शासन / प्रशासन गंभीरता से निजी कार्यालय/संस्था में कार्यरत कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन दिलाए - डॉ. अरुण पांडेय्, प्रदेश अध्यक्ष - जनसभा




छत्तीसगढ़ / रायपुर / जगदलपुर। जनसभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण पाण्डेय् के कार्यालय से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि असंगठित क्षेत्र चाहे वह खुदरा व्यवसाय हो, किराना दुकान या फिर सोना चांदी, कपड़े की दुकान हो, या नगर में कई कम्पनियों के शोरूम हैं वहां काम करने वाले स्थानीय कर्मचारियों/कामगारों को वहां शोषण मुक्त वातावरण देने के लिए प्रदेश अध्यक्ष अरुण पांडेय के नेतृत्व में जनसभा का गठन किया गया है। गौरतलब हो कि इसी तरह अनुशांगिक संगठन छात्र जनसभा, युवा जनसभा, महिला जनसभा, किसान जनसभा एवं कामगार जनसभा का निर्मित किया किया है।
● कारखानों व खदानों में कार्यरत कामगारों को मिले सारी सुविधा - जनसभा
कामगार जनसभा के अंतर्गत जुड़ने वाले सभी कामगारों को उचित सम्मान समान नियमानुसार वेतन एवं शासन द्वारा समय समय पर जारी न्यूनतम दैनिक मजदूरी, सप्ताह में अनिवार्य छुट्टी, चिकित्सा सुविधा और प्रोविडेंट फंड, महिलाओं को जचकि अवकाश, कल कारखाने और खदानों में कार्य करने वाले कामगारों के आश्रित परिवारिक सदस्यों को विशेष चिकित्सा सुविधा एवं उनके बच्चो के लिए निशुल्क और शिक्षा व्यवस्था हेतु संघर्स प्रमुख होगा। जनसभा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पांडेय ने मीडिया को बताया कि प्रदेश भर में कामगारों की हितों की रक्षा करने में शासन प्रशासन पूर्णतः विफल है और श्रम विभाग केवल दिखावे के लिए ही संचालित है। उन्होंने बताया कि श्रम विभाग द्वारा तीन से छः माह में न्यूनतम मजदूरी दर घोषित की जाती है लेकिन इसका परिपालन हो रहा है कि नही इसकी जानकारी श्रम विभाग के अधिकारियों समेत किसी को जानकारी नही है जिससे उनके अधिकारों के प्रति कोई ठोस कदम उठा सके।
कामगार जनसभा का गठन इसी उद्देश्यों के लिए किया गया है, आज बस्तर के अंदर काम गार मजदूर और युवा कहीं ना कहीं नौकरी कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश के अंदर न्यूनतम वेतनमान लागू नही होने के कारण औने पौने वेतन में काम करने पर मजबूर हैं। इस मंहगाई की दौर में जहां भाजपा सरकार में पेट्रोल डीजल और खाद्य पदार्थों की कीमत आसमान छू रही है वैसे में ये युवा कम वेतनमान में अपनी गृहस्ती चलाने को मजबूर हैं। अरुण पांडेय ने आगे कहा कि प्रदेश में न्युनतम वेतनमान लागू नही होना युवाशक्ति के पलायन के लिए प्रमुख कारणों में एक है। इस हेतु कामगार जनसभा शासन-प्रशासन से कड़ाई के साथ प्रदेश में न्यूनतम वेतनमान लागू कराने संगर्षरत रहेगी और लागू करवा के रहेंगे ताकि राज्य से पलायन की परंपरा सदैव के लिए रुक सके और स्थानीय स्तर पर ही शासन प्रशासन के नियमानुसार वेतन/म्हज़दूरी दर में रोजग़ार के अवसर उपलब्ध हो।