भारत के जिगरी दोस्त इजरायल ने बनाया लेजर शील्ड " लक्ष्मण रेखा " सिर्फ 160 रुपये में मिसाईलो को करेगा तबाह.

India's best friend Israel made laser shield "Lakshman Rekha"

भारत के जिगरी दोस्त इजरायल ने बनाया लेजर शील्ड
भारत के जिगरी दोस्त इजरायल ने बनाया लेजर शील्ड " लक्ष्मण रेखा " सिर्फ 160 रुपये में मिसाईलो को करेगा तबाह.

NBL, 02/05/2022, Lokeshwer Prasad Verma,. India's best friend Israel made laser shield "Lakshman Rekha" will destroy the missile in just 160 rupees.

तेल अवीव, जून 01: भारत के जिदगी दोस्त इजरायल ने एक ऐसा एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम बनाया है, जो सिर्फ 2 डॉलर यानि करीब 160 रुपये में दुश्मन के लाखों रुपये के मिसाइल को ध्वस्त कर देगा, पढ़े विस्तार से.. 

इजरायल के प्रधानमंत्री ने बुधवार को लेजर एयर डिफेंस सिटम तैयार करने और कामयाबी के साथ उसका परीक्षण करने का ऐलान किया है और कहा है, कि सिर्फ 2 डॉलर में ये एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम दुश्मनों के मिसाइल को ध्वस्त कर देगा।

इजरायल की नई घातक टेक्नोलॉजी... 

आपने हॉलीवुड की फिल्म स्टार वार्स में नई खोजों और अद्वितीय डिजाइनों को देखा होगा, लेकिन इजरायली वैज्ञानिकों ने अब स्टार वार्स जैसी लेजर बीम टेक्नोलॉजी से रॉकेट, मिसाइल, मोर्टार और ड्रोन को मार गिराने का कामयाब परीक्षण कर लिया है। इजरायल, जो हर तरफ से दुश्मन देशों से घिरा है, उसके लिए इस मिसाइल सिस्टम का परीक्षण बहुत बड़ी उपलब्धि है और भारत के लिए ये एक बहुत अच्छी खबर इसलिए है, क्योंकि, भारत आने वाले दिनों में ये मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीद सकता है। इज़राइल वर्तमान में शूट-डाउन सिस्टम पर निर्भर करता है और इस वक्त इजरायल को एक मिसाइल को ध्वस्त करने में लाखों डॉलर खर्च करने पड़ते हैं और हमास जैसे आतंकी संगठन इजरायल पर दनादन मिसाइल इसलिए भी दागते हैं, ताकि इजरायल को आर्थिक नुकसान पहुंचाया जाए। लेकिन, अब इजरायल सिर्फ 160 रुपये में हमास के मिसाइल को इंटरसेप्ट करके ध्वस्त कर देगा।

आयरन डोम में आता है लाखों खर्च

पिछले साल जब इजरायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष चल रहा था, उस वक्त इजरायल की आयरन डोम एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने हमास के रॉकेट और मिसाइल हमलों को नाकाम किया था, लेकिन अब इजरायल लेज़र बीम, जिसे आयरन बीम कहा गया है, उसका उपयोग सुपर-हीट और हवाई खतरों को ध्वस्त करने के लिए कर सकता है, वो भी महज डेढ़ सौ रुपये में। इजरायली प्रधानमंत्री नेफ्ताली बेनेट ने भविष्यवाणी की, कि इसे 2023 की शुरुआत में इजरायली सेना में शामिल कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि, "यह एक गेम-चेंजर है, न केवल इसलिए कि हम दुश्मन सेना पर हमला कर रहे हैं, बल्कि इसलिए भी कि हम उन्हें दिवालिया कर देंगे।" फिलिस्तीनी और लेबनानी सेनाओं ने पिछले युद्धों में इज़राइल पर हजारों रॉकेट और मोर्टार बम लॉन्च किए हैं, जिसने हाल के वर्षों में उन ड्रोनों को भी इंटरसेप्ट किया है जिन्हें ईरान समर्थित लड़ाकों द्वारा अपनी सीमाओं के पास से लॉन्च किया गया था और उन्हें नाकाम करने में इजरायल को करोड़ों डॉलर का नुकसान हुआ था।

कमाल की टेक्नोलॉजी है आयरन बीम. .. 

आयरन बीम अत्यधिक अडवांस मिसाइल डिफेंस सिस्टम है और ये दुनिया का पहला ऊर्जा आधारित हथियर रक्षा प्रणाली है, जो देश की सीमा के अंदर आने वाले ड्रोन, रॉकेट, मोर्टार और मिसाइल को लेजर बीम का इस्तेमाल करके मार गिराने की क्षमता रखता है। इसके साथ ही ये मिसाइल डिफेंस सिस्टम एंटी टैंक मिसाइल क्षमता से भी लैस है। इजरायल के प्रधानमंत्री नेफ्ताली बेनेट ने एक ट्वीट के जरिए इजरायल की इस अद्भुत परीक्षण की जानकारी दी है। उन्होंने ट्वीट में कहा कि, 'इज़राइल ने नए 'आयरन बीम' लेज़र इंटरसेप्शन सिस्टम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। यह दुनिया की पहली ऊर्जा-आधारित हथियार प्रणाली है जो 2 डॉलर (करीब 160 रुपये) की लागत से देश में आने वाले UAV, रॉकेट और मोर्टार को मार गिराने के लिए हर शॉट सिर्फ एक लेजर का उपयोग करती है।'

आयरन बीम डिफेंस सिस्टम क्या है?

अप्रैल महीने में इजराइली सरकार ने आयरन बीम डिफेंस सिस्टम का एक वीडियो जारी किया था, जिसमें आयरन बीम सिस्टम को एक आने वाले मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) को निशाना बनाकर उसे मार गिराते हुए दिखाया गया है। आयरन बीम ने यूएवी को हमला करने से पहले ही नष्ट कर दिया। इजरायली सरकार के मुताबिक, इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम का परीक्षण पिछले महीने नेगेव रेगिस्तान में किया गया था।दुश्मनों का काल है आयरन बीम. . 

इजरायल की तरफ से दुश्मनों के दिल में खौफ भरने के लिए इस वीडियो को जारी किया गया था, जिसमें म्यूजिक का भी इस्तेमाल किया गया था और वीडियो में एक लेजर बीम को एक ग्राउंड स्टेशन से बाहर निकलकर, लक्ष्यों को निशाना बनाकर भेदते और उसे छोटे टुकड़ों में तोड़कर नीचे गिराते हुए दिखाया गया था। हालांकि, इजरायल सरकार ने इस लेजर प्रणाली की प्रभावशीलता के बारे में बहुत कम जानकारी जारी की है। लेकिन, माना जा रहा है, कि इस मिसाइल सिस्टम को जमीन, हवा और समुद्र... तीनों जगहों पर तैनात किया जा सकता है।

इजरायल को थी काफी जरूरत. .. 

माना जा रहा है, कि इजरायल ने इस मिसाइल डिफेंस सिस्टेम की घोषणा का उद्येश्य फिलिस्तीन और ईरान को संदेश भेजना है। इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम में लंबी दूरी की मिसाइलों से लेकर कुछ किलोमीटर (मील) दूर से लॉन्च किए गए रॉकेट तक...सब कुछ इंटरसेप्ट करने की क्षमता है और आयरन बीम मिसाइल सिस्टम को आयरन डोम मिसाइल सिस्टम की मदद करने के लिए डिजाइन गया है और माना जा रहा है, कि धीरे धीरे इस मिसाइल सिस्टम को इजरायल के हर सरहदी इलाकों में तैनात किया जाएगा। अब तक आयरन डोम भी इजरायल में आने वाली मिसाइलों और रॉकेट को मार गिराता था, लेकिन उसमें काफी खर्च आता था, लेकिन नई टेक्नोलॉजी से सिर्फ 160 रुपये में मिसाइलों को मार गिराया जा सकता है।

क्या भारत खरीद सकता है आयरन बीम?इजराइल भारत सहित दुनिया भर के देशों के लिए एक प्रमुख हथियार निर्यातक के रूप में जाना जाता है, जो इज़राइली टेवर असॉल्ट राइफल्स, नेगेव और बी-300 एंटी-टैंक रॉकेट लॉन्चर, और फाल्कन एडब्ल्यूएसीएस सिस्टम का निर्यात करता है। नेफ्ताली बेनेट ने कुछ महीने पहले एक कार्यक्रम के दौरान कहा था, कि 'हवाई रक्षा की यह नई पीढ़ी इस क्षेत्र में हमारे दोस्तों की भी सेवा कर सकती है'। यानि, इजरायली प्रधानमंत्री ने साफ संकेत दिए थे, कि जो देश इजरायल के साथ रणनीतिक तौर पर जुड़े हैं, वो इसका इस्तेमाल कर सकते हैं, लिहाजा माना जा सकता है, कि भारत के लिए इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम को खरीदने का रास्ता साफ है। वहीं, इजरायल 'लेजर वॉल' टेक्नोलॉजी पर भी काम कर रहा है, जिसका इस्तेमाल वो ईरान के खिलाफ करेगा, जिसने कुछ समय पहले लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों को विकसित किया है, जो इजरायल पर हमला करने में सक्षम हैं।