कार्तिक पूर्णिमा आज: कार्तिक पूर्णिमा के दिन नदी स्नान से होगी अक्षय पुण्य की प्राप्ति.... कार्तिक पूर्णिमा के दिन रखें इन बातों का खास ख्याल.... दान का है विशेष महत्व.... सभी कार्य होंगे जल्द पूरे.... करें इन 4 चीजों का दान.... होगी हर परेशानी दूर.... जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि......




डेस्क। आज कार्तिक शुक्ल पक्ष की उदया तिथि पूर्णिमा और शुक्रवार का दिन है. आज स्नान-दान की कार्तिक पूर्णिमा है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान-दान का बहुत ही महत्व होता है. इसके साथ ही जब कार्तिक पूर्णिमा कृतिका नक्षत्र से युक्त होती है तो ये महाकार्तिकी पूर्णिमा कहलाती है और शास्त्रों में इसको बड़ा ही पुण्यकारी बताया गया है . कार्तिक पूर्णिमा को स्नान, दान और हवन आदि का बहुत ही महत्व है. इस दिन किसी तीर्थ स्थल पर स्नान करने से वर्ष भर तीर्थस्थलों पर स्नान का फल मिलता है, साथ ही कुछ दान किया जाए तो उसका कई गुना लाभ मिलता है.
गुड़
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुड़ का दान करना शुभ माना जाता है. अगर इस दिन गुड़ दान किया जाए तो भगवान विष्णु बहुत खुश होते हैं और वो दरिद्रता नाश होने का आशीर्वाद देते हैं. धन की कभी कमी महसूस नहीं होती है. इसके साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती हैं.
वस्त्र
अपनी क्षमता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन वस्त्र का दान करना भी शुभ माना जाता है. इस दिन वस्त्र का दान करने से दोगुना अधिक फल मिलता है, साथ ही आपकी आर्थिक स्थिति हमेशा उत्तम रहेगी.
अनाज
अपने सामर्थ्य के अनुसार कुछ न कुछ अन्नदान अवश्य करना चाहिए. इससे परम कल्याण की प्राप्ति होती है. विशेष रूप से अन्न का दान जीवन में सम्मान का कारक होता है. इसके साथ ही कभी भी आपके घर में अन्न की कमी नहीं होगी.
दूध
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए इस दिन दूध का दान देना शुभ माना जाता है. इससे आपके घर पर हमेशा बरकत बनी रहती हैं, जिसके कारण कभी भी धन का अभाव नहीं होगा. बस इस बात का ध्यान रखें कि शाम के समय दूध का दान न जें. क्योंकि दूध का संबंधी चंद्रमा से माना जाता है.
स्नान-दान का विशेष महत्व
सनातन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का बहुत ही महत्व है. इस दिन स्नान-दान का विशेष महत्व है. कार्तिक पूर्णिमा को किसी भी नदी में स्नान करना चाहिए. कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान करके विष्णु भगवान का 16 उपचार से पूजन करने का विशेष महत्व है. स्नान के बाद ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय, ओम नमो नारायणाय’ मंत्रों का जाप करना चाहिए. हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है. सभी पूर्णिमाओं में सबसे बड़ा पूर्णिमा कही जाने वाली कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान-स्नान, पूजा-पाठ आदि का खास महत्व है. इस दिन श्री हरि को प्रसन्न करने के लिए पूजा-व्रत आदि किए जाते हैं. कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. कहते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली भी मनाई जाती है.
कहते हैं कि इस दिन भोलनाथ ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध कर देवताओं को उनका स्वर्ग पुनः वापस दिलाया था. इसी खुशी में आज के दिन देवता दिवाली मनाते हैं. वहीं, दूसरी ओर कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवतागण स्वर्ग लोक से धरती पर गंगा स्नान के लिए उतरते हैं. इसलिए वारणसी के गंगा घाट को दीपों से जला कर दिवाली मनाई जाती है. विष्णु पुराण के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान विष्णु ने मत्स्यावतार लिया था. इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्री हरि और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है. इस शुभ दिन कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है. कहते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन इन कामों को करने से आपके जीवन में परेशानियां बढ़ सकती हैं.
कार्तिक पूर्णिमा के दिन न करें ये कार्य
हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा को बेहद पवित्र दिन माना गया है. ऐसे में इस दिन किसी से बहस न करें. आप किसी के साथ अभद्र व्यवहार और अपशब्द का प्रयोग न करें. इस दिन किसी से गाली-गलौज आदि से भी बचना चाहिए. कार्तिक पूर्णिमा के दिन तामसी चीजों का सेवन न करें. अगर इस दिन नॉनवेज, शराब आदि का सेवन करते हैं, तो आप जीवन में संकटों को न्यौता देते हैं. मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है. पुण्य प्राप्ति के लिए खास होता है. ऐसे में किसी भी असहाय या गरीह व्यक्ति का अपमान करने से आपके पु्ण्य नष्ट हो सकते हैं. कहते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन नाखून और बाल काटने से परहेज करना चाहिए. ऐसा करने से जीवन में परेशानियां घेर लेती हैं.
कार्तिक पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि शुरू : 18 नवंबर, गुरुवार को दोपहर 12 बजे से
पूर्णिमा तिथि समाप्त : 19 नवंबर, शुक्रवार को दोपहर 02:26 मिनट तक
प्रदोष काल मुहूर्त : 18 नवंबर शाम 05:09 से 07:47 मिनट तक
5 घंटे 59 मिनट लंबा होगा यह चंद्र ग्रहण
भारतीय समय के अनुसार ग्रहण 19 नवंबर को प्रातः 11:34 मिनट से आरंभ होगा और इसका समापन सायं 05:33 मिनट पर होगा. ग्रहणकाल की कुल अवधि- लगभग 05 घंटे 59 मिनट तक होगी. बता दें कि इस चंद्र ग्रहण से पहले इत लंबा चंद्र ग्रहण19 फरवरी 1440 को लगा था. यानि 580 वर्षों के बाद इतनी लंबी अवधि का चंद्रग्रहण 19 नवंबर 2021 को लगने जा रहा है.
कार्तिक पूर्णिमा स्नान करने का शुभ मुहूर्त
कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने का शुभ मुहूर्त 19 नवंबर 2021, शुक्रवार को ब्रम्ह मुहूर्त से दोपहर 02:29 तक है.
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
धर्म और ज्योतिष के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करके उगते सूर्य को अर्ध्य देने का विशेष महत्व है. इसके अलावा इस दिन दान-पुण्य करने से कई तरह के पापों से मुक्ति भी मिलती है. ज्योतिष के अनुसार यदि कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन चावल का दान करने से लाभ होता है. इसके अलावा इस दिन दीपदान और तुलसी पूजा जरूर करनी चाहिए. भगवान विष्णु को श्री हरि, नारायण, जगदीश आदि नामों से भी पुकारा जाता है. इस दिन भगवान की ओम जय जगदीश हरे की आरती करके श्री हरि को जल्द प्रसन्न किया जा सकता है.