Epilepsy Treatment : मिर्गी का दौरा आने पर भूलकर भी ना सुंघाएं जूता, जाने क्या करें और क्या ना करें, ये है तरीका...
Epilepsy Treatment: In case of an epileptic attack, do not smell the shoes even by mistake, know what to do and what not to do, this is the method... Epilepsy Treatment : मिर्गी का दौरा आने पर भूलकर भी ना सुंघाएं जूता, जाने क्या करें और क्या ना करें, ये है तरीका...




Epilepsy Treatment :
नया भारत डेस्क : मिर्गी, ब्रेन की अनियंत्रित इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी है। ये मांसपेशियों के काम, व्यवहार, संवेदनाओं या जागरूकता की स्थिति में असामान्यताएं पैदा करता है जिससे शरीर अकड़ने लगता है या फिर हाथ-पैरों में अलग से हलचल होती है। मिर्गी का दौरा कई कारणों से होता है जैसे यह आपके खून में नमक या शुगर के ज्यादा स्तर से हो सकता है। ये स्ट्रोक या सिर की चोट की वजह से हो सकता है। इसके अलावा ये मस्तिष्क में ट्यूमर की वजह से भी हो सकता है। साथ ही अल्जाइमर रोग, तेज बुखार या बीमारियां या संक्रमण जो आपके मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाते हैं इनकी वजह से भी मिर्गी के दौरे हो सकते हैं। पर चिंता की बात ये है कि लोग इस बीमारी में प्राथमिक उपचार (Seizure First Aid) के नाम पर गलत तरीके अपनाते हैं, जो कि स्थिति को और खराब कर सकती है। (Epilepsy Treatment)
मिर्गी का आए दौरा तो न सुंघाएं जूता और प्याज
दरअसल, मिर्गी को लेकर लोगों के अंदर कुछ मिथ्य हैं जैसे कि मिर्गी का दौरा आने पर जूता और प्याज सुंघाना, इसे रोकने में मदद कर सकता है। जबकि ये तरीका पूरी तरह से गलत है और ये इस न्यूरोलॉजिकल समस्या को और खराब कर सकती है। इसलिए इसकी जगह आपको एक्सपर्ट के बताए या फिर Centers for Disease Control and Prevention के इन गाइडलाइन्स को अपनाना चाहिए। (Epilepsy Treatment)
डॉक्टर के आने तक करें ये उपाय-First aid for mirgi attack
किसी भी प्रकार के दौरे से पीड़ित व्यक्ति की मदद के लिए CDC ने कुछ गाइडलाइन्स जारी किए हैं। जैसे...
-सबसे पहले तो मिर्गी आने वाले व्यक्ति में जब तक दौरा खत्म न हो जाए और वह पूरी तरह से जाग न जाए, तब तक व्यक्ति के साथ रहें। इसी दौरान डॉक्टर को कॉल करें।
-व्यक्ति को जमीन पर किसी एक दिशा में लिटा दें।
-व्यक्ति को धीरे से एक तरफ घुमाएं। इससे व्यक्ति को सांस लेने में मदद मिलेगी।
-व्यक्ति के आस-पास के क्षेत्र को किसी कठोर या नुकीली चीज से साफ करें। इससे चोट लगने से बचाया सकता है।
-उसके सिर के नीचे मुड़ी हुई जैकेट जैसी कोई नरम और सपाट चीज रखें।
-चश्मा उतार दें।
-गर्दन के चारों ओर बंधी टाई या किसी भी चीज़ को ढीला कर दें जिससे सांस लेने में कठिनाई न हो।
इसके समाप्त होने के बाद व्यक्ति को सुरक्षित स्थान पर बैठने में मदद करें। एक बार जब वे होश में आ जाएं और बातचीत करने में सक्षम हो जाएं, तो उन्हें बहुत सरल शब्दों में बताएं कि क्या हुआ था। व्यक्ति को सांत्वना दें और शांति से बोलें। अगर ये स्थिति घर के बाहर होती है तो, डॉक्टर के पास ले जाने के साथ यह सुनिश्चित करें कि व्यक्ति सुरक्षित घर पहुंच जाए। (Epilepsy Treatment)