बोरड़ा में महिलाओं ने मंगल गान करके लगाये पौधे, किया बीजारोपण 

बोरड़ा में महिलाओं ने मंगल गान करके लगाये पौधे, किया बीजारोपण 


भीलवाड़ा/शाहपुरा। पंचायत समिति के बोरड़ा बावरियान ग्राम पंचायत मुख्यालय पर स्थित चरागाह में बुधवार को चारागाह का विकास एवं जल संरक्षण का कार्य करने वाली अग्रणी सामाजिक संस्था फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी (एफईएस) भीलवाड़ा की ओर से पौधारोपण व बीजारोपण का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
शाहपुरा की उपखंड अधिकारी डा. शिल्पासिंह की अगुवाई में आयोजित समारोह में ब्लॉक स्तरीय वन महोत्सव का कार्यक्रम भी संपन्न हुआ। इस दौरान 151 औषधीय पौधों के किट भी वितरित किये गये। 
उपखंड अधिकारी डा. शिल्पासिंह ने बरगद का पौधा रोपित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने इस पौधे की वैदिक रीति रिवाज से पूजा अर्चना कर बरगद के पौधे को साफा भी बंधवाया। सीबीईओ महावीर प्रसाद शर्मा ने पूजन को संपादित कराया। कार्यक्रम में एफईएस रीजनल टीम लीडर शांतनु सिन्हा राय, जल संरक्षण विभाग के अधिषाषी अभियंता, कनिष्ठ अभियंता, अतिरिक्त विकास अधिकारी महबूब, सीबीईओ महावीर प्रसाद शर्मा, एडीषनल सीबीईओ द्वारका प्रसाद जोषी, सेटेलाइट हॉस्पिटल के पीएमओ डा. अषोक जैन, क्षेत्रीय वन अधिकारी थानमल परिहार सहित अन्य विभागीय अधिकारी, बोरड़ा सरपंच निम्बाराम भील मौजूद रहे। 
इस मौके पर आयोजित समारोह में उपखंड अधिकारी डा. षिल्पासिंह ने कहा कि पौधरोपण जीवन में बहुत जरूरी है। गांव में चरागाह की भूमि पर होने वाले अतिक्रमण को रोकने के लिए ग्रामीणों को ही वहल करनी होगी। ग्रामीण अपने स्तर पर समझाईष कर इसे रोके। अब चरागाह विकास समिति का गठन हो गया है, समिति भी चरागाह में अतिक्रमण को रोकने का काम करे।  उपखंड अधिकारी डा. शिल्पासिंह ने कहा कि वृक्षों के बिना मानव जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। सार्वजनिक चारागाह भूमि सम्पूर्ण गांव की होती है। इस पर किसी का खातेदारी अधिकारी नहीं होता है। उन्होंने कहा कि चारागाह भूमि का विकास नहीं होगा तो बारिश नहीं होगी और हमारी कृषि एवं पशुपालन भी प्रभावित होगा। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में मनरेगा योजना के माध्यम से गांव में रोजगार सृजन का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में मानसून के दौरान चारागाह विकास एवं संरक्षण के कार्य स्वीकृत किए गए है। ताकि ग्राम पंचायत के लोगों को न सिर्फ रोजगार उपलब्ध हो बल्कि उनके पशुओं को उन्नत किस्म का चारा भी सहजता एवं सरलता से उपलब्ध हो। उन्होंने सभी ग्रामवासियों का आह्वान किया वे चारागाह भूमि का संरक्षण करें ताकि इस भूमि का उपयोग प्रत्येक ग्रामवासी के हित में हो सके।
उन्होंने कहा कि चरागाह होने पर ग्रामीणों के पषुओं को चराने की व्यवस्था होगा जिससे उनकी आर्थिक उन्नति होगी। उन्होंने राज्य सरकार की घर घर औषधीय पौधा रोपित करने की योजना की जानकारी देकर ग्रामीणों से अपने घरों में पौधे रोपित कर स्वास्थ्य को बेहतर रखने का आव्हान किया। 
एफईएस रीजनल टीम लीडर शांतनु सिन्हा राय ने बताया कि वर्तमान में चरागाह विकास के साथ बारिष के जल का संरक्षण किया जा रहा है। ग्रामीणों की सहभागिता से चरागाह का विकास भी किया गया है ताकि क्षेत्र के पषुओं के लिए माकूल इंतजाम हो सके। टीम लीडर शांतनु ने बताया कि ग्राम पंचायत स्तर पर बंजर भूमि एवं चरागाह विकास समितियों का सहयोग व राजस्व गांव स्तर पर चरागाह विकास समितियां गठित की है। जिसके साथ मिलकर शामलात भूमियों को विकसित व सुरक्षित किया जा रहा है ताकि ग्राम स्तर पर आजीविका में वृद्धि तथा आसपास के पर्यावरण को संरक्षण किया जाता है। पिछले दिनों किये गये कार्याे के फलस्वरूप अब वहां पर चरागाह में विभिन्न प्रजातियों के पषु व पक्षी भी विचरण करने लगे है। एफईएस रीजनल टीम लीडर शांतनु सिन्हा राय ने बताया कि शाहपुरा में चारागाह भूमि जिले में ज्यादा है। यह जमीन बिना देखरेख व बिना प्रबंधन के आंशिक रूप से अतिक्रमियों के कब्जे की भेंट चल रही है। फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी एफसीएस एवं स्थानीय प्रशासन ग्राम पंचायत के संग मिलकर एक नवीन योजना का सपना सृजित किया गया है। इस योजना में इन जमीनों को गांव स्तर पर समिति संगठन के द्वारा कार्य योजना बनाकर महात्मा गांधी नरेगा योजना के माध्यम से विकास करने की योजना बनाई गई है। इससे ना केवल गांव के ग्रामीणों को मजदूरी मिलेगी बल्कि खाली पड़े जमीनों के विकास से इनकी उपयोगिता बढ़ेगी। इससे ज्यादा क्षेत्र में जल संरक्षण का कार्य होगा और पारिस्थितिकी सुरक्षा पर्यावरण की सुरक्षा सुनियोजित होगी। उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी बात हमारी गौ माता जो आज रास्ते पर आकर मरने पर मजबूर हो रही हैं। वह हमारे चारागाह में सुनिश्चित होकर चर पाएंगे। एफपीएस संस्था द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है सभी ग्राम पंचायत में जीपीडीपी योजनाओं को अच्छे तरीके से सुनियोजित कर बनाने में प्रशासन को सहयोग करेंगे। इसी संस्था द्वारा इस वर्ष लगभग 4000 हेक्टेयर जमीन पर पौधारोपण बीजारोपण कर विकास करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। बोरड़ा में भी सीड बॉल द्वारा आज बीजारोपण किया गया। यह कार्य महिलाओं ने मंगल गान करने बड़े उत्साह के साथ किया। इस दौरान एफईएस संस्था से ब्लॉक कोऑर्डिनेटर कुलदीप सिंह, ब्लॉक कोऑर्डिनेटर परमेश्वर लाल रेगर, गायत्री शर्मा, जेटीए सुनील दाधीच, ग्राम विकास अधिकारी व चारागाह विकास समिति के अध्यक्ष, सचिव, सदस्य व ग्रामवासी व सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित हुए।