IPS अफसर गिरफ्तार: आतंकियों को दे रहे थे गोपनीय जानकारी…NIA में सर्विस-मेडल से सम्मानित...लश्कर को खुफिया सूचना देने वाला IPS कौन है, क्या है उसके बारे में चौंकाने वाली बात पढ़िए ?

बैच के आइपीएस अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी की गिरफ्तारी से हिमाचल पुलिस के दामन पर बड़ा दाग लग गया है. अधिकारी ने जिस राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में सेवाएं दी, अब उसी के कार्यालय में गिरफ्तारी हुई.

IPS अफसर गिरफ्तार: आतंकियों को दे रहे थे गोपनीय जानकारी…NIA में सर्विस-मेडल से सम्मानित...लश्कर को खुफिया सूचना देने वाला IPS कौन है, क्या है उसके बारे में चौंकाने वाली बात पढ़िए ?

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नईदिल्ली 19 फरवरी 2022. 2011 बैच के आइपीएस अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी की गिरफ्तारी से हिमाचल पुलिस के दामन पर बड़ा दाग लग गया है. अधिकारी ने जिस राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में सेवाएं दी, अब उसी के कार्यालय में गिरफ्तारी हुई.

 

जानकारी के अनुसार, अरविंद नेगी एनआईए में 11 साल तक सेवाएं दे चुके हैं और उन्हें तेज तर्रार अफसरों में गिना जाता है, लेकिन अब उनकी गिरफ्तारी से कई सवाल उठे हैं. हिमाचल के डीजीपी और गृह सचिव ने मामले पर बोलने से इंकार किया है.

 

एनआईए में सर्विस मेडल से सम्मानित आईपीएस अधिकारी पर लश्कर-ए-तय्यबा को गोपनीय सूचना लीक करने का आरोप है. नेगी हिमाचल प्रदेश काडर के आईपीएस अधिकारी है. उनपर आरोप है कि उन्होंने लश्कर ए तयैबा के आतंकी को खुफिया दस्तावेज दी है. जिसके बाद नेगी को यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया है.

 

खुफिया जानकारी लीक करने मामले को लेकर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने नेगी के ठिकानों पर छापेमारी की थी. नेगी के ठिकानों से अनेक गोपनीय दस्तावेज मिले. जिसके बाद नेगी को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया. वहीं, एनआईए की जांच में भी इसका पता चला है कि, नेगी के जरिए सूचनाएं लीक हुई हैं.

 

इस मामले को लेकर एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि, एनआईए ने लश्कर को सपोर्ट करने वाले ओवरग्राउंड वर्कर्स को गिरफ्तार किया था. ये लश्कर-ए-तय्यबा को मदद करते थे और उन्हें सूचनाएं देने का काम करते थे. इस कड़ी में अरविंद नेगी का भी नाम सामने आया. इस सिलसिले में एनआईए ने नेगी के ठिकानों पर छापेमारी की तो कई दस्तावेज मिले.

 

गौरतलब है कि, साल 2011 बैच के आईपीएस (IPS) अधिकारी अरविंद नेगी को गैलेंट्री अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है. इससे पहले अरविंद नेगी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) में ही बतौर एसपी तैनात थे. जहां से इस मामले की जांच आरंभ होने के बाद उन्हें वापस उनकी कैडर में भेजा गया था. उन्हें 11 साल तीन महीने एनआईए में प्रतिनियुक्ति मिली थी.

 

हाल ही में अरविंद एनआइए से हिमाचल लौटे थे। उनकी नई जगह तैनाती नहीं हुई थी। इस बीच जहरीली शराब कांड में डीजीपी संजय कुंडू ने डीआइजी सेंट्रल रेंज मधुसूदन की अगुवाई में एसआइटी गठित की थी। इसमें अरविंद को भी शामिल किया गया था। कुछ दिन पूर्व ही उन्हें एसडीआरएफ का एसपी बनाया गया।

कौन है आईपीएस नेगी

भारतीय पुलिस सेवा का वरिष्ठ अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी ( IPS Arvind Negi ) हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के कल्पा की डुनी गांव का रहने वाला है। वर्तमान में उसका शिमला में भी घर है। एनआईए में बेहतर सेवा देने के लिए 2011 बैच के IPS अधिकारी को गैलेंट्री अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। नेगी को पुलिस सेवा मेडल हुर्रियत टेरर फंडिंग मामले ( Hurriyat terror funding case ) की जांच के बाद सराहनीय सेवा के लिए दिया गया था। एनआईए में ही एसपी रैंक पर पदोन्नति भी मिली थी। 

कई अहम मामलों की जांच से जुड़ा रहा है नेगी

आईपीएस अरविंद नेगी ( IPS Arvind Negi ) कई अहम जांच का हिस्सा रहा है। पुलवामा आतंकी हमले की जांच करने वाले एनआइए के दल में भी वह शामिल था। वह कश्मीर में आतंकी-पुलिस-राजनीतिक गठजोड़ मामले की जांच में भी शामिल था। नेगी NIA की उस टीम का हिस्सा थे जो फेक करेंसी (fake currency), आईएसआईएस (ISIS) के आतंकियों की भर्ती और जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के आर्थिक पोषण के लिए नियंत्रण रेखा (LOC) की दूसरी तरफ व्यापार के संबंधित मामलों की जांच करती थी। नेगी उस NIA टीम का भी हिस्सा थे जिसने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के नेता वहीद पारा को गिरफ्तार किया था। नेगी NIA में सबसे लंबा कार्यकाल पूरा करने वाले अधिकारियों में शामिल हैं।