CG- स्कूली छात्र बने प्रदर्शनकारी, इन समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर विधानसभा घेराव करने निकले सैकड़ों छात्र, जाने पूरा मामाला....

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्कूली बच्चे पढ़ाई छोड़कर प्रदर्शनकारी बन गए है। राजधानी के सड्डू स्थित प्रयास आवासीय विद्यालय के 10वीं कक्षा के छात्रों ने अपनी समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर आज विधानसभा का घेराव करने सड़कों पर उतर आए।

CG- स्कूली छात्र बने प्रदर्शनकारी, इन समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर विधानसभा घेराव करने निकले सैकड़ों छात्र, जाने पूरा मामाला....
CG- स्कूली छात्र बने प्रदर्शनकारी, इन समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर विधानसभा घेराव करने निकले सैकड़ों छात्र, जाने पूरा मामाला....

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्कूली बच्चे पढ़ाई छोड़कर प्रदर्शनकारी बन गए है। राजधानी के सड्डू स्थित प्रयास आवासीय विद्यालय के 10वीं कक्षा के छात्रों ने अपनी समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर आज विधानसभा का घेराव करने सड़कों पर उतर आए। सभी ने रायपुर के प्रयास आवासीय विद्यालय के प्रशासकीय अधिकारी मंजुला तिवारी और प्रिंसिपल प्रमिला शुक्ला पर डराने-धमकाने और अभद्र व्यवहार करने के गंभीर आरोप लगाए। 

प्रयास विद्यालय में अध्ययनरत छात्रों ने बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं के तैयारियों के लिये चौखभ इंस्टिट्यूट चलाया जाता है। बच्चों ने JEE की तैयारी के लिए प्रयास विद्यालय में एडमिशन लिया था, लेकिन छात्रों को न तो किताबें, परीक्षा की तैयारी के लिए मटेरियल न ही सही पढ़ाई कराई जाती है। जिससे पिछले कुछ सालों में प्रयास से JEE क्वालीफाई करने वाले विद्यार्थियों की संख्या कम हुई है। 

स्कूल में स्मार्ट क्लास के लिए प्रोजेक्टर्स महज दिखावे के लिए लगाए गए हैं। इनमें से अधिकांश काम नहीं करते। 350 छात्रों के लिए हॉस्टल में 12 बाथरूम और टॉयलेट्स का निर्माण हुआ है लेकिन इनमें से सिर्फ तीन ही उपयोग करने लायक है। टूटे नल, सीवेज सिस्टम, बारिश में पानी टपकने, टूटे दरवाजे और लाइट्स से संबधित कई समस्या है। जिनकी शिकायत छात्रों ने दर्जनों आवेदन में किया है। हॉस्टल में डॉक्टर भी ऐसा उपलब्ध कराया गया है जो सही से स्वास्थ्य की जांच नहीं करते और हर समस्या पर पैरासिटमोल देकर भेज देते हैं। बच्चों ने कहा यदि कोई छात्र की तबीयत गंभीर हो जाये तो ऐसे समय में सही इलाज मिलना भी मुश्किल है। 

छात्रों ने ये भी आरोप लगाया कि साल में दो-तीन बार निरीक्षण पर आए अधिकारियों को बाहर से ही चाय पिलाकर भेज दिया जाता है, जिससे स्कूल और हॉस्टल की स्थिति ही अधिकारियों तक नहीं पहुंच पाती है। 

आवेदन देने पर समाधान नहीं, मिलती है धमकी

छात्रों ने स्कूल प्रबंधन के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि जब अपनी समस्याओं के साथ पहुंचते हैं तो लिखित में शिकायत मांगी जाती है। जब लिखित में शिकायत की जाती है तब उन आवेदनों को किनारे कर दिया जाता है। इसे लेकर प्रयास के विद्यार्थियों ने प्रिंसिपल ऑफिस का घेराव भी कर चुके हैं। लेकिन शिकायत करने पर अधिकारी बच्चों को ट्रांसफर करने की धमकी देते है। 

छात्रों ने ज्ञापन लेने पहुंचे सहायक आयुक्त से ही पूछे सवाल

छात्रों द्वारा लिखे मांग और शिकायत पत्र लेने पहुंचे अधिकारियों में से सहायक आयुक्त विजय सिंह कंवर छात्रों के सवालों के घेरे में आ गए। दरअसल, निरीक्षण करने वाले अधिकारियों में से विजय सिंह कंवर भी रहे, जिनसे छात्रों ने सवाल उठाए कि हमारी समस्या जानने आप हमसे न मिलकर अधिकारियों के साथ चाय पी कर ही चले जाते हैं और हमसे मिलने की कोशिश भी नहीं करते। बच्चों ने पूछा कि बिना हमसे फीडबैक लिए हॉस्टल और स्कूल की स्थिति कैसे जान पाते हैं। इस पर अधिकारी ने छुट्टी के बाद निरीक्षण पर आने की बात कहने लगे और बच्चों से अब उनकी सारी समस्याओं के समाधान करने का आश्वासन देने लगे। 

छात्रों ने आदिम जाति विकास विभाग के सचिव के नाम अपनी समस्याओं और मांग के लिए ज्ञापन भी सौंपा।

ज्ञापन में छात्रों ने इन विषयों की रखी मांग-

स्कूल के प्रशासकीय अधिकारी और प्रिंसिपल को तत्काल हटाया जाय। 
स्कूल में संचालित चौखभ इंस्टिट्यूट के री- टेंडर को रोका जाये। 
स्कूल की व्यवस्था को तत्काल दुरुस्त किया जाये।