CG- स्वाइन फ्लू ब्रेकिंग : छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू के अब तक कुल मरीजों की संख्या 49 हो गई... एक की मौत…स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए विस्तृत दिशा-निर्देश...यह लक्षण दिखें तो ना करे नज़र -अंदाज़….

Chhattisgarh Swine flu breaking: Total number of swine flu patients in Chhattisgarh so far has gone up to 49... one dead

CG- स्वाइन फ्लू ब्रेकिंग : छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू के अब तक कुल मरीजों की संख्या 49 हो गई... एक की मौत…स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए विस्तृत दिशा-निर्देश...यह लक्षण दिखें तो ना करे नज़र -अंदाज़….
CG- स्वाइन फ्लू ब्रेकिंग : छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू के अब तक कुल मरीजों की संख्या 49 हो गई... एक की मौत…स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए विस्तृत दिशा-निर्देश...यह लक्षण दिखें तो ना करे नज़र -अंदाज़….

Chhattisgarh Swine flu breaking: Total number of swine flu patients in Chhattisgarh so far has gone up to 49... one dead

छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू के 12 नए केस सामने आए हैं। इनमें से चार केस अकेले रायपुर के हैं। प्रदेश में अब स्वाइन फ्लू के कुल मामलों की संख्या 49 हो गई है। 22 केस अब भी एक्टिव हैं। जिनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है।स्वास्थ्य विभाग गुरुवार देर रात 12 नए मामलों की पुष्टि की है

स्वाइन फ्लू के केस में चार लोग रायपुर के हैं। तीन लोग रायगढ़ से, दो मरीज राजनांदगांव से और एक-एक मरीज धमतरी, बस्तर और कोरबा जिलों से आए हैं। अब धमतरी, रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बस्तर, बालोद, महासमुंद और काेरबा में एक्टिव मरीज हैं। इनमें से अधिकतर लोग राजधानी रायपुर के अस्पतालों में ही भर्ती हैं। ओडिशा से एक मरीज भी रायपुर के निजी अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे हैं। अब तक प्रदेश के 13 जिलों से स्वाइन फ्लू के मामले सामने आ चुके हैं। अब सबसे अधिक 18 मरीज रायपुर जिले में ही मिले हैं। इनमें से 11 लोगों को इलाज के बाद छुट्‌टी दी जा चुकी है। दुर्ग में 8 मरीज मिले थे, जिसमें से केवल एक को छुट्‌टी मिली है। रायगढ़ और राजनांदगांव में 5-5 मरीज मिले थे। रायगढ़ के सभी मरीज ठीक हो चुके हैं। वहीं राजनांदगांव के चार मरीज इलाज के बाद ठीक हुए हैं।

सात अगस्त को स्वाइन फ्लू के दाे मामलों की पुष्टि हुई थी। इनमें से कवर्धा की एक चार साल की बच्ची की इलाज के दौरान मौत हाे गई। डॉक्टरों का कहना था, बच्ची में संक्रमण के बाद निमोनिया हो गया था। उसकी वजह से बच्ची के फेफड़ों ने काम करना बंद कर दिया था। वहीं बालोद की एक तीन साल की बच्ची का इलाज जारी है।

अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में स्वाइन फ्लू के संक्रमित करीब 25-30 दिन पहले से मिल रहे थे। रिपोर्टिंग में देरी की वजह से पिछले सप्ताह ही संक्रमण की पुष्टि की जा सकी थी। डॉक्टरों का कहना है कि बरसाती मौसम को देखते हुए संक्रमण के फैलते चले जाने का खतरा बना हुआ है। अस्पतालों में भी पूरा एहतियात बरतते हुए मरीजों का इलाज किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों और अधिकारियों को सतर्कता बरतने का निर्देश दिया हुआ है। लक्षण दिखते ही नमूनों की जांच करने को भी कहा गया है

डॉक्टरों ने बताया, स्वाइन फ्लू या H1 N1 इंफ्लूएंजा भी सामान्य इंफ्लूएंजा यानी सर्दी-जुकाम जैसे लक्षणों वाला ही होता है। अंतर यह है कि सामान्य सर्दी-जुकाम अधिकतम तीन दिनों में ठीक हो जाता है। लेकिन स्वाइन फ्लू में यह कई दिनों तक चलता है। इससे श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचता है। छोटे बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और दिल, किडनी, फेफड़े, रक्तचाप, कैंसर आदि की बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए यह फ्लू घातक हो सकता है।


डॉक्टरों का कहना है, स्वाइन फ्लू एक H1 N1 इंफ्लूएंजा वायरस की वजह से होता है जो सूअरों में पाया जाता है। तीन दिनों से अधिक समय तक 101 डिग्री से अधिक बुखार रह रहा हो, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ हो रही हो, नाक से पानी आ रहा हो या फिर नाक पूरी तरह बंद हो गई हो, थकान, भूख में कमी और उल्टी जैसे लक्षण स्वाइन फ्लू हो सकते हैं। अगर ऐसे लक्षण दिखें तो इसे नजर अंदाज न करें। तुरंत अस्पताल पहुंचकर जांच कराएं।