आदमी पार्टी के पोलखोल अभियान के प्रतिनिधिमंडल में शामिल जिलाध्यक्ष व राष्ट्रीय परिषद की सदस्य तरुणा सावे बेदरकर का कहना हैकि दिल्ली सरकार द्वारा न्यूनतम वेतन लागू करने के नियम के तर्ज पर बस्तर ज़िले में भी न्यूनतम वेतन नियम कड़ाई से लागू किया जावे। इसके लिए उनकी पार्टी श्रम विभाग के अधिकारियों समेत जिला प्रशासन व श्रम मंत्रालय तक पत्राचार करेंगी। जल्द संवेदनशीलता दिखाते हुए न्यूनतम वेतन के विषय में कार्यवाही नही करने पर आम आदमी पार्टी बस्तर जिला इकाई ज़िला श्रम अधिकारी कार्यालय का घेराव करेगी व उन्हें अपने कर्तव्यों के निर्वहन करने जिम्मेदारी का एहसास कराएगी। 

श्रम विभाग की पोलखोल अभियान के प्रति निधिमण्डल में जिलाध्यक्ष के साथ धीरज जैन सोशल मीडिया अध्यक्ष, श्रीपति बघेल, फूलमती कुड़ियाम शामिल थे।