कानपुर पुलिस ने किया बड़ा खुलासा: हिंसा और बवाल का मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी अपने करीबी निजाम कुरैशी और इकलाख मिर्जा नाम के शख्स के जरिये PFI के संपर्क में था.
Kanpur Police made a big disclosure: Hayat Zafar Hashmi




NBL, 07/06/2022, Lokeshwer Prasad Verma,. Kanpur Police made a big disclosure: Hayat Zafar Hashmi, the mastermind of violence and ruckus, was in contact with PFI through his close friends Nizam Qureshi and Iqlakh Mirza.
कानपुर में हुई हिंसा और बवाल का मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी अपने करीबी निजाम कुरैशी और इकलाख मिर्जा नाम के शख्स के जरिये पीएफआई के संपर्क में था, पढ़े विस्तार से...
पुलिस की तफ्तीश में इसका खुलासा हुआ है। निजाम बवाल व हिंसा के केस में नामजद आरोपी है, जबकि इकलाख का नाम केस में अभी नहीं है। पुलिस और साक्ष्य जुटाने के बाद इसको आरोपी बनाने की तैयारी कर रही है। इस तरह से बवाल के साजिशकर्ताओं का पीएफआई से कनेक्शन और पुख्ता होता दिख रहा है। बवाल के मामले में दर्ज केस में 36 नामजद आरोपी बनाए गए हैं। जिसमें निजाम कुरैशी का नाम भी शामिल है। निजाम कुछ दिनों तक समाजावादी पार्टी में रहा है। पिछले महीने की 22 तारीख को उसको पार्टी से निष्काषित किया गया था। वह जमीयतुल कुरैश नाम का संगठन भी चलाता है। हयात जफर हाशमी के साथ मिलकर इस तरह की गतिविधियों में हमेशा शामिल होता रहा है।इसके अलावा बाबूपुरवा निवासी इकलाख मिर्जा नाम का शख्स कारोबारी है। सूत्रों के मुताबिक यह दोनों पीएफआई के सीधे संपर्क में हैं। इसके जरिये हयात भी संपर्क में था। यह खुलासा जांच में हुआ है। सर्विलांस के जरिये इससे संबंधित कई अहम तथ्य सामने आए हैं।
शहर में हैं कई पीएफआई सदस्य और पदाधिकारी
सूत्रों के मुताबिक लोकल पीएफआई सदस्यों के संपर्क में निजाम व इकलाख हैं। इनके बारे में पुलिस और जानकारी जुटा रही है। पुलिस पीएफआई के पूरे नेटवर्क को तलाशने में जुटी है। संभव है कि इसमें पुलिस के साथ एटीएस भी बड़ी कार्रवाई करे।सीएए हिंसा में बाबूपुरवा पुलिस ने पीएफआई के पांच सदस्यों को जेल भेजा था। पुलिस उनके बारे में भी जानकारी जुटा रही है। हालांकि निजाम व इकलाख जिनके संपर्क में हैं वह दूसरे लोग हैं। जल्द इन पर नकेल कसी जाएगी
इसलिए एक तरह से हुआ बवाल
जिस दिन शहर में बवाल हुआ था उसी दिन पश्चिम बंगाल और मणिपुर में भी पीएफआई ने बंदी की कॉल की थी। इसी तरह से वहां भी बवाल हुआ था। एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन की तरफ से जो बाजार बंदी का आह्वान किया गया था वह भी उसी तर्ज पर था।