CG - SBI ने महिला के मृतक पति का फर्जी हस्ताक्षर से इंश्योरेंस में किया गड़बड़, वृद्ध मां अपने बेटे बेटी के खिलाफ जमीन पर केवल अपना नाम चाहती है, प्रेमिका के दबाव में मां को करता है परेशान आयोग की समझाईश के बाद मांगी माफी...




SBI ने महिला के मृतक पति का फर्जी हस्ताक्षर से इंश्योरेंस में किया गड़बड़ ।
वृद्ध मां अपने बेटे बेटी के खिलाफ जमीन पर केवल अपना नाम चाहती है।
प्रेमिका के दबाव में मां को करता है परेशान आयोग की समझाईश के बाद मांगी माफी
रायपुर, 07 मार्च 2024 : छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य डॉ. अनिता रावटे, ने आज छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के कार्यालय रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 245 वीं सुनवाई हुई। रायपुर जिले में कुल 117 वीं जनसुनवाई।
आज के प्रकरण के दौरान आवेदिका के पति की मृत्यु के पश्चात् अनावेदकगणों के द्वारा रिकॉर्ड में मृतक के फर्जी हस्ताक्षर का दुरूपयोग कर दस्तावेज बनाये गये। जिसके आधार पर लोन व इंश्योरेंस पॉलिसी में बदलाव हुए। आवेदिका के मृतक पति के मिलने वाली पेंशन पर भी अनावेदकगणों ने रोक लगाई, जिससे 3 बच्चों के पालन-पोषण में दिक्कत आ रही है इसलिए आवेदिका ने महिला आयोग के समक्ष अनावेदकगणों के सामने समझौते का प्रस्ताव रखा।
ताकि जल्द निराकरण हो और आर्थिक समस्या से वह मुक्त हो सके। दोनो पक्षों को विस्तार से सुना गया। अनावेदकगणों के द्वारा उच्चाधिकारियों को प्रकरण भेजा गया है इसलिए वह स्वतंत्र निर्णय लेने में सक्षम नहीं है। चूंकि दोनो पक्षों के प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है अतः आयोग से प्रकरण नस्तीबध्द किया गया।
आज के प्रकरण में आवेदिका, अनावेदक के यहां काम करती थी, और एक फिज फाइनेंस कराने के लिए अनावेदक ने आवेदिका को फाइनेंस वालो से मिलवाया फाइनेंस एप्रूवल लगभग 40 से 45 हजार अनावेदक को मिला। फीज, अलमारी, पलंग आवेदिका को मिला, लेकिन आवेदिका का कहना है कि 1 लाख 13 हजार का लोन जमा किया। जिसकी किश्ते भी आवेदिका ने जमा कर दिया है। इस पूरे प्रकरण में अन्य अनावेदकगणों की संलिप्तता स्पष्ट है। अन्य अनावेदकगणों के अनुपस्थित होने की दशा में प्रकरण आगामी सुनवाई में रखा जायेगा।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने बेटे व बेटी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया है। जिसमें अवेदिका कि जमीन जगदलपुर नगरनार में 3450 sp. Ft. है। जो कि आवेदिका के पति के नाम थी। जमीन में जावेदिका केवल अपना नाम रखना चाहती है। अनावेदक बेटे व बेटी अपना नाम हटाने के लिए तैयार है। इस प्रकरण में काउंसलिंग कर अंतिम सुलह नामा के लिए प्रकरण अगली सुनवाई में रखा जायेगा। ताकि स्थायी तमाधान हो सके।
अन्य प्रकरण में पूर्व में आयोग की टीम को भेजा गया था ताकि आवेदिका व बेटे का हिस्सा अनावेदक दे देंवे। उपस्थित अनावेदक इसके लिए तैयार है। उसका कथन है कि उसे और उसके अन्य भाईयों को संपत्ति पर बोने से रोक लगाया जिस पर आवेदिका मामला पंजीबध्द करा सकती है।
अन्य प्रकरण में आवेदिका जो अनावेदक की माता है उसने बताया कि उनका पुत्र अपनी प्रेमिका के दबाव में आकर आवेदिका को परेशान करता है आवेदिका ने बताया कि उसके दो बच्चे एक बेटा एक बेटी है। उसका पुत्र पुस्तकालय में सहायक के रूप में कार्य करता है जिससे उसे 12 हजार रु वेतन मिलता है और उसकी पुत्री भी कार्य करती है और आवेदिका का भरण-पोषण करती है।
आयोग के समझाईश पर आवेदिका के पुत्र ने अपने माता से माफी मांगी और आयोग ने निर्देश दिया की अनावेदिका कमांक 2 को पुलिस के माध्यम से आगामी सुनवाई में उपस्थित करवाने के लिए कहा। जिसके बाद प्रकरण की अंतिम सुनवाई हो पायेगी।