CG- कलेक्टरों को कड़े निर्देश: राहुल के बोरवेल में गिरने पर सरकार एक्शन में.... अनुपयोगी एवं ओपन बोरवेल को तत्काल ढकवाने और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का कड़ाई से पालन करने कहा.... ACS टू CM ने जारी किए विस्तृत दिशा-निर्देश......
Chhattisgarh Strict instructions to collectors to cover unused and open borewells immediately रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार राज्य में अनुपयोगी एवं ओपन बोरवेल को सुरक्षा की दृष्टिकोण से तत्काल ढकवाने के निर्देश सभी कलेक्टरों को दिए गए हैं। मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने सभी कलेक्टरों को पत्र जारी कर अनुपयोगी बोरवेल, ग्रेबल पैक बोरवेल सामान्य बोरवेल, नवीन नलकूप खनन, रिंगवेल और ओपन वेल की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम के संबंध में सुरक्षात्मक उपाय करने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश दिए हैं। रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार राज्य में अनुपयोगी एवं ओपन बोरवेल को सुरक्षा की दृष्टिकोण से तत्काल ढकवाने के निर्देश सभी कलेक्टरों को दिए गए हैं। मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने सभी कलेक्टरों को पत्र जारी कर अनुपयोगी बोरवेल, ग्रेबल पैक बोरवेल सामान्य बोरवेल, नवीन नलकूप खनन, रिंगवेल और ओपन वेल की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम के संबंध में सुरक्षात्मक उपाय करने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश दिए हैं।




Chhattisgarh Strict instructions to collectors to cover unused and open borewells immediately
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार राज्य में अनुपयोगी एवं ओपन बोरवेल को सुरक्षा की दृष्टिकोण से तत्काल ढकवाने के निर्देश सभी कलेक्टरों को दिए गए हैं। मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने सभी कलेक्टरों को पत्र जारी कर अनुपयोगी बोरवेल, ग्रेबल पैक बोरवेल सामान्य बोरवेल, नवीन नलकूप खनन, रिंगवेल और ओपन वेल की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम के संबंध में सुरक्षात्मक उपाय करने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि अनुपयोगी बोरवेल्स को किसी भी स्थिति में खुला न छोड़ा जाए। बोरवेल फेल होने की स्थिति में बोर होल अथवा गड्ढे को तत्काल मिट्टी रेत पत्थर से भरकर सतह को पूर्व की भांति समतल और ठोस किया जाए। उन्होंने सभी कलेक्टरों को अनुपयोगी बोरवेल की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा वर्ष 2009 में रिट पिटिशन क्रमांक 09 के संबंध में पारित आदेश का कठोरतापूर्वक पालन करने को भी कहा है।
मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव ने अपने पत्र में 10 जून 2022 को जांजगीर-चांपा जिले में मालखरौदा विकासखंड के ग्राम पिहरीद में भी एक बालक के बोरवेल में गिरने की घटना का उल्लेख करते हुए लिखा है कि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसलिए कोई भी बोर उपयोग हो रहा हो, अनुपयोगी हो चुका हो, निष्प्रयोज्य घोषित हो चुका हो, केसिंग सहित हो अथवा केसिंग निकाला जा चुका हो, किसी भी प्रयोजन के लिये भी हो, शासकीय बोर हो अथवा निजी या किसी भी निकाय संस्था का बोर हो, जिसका उपयोग पेयजल, सिंचाई, वाणिज्यिक या उद्योग के लिए किया जाता हो, खुले में कदापि नहीं रहना चाहिए।
मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि सामान्यतः नलकूप खनन के दौरान कई बार भसकने वाले स्ट्रेटा प्राप्त होने से, सब-साइल जल दबाव अधिक होने से, बोल्डर प्राप्त होने से, टूल्स गिरने अथवा टूटने या अन्य कारणों से नलकूप खनन संभव नहीं हो पाता है, फलस्वरूप गड््ढा यथावत छोड़ दिया जाता है। कई बार नलकूप खनन के दौरान विभिन्न कारणों से केसिंग डालने के पश्चात भी नलकूप खनन कार्य पूर्ण नहीं हो पाता है एवं केसिंग पाईप निकाल लिया जाता है। उपरोक्त दोनों ही स्थिति में अधूरे कार्य की वजह से निर्मित बोरहोल दुर्घटना का कारण बनता है। अतः ऐसी स्थिति में गड्ढे को मिट्टी, रेत, पत्थर या अन्य उचित सामाग्री से भरा जाकर सतह को पूर्व की भाँति किया जाना सुनिश्चित किया जाये यह कार्यवाही कार्य स्थल से मशीन हटाये जाने के पूर्व अनिवार्यतः किया जाये।
इसी तरह ग्रेवेल पैक नलकूप विभागीय मापदण्डों के अनुसार 25 मीटर से अधिक कोलेप्सिबल स्ट्रेटा प्राप्त होने पर ही ग्रेवेल पैक नलकूप मान्य किया जाता है। कई बार ग्रेवेल पैक नलकूप खनन के दौरान 25 मीटर से कम कोलेप्सिबल स्ट्रेटा प्राप्त होने के फलस्वरूप उस स्थल पर नलकूप खनन कार्य स्थगित कर अन्य स्थान पर कार्य प्रारंभ कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया के फलस्वरूप निर्मित बोरहोल तुलनात्मक रूप से अधिक व्यास के होने के कारण दुर्घटना के कारण बन जाते हैं। अतः ऐसे बोर होल्स को स्थल से मशीन हटाने के पूर्व मिट्टी, रेत, पत्थर या अन्य उचित सामाग्री से भरा जाकर सतह को पूर्व की भाँति समतल एवं ठोस किया जाना सुनिश्चित किया जाये।
नलकूप खनन के दौरान कई बार ऐसी स्थिति निर्मित होती है कि नलकूप में पर्याप्त जल आवक क्षमता प्राप्त नहीं होती है। ऐसे नलकूपों को एम. एस. कैंप एवं क्रंाकीट ब्लाक बनाकर सुरक्षित रखा जाना अनिवार्य है, लेकिन कई बार ऐसे नलकूपों में कांकीट ब्लाक नहीं बनाया जाकर सिर्फ एम.एस. कैंप ही लगा दिया जाता है। कालांतर में एम.एस. कैंप के टूट-फूट हो जाने पर दुर्घटना घटने की संभावना बढ़ जाती है।
मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव ने सभी सूखे नलकूपों पर अनिवार्य रूप से सीमेन्ट/कांकीट ब्लाक बनाया जाकर स्थल को सुरक्षित करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि प्रायः यह देखा गया है कि नवीन नलकूप खनन के पश्चात हेण्डपंप, पावर पंप स्थापना के पहले बोरवेल को बिना कैपिंग के या सुरक्षात्मक उपाय किये बिना खुला छोड़ दिये जाने से भी दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। नवीन नलकूप खनन के तत्काल पश्चात, हेण्डपंप/पावर पंप स्थापना के पूर्व सभी आवश्यक सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित किये जावे।
प्रदेश के कई क्षेत्रों में जहाँ भू-जल स्तर अच्छा है, वहाँ लोगों द्वारा बाड़ी एवं खेतों में निस्तारी एवं सूक्ष्म सिंचाई हेतु रिंगवेल या ओपनवेल खनन किया जाता है, लेकिन पर्याप्त सुरक्षा के स्थायी उपायों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता है और सतह को खुला छोड़ दिया जाता है, जो दुर्घटना के कारण बनता है। मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव ने रिंगवेल या ओपनवेल के अपूर्ण या पूर्ण खनन के तत्काल पश्चात, जगत, पैरापिट वाल स्थापना के लिए संबंधित लोगों (रिंगवेल/ओपनवेल के स्वामी) को निर्देशित कर सभी आवश्यक सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित करने को कहा है।
मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव ने इस संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी निर्देशों का कठोरता पूर्वक पालन करते हुए सभी कलेक्टरों को जिले में तकनीकी अधिकारियों का दल गठित कर, हैण्डपंपों या पावर पंपों के विभिन्न कारणों से अनुपयोगी हो जाने पर नलकूप से हैण्डपंप या पावर पंप की सामग्री निकाले जाने के पश्चात नलकूप को कांकीट ब्लाक बनाकर सुरक्षित करवाने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने इस संबंध में की गई कार्यवाही की जनपद पंचायतवार एवं प्रकरणवार जानकारी प्रमुख अभियंता, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, इन्द्रावती भवन, तृतीय तल, नवा रायपुर, अटल नगर को Email [email protected] पर 30 जून तक अनिवार्यतः रूप से भेजने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टरों को नवीन बोरवेल, ग्रेवल पैक नलकूप, सामान्य नलकूप तथा रिंगवेल या बोरवेल के नवीन कार्यों में भी उक्त निर्देश का कड़ाई से पालन तथा नियमित निरीक्षण एवं समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।