यदि हिन्दू धर्म के कुछ तपस्वियों ने देवी-देवताओं की शक्ति या सनातन हिन्दू धर्म के वेद शास्त्रों को प्रसाद के रूप में प्राप्त किया है और उसका उपयोग जनहित में कर रहे हैं तो अन्य धर्मों के लोग या स्वयं हिन्दू इसे पाखण्ड क्यों मानते हैं ?

If some ascetics of Hindu religion have received the power of Gods

यदि हिन्दू धर्म के कुछ तपस्वियों ने देवी-देवताओं की शक्ति या सनातन हिन्दू धर्म के वेद शास्त्रों को प्रसाद के रूप में प्राप्त किया है और उसका उपयोग जनहित में कर रहे हैं तो अन्य धर्मों के लोग या स्वयं हिन्दू इसे पाखण्ड क्यों मानते हैं ?
यदि हिन्दू धर्म के कुछ तपस्वियों ने देवी-देवताओं की शक्ति या सनातन हिन्दू धर्म के वेद शास्त्रों को प्रसाद के रूप में प्राप्त किया है और उसका उपयोग जनहित में कर रहे हैं तो अन्य धर्मों के लोग या स्वयं हिन्दू इसे पाखण्ड क्यों मानते हैं ?

NBL, 20/01/2023, Lokeshwer Prasad Verma, Raipur CG: If some ascetics of Hindu religion have received the power of Gods and Goddesses or Veda Shastras of Sanatan Hindu religion in the form of prasad and are using it in the public interest, then why do people of other religions or Hindus themselves consider it as hypocrisy?

पता नहीं क्यों सनातन धर्म के देवी देवताओं व सनातन धर्म के वेद पुराण के शक्ति से अन्य धर्मो के लोग क्यों जलते है, जबकि सनातन धर्म ही सत्य को सबके सामने दिखा पाने की ताकत रखता है, यह केवल एक धर्म बस नहीं है बल्कि यह एक जीवंत विज्ञान है, जो आज के आधुनिक युग का मूल है। इसके साधने से मामूली व्यक्ति भी ताकतवर बन जाता है, जैसे श्री राम नाम की शक्ति से हनुमान जी कई योजन समुद्र के उपर आसमान में उड़कर रावण राज लंका पहुँच गए, असम्भव को संभव बना देता है सनातन धर्म के देवी देवता। 

दुनिया के कोई भी देश के पत्थर पानी पर नहीं तैरता लेकिन भारत भूमि के पत्थर अथाह गहरे समुंदर के पानी (जल) मे तैरता है उसे हम सनातनी धर्म के लोग रामसेतु कहते हैं, ये है सनातनी विज्ञान जो हजारों साल पहले प्रमाणित किया ऐसे कई रहस्यो से भरा पड़ा है, सनातनी धर्म का रहस्य जो आजके विज्ञान को भी चुनोती देती है।

जैसे सनातन धर्म के मंदिर स्वामी जगन्नाथ जी का जो ओडिसा राज्य के पूरी मे है, इनके भी कई ऐसे रहस्य है, जिसको आजके विज्ञान सुलझा ही नहीं पाए ना ही समझ पाए इस सनातनी विज्ञान को। इतना एडवांस था हमारे सनातनी धर्म संस्कृति का विज्ञान। अन्य देश दुनिया के धर्मो के मानने वाले लोग ये बता दे की हमारे धर्म में भी कई रहस्य छुपा हुआ है करके तो मै मान जाऊ वाकई है करके लेकिन हमारे सनातन संस्कृति में आज भी कई रहस्य जीवंत है, जो आपके विज्ञान हमारे संस्कृति का अनुसरण करते हैं, खोज व शोध करते हैं। 

हमारे भारत देश में ऐसे बहुत से चमत्कारी महा पुरुष हुए जिसकी शक्ति का तोड़ नहीं है, जैसे छत्तीसगढ़ के बाबा गुरु घासी दास जिसका महिमा अपरंपार है, जो गृहस्थ जीवन से जुड़कर भी तपस्वी था और अनेको लोगों का जीवन में सुधार लाया चाहे व जाति धर्म का भेद हो या उनके अपने चमत्कारी शक्ति का प्रभाव से लोगों को अपने ओर आकर्षित किया बाबा जी भी ऋषि मुनियों की तरह तप कर सिद्धि पाई जो इनके प्रभाव को आज हम सब छत्तीसगढ़ वासी नमन करते हैं, भगवान मानते हैं। जो आज भी इनके तपस्थली गिरोदपूरी मे आपको देखने को मिल जायेगा जैसे चरण कुण्ड व अमृत कुण्ड का जल को किसी बर्तन मे डालकर कई सालों से आप रख सकते हैं, जैसे गंगा नदी के जल को कई सालों से आप बर्तन में डालकर रखते है और उसमें कोई कीड़े नहीं लगते सालों साल बाद भी पवित्र रहते हैं। जिस सनातन धर्म को आज सतनामी धर्म समाज मानते हैं, गुरु घासी दास बाबा जी के अनुयायी लोग। 

सनातनी धर्म का हिंदू धर्म का चार वर्ण होना ही हमारे सनातनी संस्कृति का पतन का मूल कारण है। जो आज तक एक नहीं हो पाए जो अपने ही सनातनी धर्म संस्कृति से बहुत से लोग अपने आप को अलग थलग मानते हैं, इसका निवारण सनातनी हिंदू धर्म आज तक नहीं कर पाए, इन्ही बिखराव के कारण दूसरे धर्म के लोग अपने धर्म में शामिल बड़े आसानी से करवा लेते हैं। और इन नये धर्म के अंधविश्वास के चंगुल में फँस जाते हैं। जबकि इनके मूल जड़ पूर्वज खुद एक सनातन धर्म संस्कृति का एक हिस्सा था, जो बहुत ही रफ्तार से उजड़ रहे हैं, इस विषय पर सभी भारतीय सनातनी हिंदू धर्म के जागरूक लोगों को एकता बनाए रखने के लिए कोई कड़ा कदम उठाने की जरूरत है, नही तो ये विदेशी धर्म पूरे भारत के सनातनी हिंदू धर्म संस्कृति को उजाड़ कर रख देगी। और आप भारत देश को हिंदू राष्ट्र बनाने में असमर्थ हो जायेंगे। हमारे सनातनी संस्कृति के रक्षा हेतु हिंदू धर्म साधु संतो का सुरक्षा करें, जो उनके चमत्कार को ढोंग व आडम्बर मानकर अन्य धर्म के लोग हावी हो रहे हैं।