जीवन में खुद पर विश्वास का होना जरूरी है। यह बात बिल्कुल सही है, क्योंकि विश्वास के बगैर जीवन जिया नहीं जा सकता है.

It is important to have faith in yourself in life.

जीवन में खुद पर विश्वास का होना जरूरी है। यह बात बिल्कुल सही है, क्योंकि विश्वास के बगैर जीवन जिया नहीं जा सकता है.
जीवन में खुद पर विश्वास का होना जरूरी है। यह बात बिल्कुल सही है, क्योंकि विश्वास के बगैर जीवन जिया नहीं जा सकता है.

NBL, 12/12/2022, Lokeshwer Prasad Verma, Raipur CG: It is important to have faith in yourself in life. This is absolutely true, because life cannot be lived without faith.

जीवन में विश्वास का होना जरूरी है। यह बात बिल्कुल सही है, क्योंकि विश्वास के बगैर जिया नहीं जा सकता है। संदिग्ध विचारों के साथ हम सकारात्मक नहीं रह सकते, पढ़े विस्तार से... 

विश्वास जीवन है और जीवन एक सफर है। जिन्दगी के सफर के दौरान विश्वास तोड़ने वाले भी मिलेंगे और कायम रखनेवाले भी मिलेंगे। अगर आपके विश्वास पर खरे उतरने वाले ना भी मिलें, तो खुद पर विश्वास करने का हुनर सीख लिजिए। क्योकि रिश्ते कितने भी सच्चे हों, अगर साथ छोड़ दें, तो खुद पर विश्वास ही आपका एकमात्र सहारा है। खुद का खुद पर विश्वास होना बहुत मायने रखता है।* विश्वास के बिना जीना कठिन है... 

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज में रहते हुए उसे अनेकों सगे-संबंधियों, मित्रों के साथ संबंध रखने पड़ते हैं। सामाजिक, व्यवसायिक कार्य करने होते हैं। अगर वो किसी पर भी विश्वास ना करे तो उससे कुछ भी नहीं हो पायगा। समाज में रहना है तो लोगों से संबंध रखने होंगे। विभिन्न प्रकार के कार्यों में लगे रहना पड़ेगा। ऐसे में हमें अपने आसपास के लोगों पर विश्वास करना ही पड़ेगा।‌‌‌‌

जहाँ विश्वास होता है, वहीं विश्वासघात भी होता है। आपका विश्वास वही लोग तोड़ देते हैं, जिनपर आप विश्वास करते हैं। कभी किसी के साथ ऐसा भी होता है कि उसे लगातार विश्वासघात का सामना करना पड़ता है। उस परिस्थिति में कोई क्या करे ?

ऐसे में विश्वासघातियों से सावधान हो जाना चाहिए। पर विश्वासघात के भय से विश्वास के भाव को स्वयं से दुर नहीं होने देना चाहिए।। अन्यथा हर किसी के लिए मन में संदेह होने लगेगा। अगर घोड़े की सवारी करनी हो, तो घोड़े के पीठ पर चढ़ना पड़ेगा। गिर भी सकते हैं, चोट भी लग सकती है, लेकिन अन्ततः लगाम तो सवार के हाथ में ही होती है। अत: अपने आप पर विश्वास बनाये रखिये। अगर आपको स्वयं पर विश्वास नहीं होगा तो फिर आप किसी और पर कैसे कर पायेंगे?

* समझें कौन आपके भरोसे के लायक हैं... 

एक समय की बात है, किसी गांव में तीन सहपाठी रहते थे। वह गांव एक नदी के किनारे बसा हुवा था, नदी किनारे करीब पांच सौ मीटर की दुरी तक गांव में आबादी नहीं थी। रात के वक्त नदी का किनारा सुनसान हो जाता है।

रात के करीब दस बज रहे थे, एक सहपाठी भोजन के पश्चात सोने की तैयारी में था कि घर के बाहर से अन्य दो सहपाठियों ने आवाज लगाई। वे नदी तट की ओर जाने की तैयारी में थे, उन्होंने उसे भी चलने को कहा। ग्रामीण क्षेत्र में सुनसान जगहो के संबंध में तरह-तरह के डरावनी किस्सों का चर्चा आम बात है। यह स्थान भी इससे अछूता नहीं था। परन्तु गर्मी के मौसम में रात के समय खुली हवा में घुमने का आनन्द ही कुछ और है।

वह भी चलने को तैयार हो गया और तीनो मित्र चल पड़े। सभी सुनसान इलाके में पहुंचे ही थे, कि अचानक उनकी नजर जलते हुवे एक गोलाकार पिण्ड पर पड़ी। पिण्ड का आकार फुटबॉल के गेंद के बराबर रही होगी। सभी कौतुहल वश उसे देखने लगे। वे सोच ही रहे थे, कि यह कौन सी वस्तु हो सकती है। इसी बीच उन्होंने देखा कि अचानक वह पिण्ड गतिमान हो गया। और ठीक उसी दिशा की ओर बढ़ने लगा जिस ओर तीनों मित्र खड़े थे। चूंकि उसके साथ दो और मित्र थे। इस कारण वह डरा नहीं और पुरी उत्सुकता से उस पिण्ड की ओर देखने लगा।

पिण्ड में गति थी लेकिन कम्पन्न नहीं था। वह पिण्ड धीरे-धीरे किन्तु स्थिर गति से आगे बढ़ रहा था। करीब पचास मीटर की दुरी रही होगी, अचानक वह जलता हुवा पिण्ड बायीं ओर मुड़ा। मुड़ने के क्रम में उसे करीब सात आठ फिट का भयानक सा साया जैसा कुछ दिखाई पड़ा। वह भयभीत हो गया और मित्रों की ओर देखा। परन्तु वह वहाँ अकेला था। दोनोँ के दोनों पहले ही वहाँ से भाग चुके थे।

वह बहुत डर चूका था, बेतहाशा गांव की तरफ भागा। उसे अपने दोस्तों के किए पर क्रोध हो रहा था। उसके मित्र असामान्य स्थिति में उसे अकेला छोड़कर भाग खड़े हुवे थे। उन्होंने उसका भरोसा तोड़ा था। उसे यह बात परेशान नहीं कर रही थी, कि उन्होंने उसका भरोसा तोड़ा था। बल्कि वह इस बात से परेशान था कि आखिर वह किसी पर विश्वास करे तो कैसे करे। जब मित्र ही दगा दे गया तो औरों का क्या भरोसा?

* जरूरी नहीं कि आपके साथ हमेशा विश्वासघात हो... 

विश्वासघात के भय से रिश्ते बनाना नहीं छोड़ना चाहिए लेकिन उनपर विश्वास ना बनायें रखें जिनकी भावनाएं वक़्त के साथ बदल गयीं हों। आपकी ज़िन्दगी के सबसे अच्छे लोग वो होते हैं, जो आपको उस वक्त आसमान में सूरज और रौशनी दिखाते हैं, जब आप सिर्फ बादल देख पाते हैं। जो आपको खुद पर विश्वास करना सिखाते हैं, जब आप औरों पर निर्भर होते हैं।

ऐसा भी नहीं है कि इस दुनिया में विश्वास के लायक रिश्ते नहीं बने हैं। अच्छे रिश्ते यूं ही घटित नहीं होते बल्कि वह समय,और धैर्य कि धरती पर पनपते हैं। वे लोग वास्तव में बहुत भाग्यवान होते है जिनके रिश्ते विश्वास से भरे होते हैं और विश्वस्त रिश्ते एक दूसरे का सहारा बन जाते हैं।

* खुद पर भरोसा कायम रखें .... 

एक आदमी के ह्रदय ने उसी से कहा, मैं तब से धडक रहा हूँ जब तुम माँ पेट में आये थे और तब तक चलता रहूँगा, जब तक तुम विदा नहीं हो जाओगे, इसी तरह हाथ ने भी अपने कर्तव्यों की बात दोहराई, पैरो ने भी अपनी बात आदमी को बताई। सभी ने आदमी से कहा कि जिस तरह से हम अपने अपने कर्तव्य पुरे करते हैं, तुम भी पूरा कर। तुम खुद पे विश्वास रखकर अपने सपनो को पूरा कर सकते हो और इस तरह से जीवन को आसन बनाया जा सकता है।